रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन कराने वाले उम्मीदवार सड़क पर शक्ति प्रदर्शन करते हैं. उसके बाद नामांकन के लिए डीसी कार्यालय पहुंचते हैं. शक्ति प्रदर्शन के दौरान पूरा शहर जाम की आगोश में समा जाता है और इसका परिणाम स्कूली बच्चों सहित जरूरी काम के लिए जा रहे आम लोगों को भुगतना पड़ता है.
जाम से अधिक प्रभावित रहते हैं ये इलाके
सड़कों के आधे हिस्सों पर वाहनों की पार्किंग, अलग-अलग पार्टियों के साथ जिंदाबाद के नारे लगती जाती हुई भीड़, सड़क पर रेंगते वाहन, पैदल राहगीरों को चलने के लिए जगह ढूंढना और चारों ओर वाहनों की लंबी कतारें. यह हाल पिछले एक सफ्ताह से राजधानी रांची की है. डीसी कार्यालय से नजदीक होने के कारण शहर के कचहरी रोड, रेडियम रोड और सर्कुलर रोड के इलाके जाम से सबसे अधिक प्रभावित रहते है.
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स्कूली बच्चों पर हो रहा है जाम का सबसे ज्यादा असर
इस जाम का सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों पर हो रहा है. वे अपने स्कूलों से तो सही समय पर निकलते हैं, लेकिन घर पहुंचते-पहुंचते काफी देर हो जाती है. इस दौरान बस स्टॉपेज पर उनका इंतजार कर रहे माता-पिता अपने बच्चों के सकुशल वापसी के लिए परेशान रहते हैं. रांची से भाजपा सांसद संजय सेठ अपने पार्टी के उम्मीदवार सीपी सिंह का नामांकन करा कर वापस लौट रहे थे. उसी दौरान ईटीवी भारत की टीम ने उनसे पूछा कि आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ जाती है कि नामांकन के लिए पार्टियों को सड़क पर शक्ति प्रदर्शन करना पड़ता है.
अनुशासन से जुड़ी हुई है पार्टी
सांसद महोदय शक्ति पर्दशन की बात को बड़े सफाई से टाल गए और फिर एक बड़ा नपा तुला जवाब मिला. सांसद के अनुसार उनकी पार्टी एक अनुशासन से जुड़ी हुई पार्टी है और उनके नेता के नामांकन के लिए जो भी कार्यकर्ता आये थे. वे तुरंत वापस लौट गए थे. अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने वाला बता सांसद ने दूसरे पार्टी के लोगों को सीख दे डाली कि उन्हें ट्रैफिक सेंस होना चाहिए और यह समस्या ट्रैफिक के अधिकारियों को देखना चाहिए.
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पैदल चलने के लिए भी जगह नहीं
प्रत्याशियों और समर्थकों की भीड़ की वजह से पिछले एक सफ्ताह से रांची के सड़कों पर बेतरतीब जाम लगा रहता है. इस वजह से लोगों को पैदल चलने की भी जगह नहीं मिल रही है. जाम के बीच ट्रैफिक पुलिसकर्मी कई जगहों पर रूट डायवर्ट कर जाम से निजात दिलाने की कोशिश करते नजर आते है, लेकिन वाहनों का दबाव लगातार बढ़ता ही जाता है. इससे जाम की स्थिति से चाह कर भी ट्रैफिक पुलिस निजात नहीं दिला पाते है.