रांचीः सेवा स्थायीकरण सहित 5 सूत्री मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे पंचायत स्वयंसेवक ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर नंग-धड़ंग प्रदर्शन आंदोलन को स्थगित कर दिया है. संघ के अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि अपरिहार्य कारणों से आज के आंदोलन को स्थगित किया गया है. संघ ने 4 अक्टूबर को झारखंड मंत्रालय का घेराव करने का निर्णय लिया है, जिसमें राज्य भर के पंचायत स्वयंसेवक भाग लेंगे.
संघ के अध्यक्ष ने कहा कि राजभवन के समक्ष चल रहा अनिश्चितकालीन धरना मांगे माने जाने तक जारी रहेगा. गौरतलब है कि सेवा स्थायीकरण सहित 5 सूत्री मांगों के समर्थन में पिछले 75 दिनों से राजभवन के समक्ष पंचायत स्वयंसेवक धरना पर बैठे हैं. आज 20 सितंबर को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर नंग-धड़ंग प्रदर्शन करने की घोषणा कर रखी थी.
आंदोलन स्थगित होने के पीछे की ये है वजहः 20 सितंबर के आंदोलन को स्थगित करने के पीछे पंचायत स्वयंसेवक संघ ने कई वजह बताई है. सबसे प्रमुख वजह प्रदेश अध्यक्ष के माता जी का असामयिक निधन और धरना दे रहे कई पंचायत स्वयंसेवक का बीमार होना बताया जा रहा है. आंदोलन कर रहे पंचायत स्वयंसेवकों का कहना है कि लगभग 75 दिनों से उनके आंदोलन की सुधि लेने के लिए सरकार का कोई अधिकारी नहीं आया हैं. ऐसे में इन पंचायत स्वयंसेवकों ने आर पार की लड़ाई की ठान ली है.
2016 में हुई थी नियुक्तिः इनका कहना है कि सरकार के द्वारा सेवा स्थायीकरण की बात तो दूर कर्मचारियों के बकाया मानदेय का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिस वजह से एक-एक कर्मचारी का बकाया सरकार पर ढाई से तीन लाख तक है. गौरतलब है कि झारखंड में पंचायत स्वयंसेवकों की नियुक्ति 2016 में प्रत्येक पंचायत में हुई थी. जिसमें आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए करीब 18 हजार युवाओं को नियुक्त किया गया था. इनके ऊपर सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी थी. जिसके लिए उन्हें मानदेय के रुप में अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग राशि निर्धारित की गई थी.