रांची: बिहार की राजनीति में एक शब्द चलता है जिससे सभी वाकिफ है. वह है पल्टूराम. इस शब्द का इस्तेमाल लालू यादव ने नीतीश कुमार के संदर्भ में किया था जिसे अब भाजपा ने अपना लिया है. यह शब्द इस कदर चल पड़ा है कि सुनते ही नीतीश कुमार की तस्वीर आंखों के सामने उभर आती है.
अब भाजपा ने पल्टूराम शब्द को झारखंड की राजनीति में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. झारखंड भाजपा ने सोशल मीडिया एक्स पर पल्टूराम थीम के साथ बैक टू बैक दो वीडियो जारी किया है. इसको सीएम हेमंत सोरेन पर फोकस किया गया है. सीएम हेमंत सोरेन के पुराने वादों से जुड़े वीडियो और हालिया वीडियो का क्लिप सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है.
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मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी नौकरी देने के वादे के साथ आप सत्ता में आये थे
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जब नौकरी देने की बात आयी तो अपने वादे से मुकर गए आप
सत्ता तो आती जाती रहती है मुख्यमंत्री जी
आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब सत्ता से हटा कर देगी pic.twitter.com/bOtK8RR83c
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जब नौकरी देने की बात आयी तो अपने वादे से मुकर गए आप
सत्ता तो आती जाती रहती है मुख्यमंत्री जी
आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब सत्ता से हटा कर देगी pic.twitter.com/bOtK8RR83cमुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी नौकरी देने के वादे के साथ आप सत्ता में आये थे
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जब नौकरी देने की बात आयी तो अपने वादे से मुकर गए आप
सत्ता तो आती जाती रहती है मुख्यमंत्री जी
आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब सत्ता से हटा कर देगी pic.twitter.com/bOtK8RR83c
भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पल्टूराम कहते हुए सोशल मीडिया एक्स पर दो वीडियो जारी किया है. पहले वीडियो में मुख्यमंत्री 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले एक सभा में यह कहते हुए दिख रहे हैं कि सत्ता में आने पर हमलोग दो साल के भीतर सरकार की सभी करीब 5 लाख रिक्तियों को भर देंगे. ताकि नौजवानों को काम करने का मौका मिले. इस क्लिप के साथ दूसरा वीडियो साझा किया गया है. वह वीडियो पिछले दिनों चाकुलिया में सीएम के संबोधन से जुड़ा है. उसमें सीएम यह बोलते दिख रहे हैं कि " अरे नौकरी ढूंढते रहोगे तो नौकरी के बाद भी बहुत हुज्जत है". नौकरी के बाद अच्छा पोस्टिंग चाहिए. अच्छा पोस्टिंग नहीं मिला तो फिर प्रमोशन चाहिए. फिर पता कि कहीं तनख्वाह कम मिल रहा है. कहीं नहीं मिल रहा है समय पर. दुनिया भर की परेशानी है.
इस वीडियो को जारी कर प्रदेश भाजपा ने एक्स पर लिखा है कि मुख्यमंत्री जी नौकरी देने के वादे के साथ आप सत्ता में आए थे. जब नौकरी देने की बात आई तो आप अपने वादे से मुकर गये. सत्ता तो आती जाती रहती है मुख्यमंत्री जी. आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब सत्ता से हटाकर देगी. इस वीडियो क्लिप पर लोगों की भी प्रतिक्रिया आ रही है.
कुछ लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार भी हर साल 2 करोड़ नौकरी देने के वादे के साथ सत्ता में आई थी. वहीं कुछ लोग तीसरे विकल्प की बात कर रहे हैं. एक शख्स ने लिखा है कि पारा शिक्षकों को तीन माह में वेतन देने का भरोसा मिला था. अब चार साल गुजरने को हैं. 25 दिन से वेतन मांग रहे हैं. कोई लिख रहा है कि खाते में 15 लाख रु. कब आएंगे. एक शख्स ने लिखा है कि अबतक तो यह उपाधि केवल नीतीश के पास था. अब अपना वाला को भी उपाधि मिल गया.