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पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा की जयंती आज, सीएम हेमंत सोरेन ने किया नमन

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Published : Aug 23, 2020, 2:23 PM IST

रांची में सीएम हेमंत सोरेन ने महान शिक्षाविद और लोक कलाकार पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा की जयंती पर उन्हें नमन किया. झारखंड का नाम रोशन करने वाले रामदयाल मुंडा को आज पूरा झारखंड उनको याद कर रहा है.

Padmashri Dr. Ram Dayal Munda's birth anniversary today
पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा की जयंती आज

रांची: राजधानी रांची के दिउड़ी, तमाड़ जैसी छोटी जगह से निकलकर विश्व पटल पर अपना और झारखंड का नाम रोशन करने वाले डॉ. रामदयाल मुंडा का जन्म 23 अगस्त को हुआ था. आज सीएम हेमंत सोरेन ने महान शिक्षाविद और कलाकार पद्मश्री डॉ, रामदयाल मुंडा की जयंती पर उन्हें नमन किया. बता दें कि मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व पटल पर आदिवासी संस्कृति गौरव और दर्शन को पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा ने मुखर किया था. आदिवासियों का चलना ही नृत्य, बोलना है गीत और शरीर ही मांदर है, को चरितार्थ किया था और ऐसे महापुरुष को याद करने से मन में प्रसन्नता भी होता है.

Padmashri Dr. Ram Dayal Munda's birth anniversary today
पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा की जयंती आज

ये भी पढ़ें: पार्किंग की जगह दुकान लगाने के मामले पर हाई कोर्ट गंभीर, राज्य सरकार और RMC से मांगा जवाब

बता दें कि पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा झारखंड के लिए एक ऐसा चेहरा हैं, जिन्होंने आदिवासियों को एक नई पहचान दी है. क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई हो या फिर झारखंड की आदिवासियों के हित से जुड़े कई काम किए गए हैं. डॉ. रामदयाल मुंडा ने आदिवासियों के हित में कई बेहतरीन काम किए हैं. डॉ. रामदयाल मुंडा जानते थे कि अलग झारखंड राज्य बने बिना किसी का कल्याण होने वाला नहीं है. उन्होंने झारखंड की लड़ाई ना सिर्फ बौद्धिक तौर पर लड़ी बल्कि सड़क पर उतर कर भी उन्होंने अलग झारखंड के लिए संघर्ष किया. डॉ. मुंडा रांची विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे, लेकिन दांव पेच कर उन्हें हटा दिया गया था. झारखंड आंदोलन को मजबूत करने में लगातार जुटे रहे. डॉ. मुंडा झारखंड में बीपी केसरी जैसे दोस्त के साथ कदम से कदम मिलाकर चले. बाद में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया और पद्मश्री की उपाधि से नवाजा गया.

रांची: राजधानी रांची के दिउड़ी, तमाड़ जैसी छोटी जगह से निकलकर विश्व पटल पर अपना और झारखंड का नाम रोशन करने वाले डॉ. रामदयाल मुंडा का जन्म 23 अगस्त को हुआ था. आज सीएम हेमंत सोरेन ने महान शिक्षाविद और कलाकार पद्मश्री डॉ, रामदयाल मुंडा की जयंती पर उन्हें नमन किया. बता दें कि मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व पटल पर आदिवासी संस्कृति गौरव और दर्शन को पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा ने मुखर किया था. आदिवासियों का चलना ही नृत्य, बोलना है गीत और शरीर ही मांदर है, को चरितार्थ किया था और ऐसे महापुरुष को याद करने से मन में प्रसन्नता भी होता है.

Padmashri Dr. Ram Dayal Munda's birth anniversary today
पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा की जयंती आज

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बता दें कि पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा झारखंड के लिए एक ऐसा चेहरा हैं, जिन्होंने आदिवासियों को एक नई पहचान दी है. क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई हो या फिर झारखंड की आदिवासियों के हित से जुड़े कई काम किए गए हैं. डॉ. रामदयाल मुंडा ने आदिवासियों के हित में कई बेहतरीन काम किए हैं. डॉ. रामदयाल मुंडा जानते थे कि अलग झारखंड राज्य बने बिना किसी का कल्याण होने वाला नहीं है. उन्होंने झारखंड की लड़ाई ना सिर्फ बौद्धिक तौर पर लड़ी बल्कि सड़क पर उतर कर भी उन्होंने अलग झारखंड के लिए संघर्ष किया. डॉ. मुंडा रांची विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे, लेकिन दांव पेच कर उन्हें हटा दिया गया था. झारखंड आंदोलन को मजबूत करने में लगातार जुटे रहे. डॉ. मुंडा झारखंड में बीपी केसरी जैसे दोस्त के साथ कदम से कदम मिलाकर चले. बाद में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया और पद्मश्री की उपाधि से नवाजा गया.

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