रांची: 01 अगस्त को रांची में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या महज 49 बची थी जो आज बढ़कर 103 हो गया है. यह राज्य में कोरोना के एक्टिव केस 218 में आधे से थोड़ा ही कम है. कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग के ये आंकड़े हमें सावधान करने के लिए काफी है, पर झारखंड की राजधानी के हर चौक चौराहों पर लापरवाही ही लापरवाही दिखती है. अनलॉक में मानो लोगों ने यह मान लिया है कि कोरोना इतिहास बन गया है. विशेषज्ञ बताते हैं कि न तो कोरोना वायरस कहीं गया है और न ही खतरा कम हुआ है. बल्कि नए रूप में इसके आने का खतरा इसलिए बढ़ गया है क्योंकि देश के कई राज्यों में संक्रमण बढ़ रहा है.
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जनता बेपरवाह, पुलिस बेफिक्र
राजधानी के अल्बर्ट एक्का चौक हो या हिनू चौक या कोई और चौक चौराहा, हर तरफ बिना मास्क लगाए या बिना ठीक ढंग से मास्क पहने लोग खरीददारी करते मिल जाएंगे. सबसे परेशान करने वाली बात यह कि रांची पुलिस भी कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के प्रति पहले जैसा एक्टिव नहीं दिखती.
अल्बर्ट एक्का चौक पर ठेले पर कपड़ा बेच रहे अनवर से जब ईटीवी भारत की टीम ने पूछा कि मास्क क्यों नहीं लगाते, तो उसका जवाब लापरवाही भरा था कि "ऐसे भी मर रहे हैं कोरोना से भी मरेंगे" इसी तरह अलग-अलग दुकानदार की मास्क नहीं लगाने की अलग-अलग दलीलें.
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क्या कहते हैं चिकित्सक
रांची में वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी और झासा के महासचिव डॉ बिमलेश सिंह कहते हैं कि लापरवाही से कोरोना का खतरा बढ़ना तय है. उन्होंने यहां तक कहा कि वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बावजूद मास्क लगाना बेहद जरूरी है.