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रांची में कोरोना की जांच के लिए घंटों करनी पड़ती है मशक्कत, रिपोर्ट के लिए भी लंबा इंतजार

राजधानी में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही है. इसके साथ ही कोरोना जांच के लिए जांच केंद्रों और अस्पतालों में भीड़ जुट रही है. इन जगहों पर लचर व्यवस्था होने की वजह से लोगों को घंटों मशक्कत करनी पड़ रही है. ईटीवी भारत की टीम ने शनिवार को झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का जायजा लिया.

corona test report in Ranchi
रिम्स में उमड़ी कोरोना जांच कराने वालों की भीड़
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Published : Apr 10, 2021, 5:09 PM IST

रांची: राजधानी में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. स्थिति यह है कि रिम्स सहित राजधानी के विभिन्न जांच केंद्रों पर लोग परेशान होते दिखें. लोगों को जांच रिपोर्ट लेने के लिए भी कई कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा हैं. आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने में देरी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने शनिवार को रिम्स का जायजा लिया, तो वहां की स्थिति हैरान करने वाली दिखी.

यह भी पढ़ेंःसिविल सर्जन लोगों की जान लेना चाहते हैं क्या, हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

वीडियो में देखिए पूरी जानकारी

जांच के लिए चार दिनों से लगा रही हैं चक्कर

रांची के सुखदेव नगर से आए मरीज के परिजन निशा कुमारी कहती हैं कि पिता के पेट में सूजन है. डाॅक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी है लेकिन अल्ट्रासाउंड करने से पहले कोरोना जांच रिपोर्ट मांगी जा रही है. निशा ने ये भी बताया कि वो पिछले चार दिनों से ट्रामा सेंटर पहुंच रही हैं, लेकिन जांच नहीं हो पा रही है.

बीमार मरीजों के व्यवस्था बेहाल

बोकारो के गोमिया से आई सुनीता कुमारी कहती हैं कि पिछले कई दिनों से न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती हैं. डॉक्टरों ने ऑपरेशन की तिथि निर्धारित कर दी है लेकिन ऑपरेशन से पहले कोविड जांच करना है. अब कोरोना जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. बीमार मरीजों के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई हैं.

क्या कहते हैं मरीज और परिजन

ये भी पढ़ेंः झारखंड में वैक्सीन का टोटा खत्म, आ गई कोविशील्ड की खेप, रांची के खाते में सबसे ज्यादा वैक्सीन

जांच रिपोर्ट में देरी से परेशानी

बंगाल से अपने मरीज का इलाज कराने पहुंचे दीपक कोइरी कहते हैं कि अस्पताल में जिस तरह की व्यवस्था है, उससे हमारे मरीज की कभी भी मौत हो सकती है. उन्होंने ये भी बताया कि वो 2 दिन से जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.

क्या कहते हैं रिम्स अधिकारी

रिम्स के सूचना जनसंपर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने में देरी होने का मुख्य कारण बैकलॉग का ज्यादा होना है. बैकलाॅग अधिक होने से जांच रिपोर्ट आने में देरी हो रही है. उन्होंने कहा कि जैसे ही बैकलाॅग घटेगा, वैसे ही मरीजों को 48 से 72 घंटे में रिपोर्ट सौंप दिया जाएगा.

रांची: राजधानी में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. स्थिति यह है कि रिम्स सहित राजधानी के विभिन्न जांच केंद्रों पर लोग परेशान होते दिखें. लोगों को जांच रिपोर्ट लेने के लिए भी कई कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा हैं. आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने में देरी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने शनिवार को रिम्स का जायजा लिया, तो वहां की स्थिति हैरान करने वाली दिखी.

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वीडियो में देखिए पूरी जानकारी

जांच के लिए चार दिनों से लगा रही हैं चक्कर

रांची के सुखदेव नगर से आए मरीज के परिजन निशा कुमारी कहती हैं कि पिता के पेट में सूजन है. डाॅक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी है लेकिन अल्ट्रासाउंड करने से पहले कोरोना जांच रिपोर्ट मांगी जा रही है. निशा ने ये भी बताया कि वो पिछले चार दिनों से ट्रामा सेंटर पहुंच रही हैं, लेकिन जांच नहीं हो पा रही है.

बीमार मरीजों के व्यवस्था बेहाल

बोकारो के गोमिया से आई सुनीता कुमारी कहती हैं कि पिछले कई दिनों से न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती हैं. डॉक्टरों ने ऑपरेशन की तिथि निर्धारित कर दी है लेकिन ऑपरेशन से पहले कोविड जांच करना है. अब कोरोना जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. बीमार मरीजों के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई हैं.

क्या कहते हैं मरीज और परिजन

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जांच रिपोर्ट में देरी से परेशानी

बंगाल से अपने मरीज का इलाज कराने पहुंचे दीपक कोइरी कहते हैं कि अस्पताल में जिस तरह की व्यवस्था है, उससे हमारे मरीज की कभी भी मौत हो सकती है. उन्होंने ये भी बताया कि वो 2 दिन से जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.

क्या कहते हैं रिम्स अधिकारी

रिम्स के सूचना जनसंपर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने में देरी होने का मुख्य कारण बैकलॉग का ज्यादा होना है. बैकलाॅग अधिक होने से जांच रिपोर्ट आने में देरी हो रही है. उन्होंने कहा कि जैसे ही बैकलाॅग घटेगा, वैसे ही मरीजों को 48 से 72 घंटे में रिपोर्ट सौंप दिया जाएगा.

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