रांची:धनकुबेर इंजीनियर वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद एक तरफ जहां ईडी तेजी से मामले की जांच में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ झारखंड सरकार के दूसरे विभागों के इंजीनियर-ठेकेदारों के द्वारा किए गए घपले-घोटालों की जानकारी भी ईडी के पास पहुंचने लगी है. घपले-घोटालों की जानकारी ज्ञात और अज्ञात दोनों ही तरीके से ईडी के पास पहुंच रही है.
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भ्रष्टाचार से पीड़ित लोग कर रहे हैं शिकायतः झारखंड में ईडी के द्वारा की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद ईडी के ग्रीवांश सेल में लगातार भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की शिकायतें आ रही हैं. इसमें कई अज्ञात नाम से भी शिकायतें आ रही हैं. ईडी के पास आईं अधिकांश शिकायतें वैसे लोगों की हैं, जो कभी न कभी भ्रष्टाचार से पीड़ित रहे हैं. हालांकि सच्चाई यह है कि ईडी केवल उन्हीं केस की जांच कर सकती है जो प्रिडिकेटिव ऑफेंस के दायरे में आती हैं, लेकिन आमलोगों को यह लग रहा है कि अगर ईडी के पास वे शिकायत करेंगे तो हो सकता घपले-घोटाले करने वाले अफसरों पर कार्रवाई हो.
वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद इन विभागों की शिकायतें आईंः ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद कई विभागों में हुए भ्रष्टाचार को लेकर लोगों ने ईडी को सूचना दी है. मसलन जलापूर्ति विभाग में टेंडर में गड़बड़ी, स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना सहित दर्जनों पुल-पुलिया के घटिया निर्माण संबंधित जानकारी. जुडको द्वारा डीपीआर बनाने में करोड़ों खर्च करने और योजना बंद कर 100 करोड़ से अधिक रुपए बर्बाद करने की शिकायत भी ईडी को मिली हैं.
अब तक 350 शिकायतें आ चुकी हैंः छह मई 2022 को तत्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई और गिरफ्तारी के बाद से ईडी के ग्रीवांस सेल में 350 से अधिक शिकायतें आईं हैं. ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम फिलहाल सलाखों के पीछे हैं. ईडी के द्वारा वीरेंद्र राम को गिरफ्तार करने के बाद कई दूसरे विभागों में हुई गड़बड़ी का पुलिंदा ईडी के पास पहुंचाया जा रहा है. ग्रामीण विकास, पथ निर्माण, भवन निर्माण, पेयजल एवं स्वच्छता, जल संसाधन जैसे विभागों में इंजीनियरों और ठेकेदारों के द्वारा की गई गड़बड़ी से संबंधित जानकारी और तथ्य लगातार ईडी के पास पहुंच रहे हैं.
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पुलिस मुख्यालय से मांगी गई है जानकारीः इसी साल जनवरी महीने में राज्य के कई रसूखदारों के खिलाफ कई तरह के साक्ष्यों के साथ शिकायतें ईडी के पहुंची थी. जिनके खिलाफ शिकायत आई थी उनमें राज्य के शिक्षा मंत्री और उनके पीए पवन कुमार, रिटायर आईएएस अधिकारी केके खंडेलवाल, पाकुड़ के पूर्व डीसी दिलीप झा, गिरिडीह एसपी अमित रेणू, एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह समेत कई अन्य अधिकारियों और कारोबारियों के नाम शामिल थे. ईडी की तरफ से पुलिस मुख्यालय के आईजी मानवाधिकार से मामले में जानकारी मांगी गई थी. कई सूचना तो ईडी को मिल चुकी है, वहीं कई जानकारी अभी आनी बाकी है.
प्रिडिकेटिव ऑफेंस वाले मामलों की जांचः जानकारी के अनुसार जिन मामलों में शिकायतें प्रिडिकेटिव आफेंस के दायर में आती हैं, उन मामलों में ईडी अलग से इंफोर्समेंट कंप्लेन इंक्वायरी रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर सकती है.