रांची. लोक आस्था का चार दिवसीय पर्व छठ शनिवार को संपन्न हो गया. देवघर, रांची, कोडरमा समेत पूरे प्रदेश में छठ उत्साह से मनाया गया पर इस दौरान आकर्षक ढंग से सजाए गए छठ घाटों पर कोरोना गाइडलाइन का जमकर उल्लंघन हुआ. इससे प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है.
कोरोना संक्रमण को लेकर पहले राज्य सरकार ने सार्वजनिक रूप से छठ पर्व मनाने पर पाबंदी लगा दी थी पर विपक्ष और आम लोगों की मांग पर सरकार ने इसकी छूट दे दी. इसी के साथ सरकार ने लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने का आग्रह किया था पर लोगों ने इसका ध्यान नहीं दिया. छठ घाटों पर रोक के बावजूद, छोटे बच्चे और बुजुर्ग पहुंचे और सामाजिक दूरी के नियम भी टूटे. हालांकि कुछ श्रद्धालुओं का कहना था कि इस साल पहले जैसी भीड़ नहीं रही. व्रती हो या परिजन मास्क से दूर रहे. थर्मल स्कैनर और सेनेटाइजर की व्यवस्था भी नहीं दिखी.
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जमशेदपुर में स्वास्थ्य मंत्री छठ पूजा में हुए शामिल
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शनिवार को सुबह अपनी पत्नी के साथ अपने विधानसभा क्षेत्र के कदमा में स्थित नील सरोवर घाट में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और उनकी पत्नी कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए पूजा में शामिल हुए. नील सरोवर घाट में अर्घ्य देने के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता आसपास स्थित अन्य घाटों पर जाकर श्रद्धालुओं से मिलकर कुशल क्षेम पूछा. रिम्स के प्रो. एलबी मांझी का कहना है कि भीड़ से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.
रांची में सांप्रदायिक सौहार्द्र का दिखा संदेश
रांची आस्था के महापर्व छठ में सांप्रदायिक सौहार्द्र देखने को मिला. छठ पूजा में पूजा करने आई छठ व्रतियों को अर्घ्य देने के लिए सिर्फ हिंदू समाज ही नहीं बल्कि मुसलमान समाज के लोगों ने भी आस्था दिखाई. राजधानी के बड़ा तालाब सहित विभिन्न छठ घाटों पर मुस्लिम समाज के लोगों ने भी अपनी आस्था दिखाते हुए सांप्रदायिक सौहार्द्र का संदेश दिया. सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल देते हुए छठ घाट पर अर्घ्य देने पहुंची नुसरत परवीन ने बताया कि यह पर्व जाति-पाति और धर्म से ऊपर उठकर है और इसके प्रति श्रद्धा मुसलमान समाज के भी कई परिवारों में देखी जाती है.