रांचीः झारखंड में आए दिन हाथियों के आतंक की खबरें सामने आती रहती है. हाथी गांव में घुसकर फसलों के साथ-साथ आमजनों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. बीते दिनों हाथी ने एक युवक को अपनी चपेट में ले लिया था और बुरी तरह से घायल कर दिया था. इस घटना में वन विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों में खासा आक्रोश भी है. लेकिन बीती रात रांची में जंगली हाथी की करंट से हुई मौत के बाद ग्रामीणों में संवेदनाएं भी दिखी. लोग हाथी के पैर छूते दिखे तो वहीं कोई उसके शव के पास अगरबत्ती जलाते भी नजर आए.
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करंट लगने से हाथी की मौत
बुधवार रात राजधानी के नगड़ी मुंडा टोली गांव में करंट लगने से एक जंगली हाथी की मौत हो गई. यह हादसा गांव के देवी मंडप के पास हुआ. जंगली हाथी रात में विचरण के दौरान 11 हजार वोल्ट के बिजली की तार की चपेट में आ गया था, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई. जानकारी मिलने के बाद थाना प्रभारी मनीष कुमार गुप्ता और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया.
महिलाओं ने सिंदूर और धूप-अगरबत्ती जलाकर की पूजा
इधर, घटना के बाद गांव की महिलाओं ने हाथी को सिंदूर लगाकर और धूप-अगरबत्ती जला उसकी पूजा की और उसकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की. ग्रामीणों की मान्यता है कि हाथी की मौत होने के बाद उसके साथी और भी उग्र हो जाते हैं और वे गांव के लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
लेवल के नीचे था बिजली का तार
घटना के बाद डीएफओ एके दूबे और सहायक विद्युत अभियंता लालजी प्रसाद महतो का कहना है कि बिजली का तार लेवल से नीचे होने की वजह से विचरण के दौरान हाथी उसकी चपेट में आ गया. जिससे उसकी मौत हो गई. कोरोना की वजह से पिछले एक साल से काम पूरा नहीं हो पाया. जिसकी वजह से यह घटना घटित हुई.
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बीते 2 साल में 3 हाथियों की मौत
बेड़ो वन क्षेत्र में पिछले 2 वर्षों में तीन जंगली हाथियों की करंट लगने से मौत हो चुकी है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बिजली विभाग को सूचना देने के बावजूद मरम्मत नहीं किए जाने पर जंगली हाथी की मौत हो गई. वहीं वन क्षेत्र के ग्रामीणों ने वन विभाग पर भी लापरवाही का आरोप लगाया कि आमजन और जानवरों की सुरक्षा के लिए विभाग ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया है.
झारखंड में हाथी की मौत का आंकड़ा
राज्य में 4 फरवरी 2021 को पश्चिम सिंहभूम में ट्रेन की चपेट में आने से दो हाथी की मौत हो गई थी. वहीं साल 2020 में पश्चिम सिंहभूम में दो और हाथी की मौत का मामला सामने आया था. ये घटनाएं हाईटेंशन तार और ट्रेन की चपेट में आने से घटित हुई है. वहीं पिछले दो वर्षों में रांची में करंट लगने से तीन हाथी की मौत हो चुकी है. साल 2020 और साल 2017 में पूर्वी सिंहभूम में 2 हाथी और एक हाथी के बच्चे की मौत हो गई थी.