रांचीः राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में स्वास्थ विभाग की विवशता और लाचारगी का आलम नवनिर्मित ट्रामा सेंटर में स्पष्ट देखा जा सकता है. नवनिर्मित ट्रॉमा सेंटर में फिलहाल 10 से 12 नर्स की ही ड्यूटी लगाई जा रही है. जबकि ट्रॉमा सेंटर के लिए प्रबंधन द्वारा 37 नर्सों की ड्यूटी लगाना तय किया गया है. इसे लेकर पिछले दिनों रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह ने मेट्रन को फटकार भी लगाई गई थी.
नवनिर्मित ट्रॉमा सेंटर में नर्सों की कमी को लेकर रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप का कहना है कि ट्रामा सेंटर में नर्सों की कमी लगातार देखी जा रही है और आने वाले समय में इमरजेंसी को भी जल्द से जल्द ट्रामा सेंटर में पूरी तरह से शिफ्ट कर दिया जाएगा जिसके बाद और भी ज्यादा नर्सों की आवश्यकता पड़ेगी. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में स्वास्थ विभाग के द्वारा रिम्स में नर्सों की बहाली भी की जाएगी ताकि रिम्स में खुले नए ट्रामा सेंटर और इमरजेंसी में नर्सों की कमी न हो, साथ ही गायनी विभाग में जल्द ही परमानेंट नर्स की बहाली की जाएगी ताकि नर्सों को बार-बार ट्रेंड करने में समय ना बर्बाद करना पड़े.
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गौरतलब है कि रिम्स में खुला नवनिर्मित ट्रॉमा सेंटर एंड इमरजेंसी राज्य के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए लगाई गई थी लेकिन, स्वास्थ्य विभाग में नर्सों की हो रही कमी के कारण ट्रॉमा सेंटर में आए क्रिटिकल मरीजों को अपना इलाज कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.