रांची: जिले के सैकड़ों छात्रों को डाटा एंट्री की नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों ठग कर फरार स्मोक मल्टीप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का मैनेजर कुमार शानू उर्फ अंकित ठगी के पैसे से ऐशो आराम की जींदगी जी रहा था, लेकिन आक्रोशित भीड़ ने मंगलवार को उसके कार्यालय को लूट लिया और जम कर हंगामा किया. मामले की तफ्दीश में जुटी पुलिस को उसके बारे में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं.
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होटल में एक लाख के कमरे में रहता था शानू
कुमार शानू ने रांची के एवीएन ग्रांड होटल में कमरा ले रखा था, जिसका वह हर महीने एक लाख रुपये बिल देता था. उसी होटल के किचन का खाना खाता था. हर दिन 500 रुपये का एनर्जी ड्रिंक भी पीता था. उसके फरारी के दूसरे दिन पुलिस होटल एवीएन ग्रांड पहुंची और होटल के कमरे की तलाशी ली. हालांकि कमरा खाली था और पूरी तरह साफ कर दिया गया था.
जानकारी के अनुसार सोमवार की रात ही शानू फरार हो चुका था. इधर हिंदपीढ़ी थाने की पुलिस ने उसका लोकेशन निकलवाया. उसका अंतिम लोकेशन कार्यालय के पास ही मिला और उसका दूसरा नंबर भी ढूंढा जा रहा है. वहीं, पुलिस को जानकारी मिली है कि कुमार शानू उर्फ अंकित बिहार के खगड़िया जिले के गोगरी थाना क्षेत्र के बोरना निवासी विजय कुमार का पुत्र है. इससे संबंधित आधार कार्ड की प्रति पुलिस को मिली है, जिसका सत्यापन कराने के बाद पुलिस उसके मूल पते तक जाने की तैयारी कर रही है.
एसडीओ-एडीएम को थी सूचना
ठगी के शिकार पीड़ितों ने बताया कि एसडीओ गरिमा सिंह और एडीएम लॉ एंड ऑर्डर को सूचना दी गई थी. एसडीओ को पंपलेट देकर पूरी जानकारी दी गई थी. एडीएम को फोन पर पूरी जानकारी देकर छापेमारी का आग्रह किया गया था, लेकिन दोनों अधिकारी लिखित आवेदन का इंतजार करते रहे. इस बीच कुमार शानू उर्फ अंकित फरार हो गया. हिंदपीढ़ी पुलिस को भी सूचना दी गई थी, लेकिन पुलिस के पास किसी भी पिड़ित द्वारा एफआइआर दर्ज नहीं कराए जाने की वजह से पुलिस ने कार्रवाई नहीं की.
फरार होने के बाद छात्रों ने लूट लिया कार्यालय
डाटा एंट्री के नाम पर पांच हजार से अधिक बेरोजगारों को ठगी का शिकार बना स्मोक मल्टीप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मैनेजर कुमार शानू उर्फ अंकित के फरार होने के बाद मंगलवार को छात्रों ने खूब बवाल किया था. बवाल के बीच ठगी शिकार पीड़ितों ने वहां का सारा सामान लूट लिया था. मामले में प्रीति मित्रा के बयान पर उसके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है. करीब 300 से अधिक छात्रों ने हस्ताक्षरयुक्त शिकायत पत्र पुलिस को सौंपा है.
150 पन्ने भरने पर प्रति माह 15 से 20 हजार देने का झांसा
ठगी शिकार छात्रों को प्रति माह 15 से 20 हजार रुपये देने का सब्जबाग दिखाया गया था. तीन कैटेगरी में छात्रों को ज्वानिंग लेने के बाद उन्हें एक प्रिंटेड कॉपी के साथ 150 पेज का फॉर्म दिया गया, जिसे भरकर एक सप्ताह के भीतर जमा करना था. जमा करने पर हर सप्ताह तीन से पांच हजार रुपये देने का वादा किया गया था. कई छात्रों को इसे भरने के एवज में उन्हें झांसे में लेने के लिए रुपये दिया भी गया, जिससे लगातार छात्र फंसते चले गए.