रांची: अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा कितने प्रभावशाली हैं, इसका खुलासा इस बात से होता है कि वह न्यायिक हिरासत में रहने के बावजूद धड़ल्ले से फोन किया करते थे. 27 जुलाई से 20 अक्टूबर 2022 के बीच पंकज मिश्रा ने 300 से ज्यादा फोन कॉल किए है (Pankaj Mishra phone calls). उनकी राज्य के बड़े अफसर और पुलिस पदाधिकारियों से धड़ल्ले से बात होती थी.
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खास बात है कि जब पंकज मिश्रा न्यायिक हिरासत (Pankaj Mishra judicial custody) में थे, तब रिम्स में उनकी पहरेदारी में लगे पुलिसकर्मियों के मोबाइल भी इस्तेमाल करते थे. इसका खुलासा ईडी द्वारा पीएमएलए कोर्ट में पेश तथ्यों से हुआ है. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि पंकज मिश्रा द्वारा इस्तेमाल किए गए चार मोबाइल फोन को जब्त किया गया है. ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि बिना राजनीतिक संरक्षण के पंकज मिश्रा ऐसा नहीं कर पाते.
दरअसल, गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिन बाद ही खराब तबीयत की वजह से पंकज मिश्रा को रिम्स में एडमिट कर दिया गया था. उसी समय से ईडी की टीम उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रही थी. इस मामले में पंकज मिश्रा के करीबी कहे जाने वाले सूरज पंडित और चंदन यादव से ईडी की टीम पूछताछ कर चुकी है. ईडी ने सूरज पंडित को 6 दिसंबर और चंदन यादव को 7 दिसंबर को पूछताछ के लिए दोबारा समन किया है. ईडी द्वारा पीएमएलए कोर्ट को दी गई इस जानकारी के बाद से ब्यूरोक्रेसी और पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है.
इधर, ईडी के रडार पर चल रहे विशाल चौधरी ने अपने वकील के जरिए एजेंसी के सामने पेशी के लिए 2 हफ्ते का समय मांगा है. जानकारी के मुताबिक विशाल चौधरी 24 नवंबर को थाईलैंड जा रहा था. उसी समय उसे रोककर 28 नवंबर को रांची ऑफिस में हाजिर होने का समन दिया गया था. हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ईडी ने विशाल चौधरी को बुलाने के लिए कौन सी दूसरी तारीख तय की है.