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एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के स्कूल खोलने को लेकर दिए बयान का विरोध, जानिए अभिभावकों की प्रतिक्रिया

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर कमजोर होते जा रही है, लेकिन तीसरी लहर आने की संभावना है. कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) में सबसे अधिक खतरा बच्चों को बताया जा रहा है. वहीं अब एम्स के निदेशक डाॅ रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Randeep Guleria) के बयान ने सबको चौंका दिया है. उन्होंने कहा कि बच्चों की इम्युनिटी मजबूत है, समय आ गया है कि दोबारा स्कूल खुल जाना चाहिए. उनके बयान पर अभिभावकों ने विरोध जताया है.

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डॉ गुलेरिया के बयान का विरोध
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Published : Jul 20, 2021, 3:57 PM IST

Updated : Jul 20, 2021, 4:18 PM IST

रांची: कोरोना महामारी के मद्देनजर साल 2020 के मार्च महीने से ही सभी शिक्षण संस्थान बंद (Educational Institution close) है. स्कूल खुलने का फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. दूसरी ओर झारखंड में वीकेंड लॉकडाउन (Weekend Lockdown) जारी है. ऐसे में एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Randeep Guleria) ने कहा है कि भारत के बच्चों की इम्युनिटी मजबूत है, अब समय आ गया है कि दोबारा स्कूल खुल दिया जाना चाहिए. उनके इस बयान के बाद झारखंड के अभिभावकों और एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई है.


इसे भी पढे़ं: एम्स निदेशक डाॅ रणदीप गुलेरिया बोले- भारतीय बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत, खुलने चाहिए स्कूल



16 महीने से बंद है स्कूल

कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पिछले 16 महीने से स्कूल, कॉलेज और तमाम शिक्षण संस्थान बंद हैं. कई बोर्ड परीक्षाएं रद्द हो चुकी है. वहीं संभावित कोरोना की तीसरी लहर का सबसे अधिक असर बच्चों पर होने की आशंका जताई गई है, जिसके कारण लोग अपने बच्चों का खास ख्याल रख रहे हैं. अब एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि भारत के बच्चों की इम्युनिटी मजबूत है, समय आ गया है कि दोबारा स्कूल खोल दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों के समग्र विकास में स्कूली शिक्षा बहुत मायने रखता है, ऑनलाइन क्लास से ज्यादा बच्चों का स्कूल जाना जरूरी है.

देखें पूरी खबर



अभिभावक संघ और अभिभावकों की कड़ी प्रतिक्रिया


रणदीप गुलेरिया के बयान पर अभिभावक एसोसिएशन और अन्य अभिभावकों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने ही बयान दिया था कि तीसरी लहर बच्चों के लिए काफी घातक होगा और ऐसे में अचानक उनका बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए जाने की सलाह काफी विरोधाभाष है. उन्होंने कहा कि रणदीप गुलेरिया को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या बच्चे स्कूल जाने पर सुरक्षित रहेंगे, या फिर उनके जैसे चिकित्सीय जगत के लोग अगर इस तरीके का बयान देंगे तो आम लोगों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा.



तीसरी लहर को लेकर चिंतित हैं अभिभावक
वहीं अभिभावकों का कहना है कि हर कोई चाहता है कि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो, स्कूलों में जाकर पठन पाठन करे, लेकिन झारखंड की स्थिति फिलहाल सही नहीं है, वीकेंड लॉकडाउन जारी है, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ कोरोना महामारी को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करने की नसीहत लगातार दी जा रही है, ऐसे में बच्चों के लिए अचानक स्कूल खोल देना यह कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले स्कूल के कर्मचारियों, शिक्षकों और बच्चों का टीकाकरण हो तब अगर स्कूल खोला जाए तो किसी को भी आपत्ति नहीं होगी, अभिभावक खुद अभी अपने बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते हैं, ऐसे में इस तरीके का बयान देने से पहले समाज पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इस पर भी रणदीप गुलेरिया को विचार करने की जरूरत है.


