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पंचायत स्वयंसेवकों ने किया भाजपा ऑफिस का घेराव, कहा- मांगें पूरी नहीं हुई तो इस बार 'रघुवर पार'

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Published : Sep 19, 2019, 5:19 PM IST

राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयं सेवक संघ ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भाजपा ऑफिस का घेराव किया. स्वयं सेवकों ने कहा कि उनकी पांच सूत्री मांगों की रघुवर सरकार अनदेखी कर रही है. अगर मागें नहीं मानी गई तो 'इस बार रघुवर पार' का नारा देकर सरकार को उखाड़ फेंकने की चेतावनी दी.

स्वयं सेवक

रांचीः राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों ने गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय का घेराव किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. स्वयं सेवकों ने कहा कि उनकी पांच सूत्री मांगों की रघुवर सरकार अनदेखी कर रही है.

देखें पूरी खबर


'इस बार रघुवर पार'

बड़ी संख्या में भाजपा कार्यालय का घेराव करने पहुंचे पंचायत सचिवालय स्वयं सेवकों ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर शाम से राजभवन के सामने आमरण अनशन शुरू करेंगे. प्रदर्शन के दौरान स्वयंसेवकों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे 'इस बार रघुवर पार' का नारा देकर सरकार को उखाड़ फेकेंगे. स्वयं सेवकों ने कहा कि केंद्र से झारखंड आने वाले मंत्री रघुवर दास की पीठ थपथपाते हैं लेकिन उन्हें मामूल होना चाहिए कि सरकार की इस उपलब्धि के पीछे कहीं न कहीं स्वयं सेवकों का हाथ है. प्रदर्शन के दौरान यह भी कहा गया कि पिछले तीन वर्षों से उन्हें सरकार ने प्रोत्साहन राशि नहीं दी है.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस का हाथ छोड़, डॉक्टर अजय कुमार ने AAP का झाडू़ थामा

दो सौ दिन गुजरने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं

स्वयं सेवक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष पावेल कुमार ने बताया कि पूरे राज्य में स्वयंसेवकों की संख्या 18 हजार है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ वार्ता हुआ थी और उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को दस दिन के भीतर बकाया प्रोत्साहन राशि और पहचान पत्र देने का निर्देश दिया था. बावजूद इसके करीब दो सौ दिन गुजर गए और अबतक समस्या का समाधान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि एक प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य पूरा कराने पर एक पीएसएस यानी पंचायत स्वयं सेवक को 1200 रुपये मिलते हैं. जाति, आय और आवासीय बनाने पर प्रत्येक होल्डिंग हाउस के आधार पर पचास रुपए और वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन के तहत प्रति लाभुक दस रुपए सरकार देती है. लेकिन पिछले तीन वर्षों से टुकड़ों में पैसे दिए जा रहे हैं.


पीएसएस की क्या हैं मांगें

भाजपा ऑफिस के सामने धरना पर बैठे स्वयंसेवकों ने राज्य सरकार से सेवा नियमित करने, प्रोत्साहन राशि की जगह उचित मानदेय तय करने, स्वयं सेवकों की मृत्यु होने पर परिवार को पांच लाख का मुआवजा देने, राज्य स्तर पर स्वयं सेवकों की मोनिटरिंग सेल का गठन करने और अभी तक किये गए कार्यों की बकाया राशि का अविलंब भुगतान करने की मांग की. इससे पहले बड़ी संख्या में पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवक हरमू मैदान में जुटे और प्रदेश भाजपा कार्यालय तक विरोध मार्च किया.

रांचीः राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों ने गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय का घेराव किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. स्वयं सेवकों ने कहा कि उनकी पांच सूत्री मांगों की रघुवर सरकार अनदेखी कर रही है.

देखें पूरी खबर


'इस बार रघुवर पार'

बड़ी संख्या में भाजपा कार्यालय का घेराव करने पहुंचे पंचायत सचिवालय स्वयं सेवकों ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर शाम से राजभवन के सामने आमरण अनशन शुरू करेंगे. प्रदर्शन के दौरान स्वयंसेवकों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे 'इस बार रघुवर पार' का नारा देकर सरकार को उखाड़ फेकेंगे. स्वयं सेवकों ने कहा कि केंद्र से झारखंड आने वाले मंत्री रघुवर दास की पीठ थपथपाते हैं लेकिन उन्हें मामूल होना चाहिए कि सरकार की इस उपलब्धि के पीछे कहीं न कहीं स्वयं सेवकों का हाथ है. प्रदर्शन के दौरान यह भी कहा गया कि पिछले तीन वर्षों से उन्हें सरकार ने प्रोत्साहन राशि नहीं दी है.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस का हाथ छोड़, डॉक्टर अजय कुमार ने AAP का झाडू़ थामा

