रांची: एक तरफ जहां राज्य सरकार के 4 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में रांची में भव्य समारोह का आयोजन किया गया, वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम स्थल से महज कुछ दूरी पर राजभवन के सामने राज्य सरकार के खिलाफ पारा शिक्षक विरोध-प्रदर्शन करते दिखे. राज्यभर के पारा शिक्षक गुरुवार रातभर राजभवन के समक्ष ठंड में धरना देते नजर आए. इसके बाद शुक्रवार की सुबह प्रशासन को चकमा देकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन रास्ते में ही प्रशासन ने आंदोलनरत पारा शिक्षकों को रोक दिया.
विधायक सुदीव्य कुमार के आश्वासन पर पीछे हटे पारा शिक्षकः इसके बाद आंदोलनरत पारा शिक्षकों ने सड़क पर बैठकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया. पारा शिक्षकों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर विधायक सुदीव्य कुमार सोनू पहुंचे. उन्होंने आंदोलनरत पारा शिक्षकों को मांगें पूरी कराने का आश्वासन दिया. इसके बाद आंदोलनरत पारा शिक्षक सड़क से उठकर पुनः राजभवन के समक्ष अपनी मांगों को लेकर एकजुट हो गए.
सीएम से वार्ता की मांग कर रहे थे पारा शिक्षकः उधर, पारा शिक्षकों को जुटता देखकर रांची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता भी राजभवन पहुंचे थे. उन्होंने पारा शिक्षकों को काफी समझाने का काम किया, लेकिन आंदोलनरत पारा शिक्षक मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग कर रहे थे. वहीं हालात की नजाकत के समझकर जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार सोनू मौके पर पहुंचे और उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि 10 जनवरी 2024 तक पारा शिक्षकों के वेतनमान की मांग को पूरा कर दिया जाएगा.
पारा शिक्षकों की समस्या पर नहीं दिया गया ध्यान-संजय कुमारः जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के समझाने के बाद पारा शिक्षकों ने अपना विरोध-प्रदर्शन वापस लिया. इस संबंध में पारा शिक्षक समन्वय समिति के राज्य कमेटी सदस्य संजय कुमार दुबे ने बताया कि सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में हो रहे राज्यस्तरीय कार्यक्रम में उन्हें उम्मीद थी कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा, लेकिन उन्हें जब जानकारी मिली कि पारा शिक्षकों की समस्या पर कोई विचार नहीं हो रहा है तो उन्होंने कार्यक्रम स्थल का घेराव करने की कोशिश की.
10 जनवरी तक समस्या का समाधान कराने का भरोसाः सरकार के प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे विधायक सुदिव्य कुमार ने आश्वासन दिया है कि टेबल पर बैठकर 10 जनवरी 2024 तक उनकी सभी समस्या का समाधान हो जाएगा. विधायक के आश्वासन के बाद फिलहाल पारा शिक्षक संघ ने आंदोलन को समाप्त कर दिया है. इस संबंध में पारा शिक्षकों ने कहा कि यदि 10 जनवरी तक उनके वेतनमान पर विचार नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में पारा शिक्षकों का आंदोलन और भी उग्र होगा.
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