रांची: झारखंड में अपनी नौकरी का इंतजार कर रहे हजारों अभ्यर्थियों को जब यह जानकारी मिली कि उनकी नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर दी गयी है. अब फिर से नई नियुक्ति प्रक्रिया के तहत लोगों को बहाल किया जाएगा. यह सुनते ही नौकरी की आस लगाए पंचायत सचिव के हजारों अभ्यर्थियों के पैरों तले जमीन खिसक गयी. इसको लेकर पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने रांची में राजभवन के सामने प्रदर्शन किया है.
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झारखंड में पंचायत सचिव अभ्यर्थी के करीब 4000 अभ्यार्थी इसी मांग के साथ रांची में राजभवन के सामने पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने धरना दिया है. उनकी मांग है कि नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा कर उन्हें नौकरी दी जाए. लेकिन राज्य सरकार ने सभी अभ्यर्थियों की पूरी नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर दिया है. जिससे अभ्यर्थियों में आक्रोश है और वह अपनी नौकरी की मांग को लेकर धरना पर बैठ गए हैं. धरने पर बैठे अभ्यर्थी गुलाम हसन ने बताया कि पंचायत सचिव और निम्न वर्गीय लिपिक का विज्ञापन मई 2017 में जेएसएससी के द्वारा कुल 3088 पदों के लिए निकाला गया था, जिसकी लिखित परीक्षा 2018 के जनवरी माह में विभिन्न तिथियों में आयोजित की गयी थी.
उन्होंने बताया कि नियमानुसार सभी अभ्यर्थियों ने मेहनत कर लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हुए. फिर उन अभ्यर्थियों का कंप्यूटर ज्ञान और हिंदी टंकन की परीक्षा ली गयी. जिसमें उतीर्ण हुए करीब पांच हजार अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन 2019 में ही पूरा कर लिया गया है. लेकिन करीब 3 साल बीत गए हैं और अभी तक किसी को भी नियुक्ति नहीं दी गयी है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पंचायत सचिव अभ्यर्थियों की मेधा सूची जारी करने की बात कही थी लेकिन राज्य सरकार ने कोर्ट का हवाला देते हुए सभी पंचायत सचिवों की नियुक्ति रद्द कर दी.
धरने पर बैठी हजारीबाग से आई पंचायत सचिव अभ्यर्थी कुसुम कुमारी बताती हैं कि एक तरफ सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, तेजस्वी योजना के तहत बेटियों को अपने पैरों पर खड़ा होने की बात करती है. लेकिन दूसरी तरफ जो बेटी अपने पैरों पर खड़ा होना चाह रही हैं उसी के कदम रोकने का प्रयास किए जा रहा है. सरकार के द्वारा नियुक्ति रद्द किए जाने के खिलाफ में धरने पर बैठी आरती कुमारी बताती हैं कि जब भी वो अपनी मांग को लेकर घर से निकलते हैं तो घर वाले कई सवाल करते हैं हमारे पास जवाब नहीं होता. लेकिन इसके बावजूद भी इस उम्मीद पर वो धरना देने पहुंचते हैं कि शायद कोई हमारी फरियाद सुन ले.
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नौकरी की मांग को लेकर सिर्फ अभ्यर्थी ही नहीं बल्कि उनके अभिभावक भी धरने पर बैठे नजर आए. अपनी बच्ची के लिए सरकार से नौकरी मांगने के लिए धरने पर बैठे गिरिडीह से आईं अभ्यर्थी की मां रेहाना खातून बताती हैं कि अगर सरकार हमें नौकरी नहीं दे सकती तो एक पुड़िया जहर ही दे दे ताकि हम यहीं पर अपनी जान दे दे. पंचायत सचिव अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से राजभवन के सामने धरने पर बैठे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि सरकार इनकी मांगों पर क्या कुछ विचार करती है.