रांची: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से पूरे देश में आपात स्थिति उत्पन्न हो गई. ऐसे में लोगों के रोजगार छिन गए. कई प्रतिष्ठान बंद हो गए. ऐसे में गरीबों को अनाज की कमी न हो, इस लिहाज से केंद्र सरकार ने 80 करोड़ से अधिक कार्ड धारकों को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज और प्रति परिवार 1 किलो मुक्त दाल देने की घोषणा की, जिससे चावल के साथ-साथ लोगों को 1 किलो दाल भी मिले.
कार्ड धारकों को मिल रहा महीने में दो बार राशन
इस योजना में 5 किलो अनाज राशन कार्ड पर मिलने वाले मौजूदा कोटा से अलग दिया जा रहा है. यानी महीने में दो बार लोगों को अनाज मिल रहा है. झारखंड में केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही इस योजना का खूब सराहना भी हो रहा है. झारखंड के गरीब कार्ड धारक 66 लाख परिवारों को जन वितरण प्रणाली के माध्यम से लाभ मिल रहा है. इसके तहत कार्ड धारकों को महीने में दो बार राशन मिल रहा है. प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल और प्रति परिवार 1 किलो दाल मुफ्त में मिल रहा है. ऐसे में झारखंड जैसे राज्य के लोगों को काफी लाभ मिल रहा है. पहले सिर्फ अनाज मिलता था. बाद में दाल मुफ्त में दिया जाने लगा, जिसका लोग काफी सराहना कर रहे हैं.
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जन वितरण प्रणाली योजना कारगर
राशन लेने पहुंचे कार्ड धारकों का कहना है कि यह योजना लॉकडाउन के दौरान उनके लिए काफी कारगर साबित हुई. लॉकडाउन होने से उनका काम-धाम पूरी तरह से चौपट हो गया. ऐसे में सरकार चावल तो दे रही थी, लेकिन बिना दाल के चावल बेस्वाद लग रहा था, लेकिन दाल मिलने से अब काफी खुशी है कि गरीब लोग भी इस लॉकडाउन में चावल के साथ दाल भी खा रहे हैं. देश में कार्ड धारकों की संख्या 80 करोड़ से अधिक है, जबकि झारखंड के 66 लाख परिवार में से 57 लाख कार्ड धारक परिवार हैं, जबकि 9 लाख अंत्योदय परिवार हैं. झारखंड में जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकान 25 हजार 451 है. वहीं, रांची में जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकान 2 हजार 204 है.
दाल मिलने से गरीब परिवारों राहत
राड़हा पंचायत जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के संचालक सीताराम साहू ने कहा कि अब लोगों को दो बार जन वितरण प्रणाली के तहत अनाज मिल रहा है. केंद्र सरकार की ओर से लागू इस योजना के तहत पहले महीने प्रति व्यक्ति 10 किलो चावल और प्रति परिवार 1 किलो दाल दिया गया. वहीं, दूसरी बार प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल और प्रति परिवार 1 किलो दाल दिया जा रहा है. लोगों को दाल मिलने से काफी संतुष्टि मिल रही है और लोग काफी खुश नजर आ रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही अनाज और दाल से गरीब परिवारों को काफी राहत मिल रही है.
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जन वितरण प्रणाली में सड़े हुए दाल का वितरण
वहीं, कांके विधायक समरी लाल ने कहा कि मुफ्त में एक केजी दाल देना योजना काफी सराहनीय है, लेकिन दाल की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए. क्योंकि प्रति व्यक्ति 10 किलो चावल मिल रहा है, यानी एक परिवार में लगभग 40 किलो चावल मिल रहा है. ऐसे में एक किलो दाल कम है. इस पर सुधार करने की जरूरत है. उनका कहना है कि कहीं-कहीं जन वितरण प्रणाली में सड़े हुए दाल वितरण किया जा रहा है, जिसका जांच होना चाहिए. ऐसे सरकार की ओर से चलाई गई यह योजना जमीनी स्तर पर काफी कारगर साबित हो रहा है.
1.70 लाख करोड़ रुपए की राहत पैकेज
बता दें कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुए समस्या को देखते हुए बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीब किसान, मजदूर, महिला और दिव्यांग बुजुर्ग के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए की राहत पैकेज की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि यह अनाज और दाल इसलिए दिया जा रहा है. क्योंकि देश भर में सभी कामकाज को बंद रखा गया है. ऐसे में कोई भी परिवार भूखा न रहे. इसलिए लोगों को 3 महीने का राशन और प्रति परिवार 1kg दाल देने का काम सरकार कर रही है. जो पीडीएस दुकान से कार्ड धारक प्राप्त कर रहे हैं.