रांची: भ्रष्टाचार के मामलों में हेमंत सरकार कई बड़े और कड़े फैसले लेती दिख रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पथ निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार सिंह के खिलाफ पीई दर्ज करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार सिंह जब हजारीबाग पथ अंचल में पदस्थापित थे तो आयकर विभाग की जांच में गलत तरीके से आय से अधिक धन अर्जित करने का मामला सामने आया था. इससे जुड़े जांच प्रतिवेदन के आधार पर अनिल कुमार सिंह के खिलाफ भी दर्ज करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है.
सरकार की ओर से दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने व्यक्तिगत रूप से भ्रष्टाचार के मामलों पर गंभीर हैं. उन्होंने करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत कार्रवाई की है. आयकर विभाग के द्वारा अनिल कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता, पथ निर्माण विभाग, पथ अंचल, हजारीबाग के आवास पर 22 नवंबर 2022 को की गई तलाशी के दौरान कुल 406.28 लाख रुपए की चल- अचल संपत्ति मिली थी. इसमे 17.13 लाख रुपए नकद, 170.15 लाख रुपए का गहना और बहुमूल्य धातु, 64 लाख रुपए बैंक खातों में जमा राशि और 155 लाख रुपए परिवार के नाम पर अचल संपत्ति के रूप में मिले थे, जिसे जब्त कर लिया गया था.
इस सिलसिले में प्रधान आयकर निदेशक (अन्वेषण) कार्यालय, पटना द्वारा तलाशी और जब्ती से संबंधित प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया था. सबसे खास बात है कि साल 2022 के मई महीने के बाद से भ्रष्टाचार और मनी लाउंड्रिंग के मामलों में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. ईडी की कार्रवाई में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और छवि रंजन सलाखों के पीछे हैं. पिछले दिनों झारखंड के चर्चित कारोबारी विष्णु अग्रवाल के जमीन घोटाले में गिरफ्तारी के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि कई बड़े सफेदपोश ईडी की जद में आ सकते हैं.