दो सौ दिन गुजरने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं

स्वयं सेवक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष पावेल कुमार ने बताया कि पूरे राज्य में स्वयंसेवकों की संख्या 18 हजार है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ वार्ता हुआ थी और उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को दस दिन के भीतर बकाया प्रोत्साहन राशि और पहचान पत्र देने का निर्देश दिया था. बावजूद इसके करीब दो सौ दिन गुजर गए और अबतक समस्या का समाधान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि एक प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य पूरा कराने पर एक पीएसएस यानी पंचायत स्वयं सेवक को 1200 रुपये मिलते हैं. जाति, आय और आवासीय बनाने पर प्रत्येक होल्डिंग हाउस के आधार पर पचास रुपए और वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन के तहत प्रति लाभुक दस रुपए सरकार देती है. लेकिन पिछले तीन वर्षों से टुकड़ों में पैसे दिए जा रहे हैं.


पीएसएस की क्या हैं मांगें

भाजपा ऑफिस के सामने धरना पर बैठे स्वयंसेवकों ने राज्य सरकार से सेवा नियमित करने, प्रोत्साहन राशि की जगह उचित मानदेय तय करने, स्वयं सेवकों की मृत्यु होने पर परिवार को पांच लाख का मुआवजा देने, राज्य स्तर पर स्वयं सेवकों की मोनिटरिंग सेल का गठन करने और अभी तक किये गए कार्यों की बकाया राशि का अविलंब भुगतान करने की मांग की. इससे पहले बड़ी संख्या में पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवक हरमू मैदान में जुटे और प्रदेश भाजपा कार्यालय तक विरोध मार्च किया.

Intro:BJP KA GHERAO स्लग से लाइव यू के जरिए विजुअल और बाइट भेजी गयी है

राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयं सेवक संघ ने प्रदेश भाजपा ऑफिस का किया घेराव, मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

रांची
राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों ने आज प्रदेश भाजपा कार्यालय का घेराव किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. स्वयं सेवकों ने कहा कि उनकी पांच सूत्री मांगों की रघुवर सरकार अनदेखी कर रही है. बड़ी संख्या में भाजपा कार्यालय का घेराव करने पहुंचे पंचायत सचिवालय स्वयं सेवकों ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर आज शाम से राजभवन के सामने आमरण अनशन शुरू करेंगे. प्रदर्शन के दौरान स्वयंसेवकों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो हमलोग " इस बार रघुवर पार" का नारा देकर सरकार को उखाड़ फेकेंगे. स्वयं सेवकों ने कहा कि केंद्र से झारखंड आने वाले मंत्री रघुवर दास की पीठ थपथपाते हैं लेकिन उन्हें मामूल होना चाहिए कि सरकार की इस उपलब्धि के पीछे कहीं न कहीं स्वयं सेवकों का हाथ है. प्रदर्शन के दौरान यह भी कहा गया कि पिछले तीन वर्षों से उन्हें सरकार ने प्रोत्साहन राशि नहीं दी है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान संघ के कार्यकारी अध्यक्ष पावेल कुमार ने बताया कि पूरे राज्य में स्वयंसेवकों की सेवकों की संख्या 18 हजार है.


Body:पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ वार्ता हुआ थी और उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को दस दिन के भीतर बकाया प्रोत्साहन राशि और पहचान पत्र देने का निर्देश दिया था. बावजूद इसके करीब दो सौ दिन गुजर गए और अबतक समस्या का समाधान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि एक प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य पूरा कराने पर एक पीएसएस यानी पंचायत स्वयं सेवक को 12 सौ रू. मिलता है. जाति, आय और आवासीय बनाने पर प्रत्येक होल्डिंग हाउस के आधार पर पचास रू. और वृद्धा पेंशन,विधवा पेंशन के तहत प्रति लाभुक दस रू. सरकार देती है. लेकिन पिछले तीन वर्षों से टुकड़ों में पैसे दिए जा रहे हैं.


Conclusion:पीएसएस की क्या हैं मांगें
भाजपा ऑफिस के सामने धरना पर बैठे स्वयंसेवकों ने राज्य सरकार से सेवा नियमित करने, प्रोत्साहन राशि की जगह उचित मानदेय तय करने, स्वयं सेवकों की मृत्यु होने पर परिवार को पांच लाख का मुआवजा देने, राज्य स्तर पर स्वयं सेवकों की मोनिटरिंग सेल का गठन करने और अभी तक किये गए कार्यों की बकाया राशि का अविलंब भुगतान करने की मांग की. इससे पहले बड़ी संख्या में पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवक हरमू मैदान में जुटे और प्रदेश भाजपा कार्यालय तक विरोध मार्च किया.
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