इसे भी पढे़ं: कोरोना से निपटने के लिए झारखंड के इन 14 जिलों में खुलेंगे RT-PCR लैब, 'मिशन कर्तव्य' की होगी शुरुआत


स्कूल खोलने से पहले शिक्षक और कर्मचारियों को करना होगा प्रशिक्षित

कोरोना महामारी के मद्देनजर जारी गाइडलाइन के तहत शिक्षक और कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित करना होगा. उसके बाद ही स्कूल खोले जाने को लेकर निर्णय लिया जा सकता है. वहीं कुछ निजी स्कूल प्रबंधन स्कूल खोलने की तैयारी में हैं, लेकिन जब तक अभिभावक नहीं चाहेंगे तब तक स्कूल नहीं खोला जा सकता है, क्योंकि अगर अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे तो स्कूल खोलने का कोई फायदा नहीं है.

रांची: कोरोना महामारी के मद्देनजर साल 2020 के मार्च महीने से ही सभी शिक्षण संस्थान बंद (Educational Institution close) है. स्कूल खुलने का फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. दूसरी ओर झारखंड में वीकेंड लॉकडाउन (Weekend Lockdown) जारी है. ऐसे में एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Randeep Guleria) ने कहा है कि भारत के बच्चों की इम्युनिटी मजबूत है, अब समय आ गया है कि दोबारा स्कूल खुल दिया जाना चाहिए. उनके इस बयान के बाद झारखंड के अभिभावकों और एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई है.


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16 महीने से बंद है स्कूल

कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पिछले 16 महीने से स्कूल, कॉलेज और तमाम शिक्षण संस्थान बंद हैं. कई बोर्ड परीक्षाएं रद्द हो चुकी है. वहीं संभावित कोरोना की तीसरी लहर का सबसे अधिक असर बच्चों पर होने की आशंका जताई गई है, जिसके कारण लोग अपने बच्चों का खास ख्याल रख रहे हैं. अब एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि भारत के बच्चों की इम्युनिटी मजबूत है, समय आ गया है कि दोबारा स्कूल खोल दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों के समग्र विकास में स्कूली शिक्षा बहुत मायने रखता है, ऑनलाइन क्लास से ज्यादा बच्चों का स्कूल जाना जरूरी है.

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अभिभावक संघ और अभिभावकों की कड़ी प्रतिक्रिया


रणदीप गुलेरिया के बयान पर अभिभावक एसोसिएशन और अन्य अभिभावकों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने ही बयान दिया था कि तीसरी लहर बच्चों के लिए काफी घातक होगा और ऐसे में अचानक उनका बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए जाने की सलाह काफी विरोधाभाष है. उन्होंने कहा कि रणदीप गुलेरिया को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या बच्चे स्कूल जाने पर सुरक्षित रहेंगे, या फिर उनके जैसे चिकित्सीय जगत के लोग अगर इस तरीके का बयान देंगे तो आम लोगों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा.



तीसरी लहर को लेकर चिंतित हैं अभिभावक
वहीं अभिभावकों का कहना है कि हर कोई चाहता है कि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो, स्कूलों में जाकर पठन पाठन करे, लेकिन झारखंड की स्थिति फिलहाल सही नहीं है, वीकेंड लॉकडाउन जारी है, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ कोरोना महामारी को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करने की नसीहत लगातार दी जा रही है, ऐसे में बच्चों के लिए अचानक स्कूल खोल देना यह कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले स्कूल के कर्मचारियों, शिक्षकों और बच्चों का टीकाकरण हो तब अगर स्कूल खोला जाए तो किसी को भी आपत्ति नहीं होगी, अभिभावक खुद अभी अपने बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते हैं, ऐसे में इस तरीके का बयान देने से पहले समाज पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इस पर भी रणदीप गुलेरिया को विचार करने की जरूरत है.


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स्कूल खोलने से पहले शिक्षक और कर्मचारियों को करना होगा प्रशिक्षित

कोरोना महामारी के मद्देनजर जारी गाइडलाइन के तहत शिक्षक और कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित करना होगा. उसके बाद ही स्कूल खोले जाने को लेकर निर्णय लिया जा सकता है. वहीं कुछ निजी स्कूल प्रबंधन स्कूल खोलने की तैयारी में हैं, लेकिन जब तक अभिभावक नहीं चाहेंगे तब तक स्कूल नहीं खोला जा सकता है, क्योंकि अगर अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे तो स्कूल खोलने का कोई फायदा नहीं है.

Last Updated : Jul 20, 2021, 4:18 PM IST
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