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झारखंड में धान खरीद की रफ्तार धीमी, लक्ष्य से 30 लाख क्विंटल है पीछे

झारखंड में धान खरीद की रफ्तार धीमी है. 31 मार्च तक 80 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य हैं, जिसमें 14 मार्च तक 51 लाख 34 हजार क्विंटल ही धान की खरीद हो सकी है. अब 16 दिनों में 30 लाख क्विंटल धान की खरीद करना चुनौतिपूर्ण दिख रहा है.

Paddy procurement slow in Jharkhand
झारखंड में धान खरीद की रफ्तार धीमी
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Published : Mar 16, 2022, 6:45 PM IST

रांचीः झारखंड सरकार ने 31 मार्च तक धान खरीदने का समय सीमा निर्धारित किया गया है. इस समय सीमा के भीतर 8 लाख टन यानी 80 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य है. राज्य में 15 दिसंबर 2021 से धान खरीद शुरू की गई और 14 मार्च यानी तीन माह बीतने के बाद सिर्फ 51 लाख 34 हजार क्विंटल ही धान की खरीदारी हो सकी है. अब 16 दिनों में 30 लाख क्विंटल धान खरीदना मुश्किल लग रहा है. इस स्थिति में सरकार की चिंता बढ़ हुई है.

यह भी पढ़ेंःझारखंड में धान खरीद की धीमी रफ्तार ने सरकार की बढ़ाई चिंता, जानिए क्या है वजह


आंकड़ों के मुताबिक अभी तक राज्य में किसानों को एमएसपी पर धान बेचने के लिए 402422 मैसेज किए गए है. 2.61 निबंधित किसानों में से 99,046 किसानों ने धान बेचा है. राज्य सरकार ने इस वर्ष हर प्रखंडों में स्थित लैम्प्स में 677 धान क्रय केंद्र बनाया है. इन केंद्रों पर साधारण धान का मूल्य 2050 रुपये और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपये निर्धारित किया है.

देखें स्पेशल स्टोरी

इस साल धान प्राप्त करते समय ही किसान को धान की कीमत का 50 प्रतिशत भुगतान करने का निर्णय लिया है. शेष राशि 3 महीने के भीतर भुगतान किया जाएगा. इसके बाबजूद धान खरीद अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रहा है. धीमी रफ्तार की वजह निबंधित किसानों से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीद ही करना है. इसके साथ ही नये किसानों को निबंधन में भी विलंब हो रहा है. इसके साथ ही लाल कार्डधारी किसानों से अधिकतम 80 क्विंटल ही धान खरीदने का आदेश है. इस निर्णय के कारण किसान के पास धान रहने के बावजूद लैम्प्स तक नहीं पहुंच रहा है.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में धान खरीद की रफ्तार बेहद धीमी, किसान नहीं दिखा रहे हैं दिलचस्पी

विभाग की ओर से किसानों को भेजे जा रहे मैसेज भी देरी से पहुंच रही है. बताया जा रहा है कि पहले से निबंधित किसानों के मोबाइल नंबर बदल गए हैं. इस स्थिति में लैम्प्स की ओर से भेजे जा रहे मैसेज कहीं और चला जा रहा है. यही वजह है कि नामकुम प्रखंड के रामपुर, हजाम जैसे गांव के किसानों के घरों में धान पड़ा हुआ है. नामकुम लैम्प्स के मैनेजर नीरज कुमार कहते हैं कि इस साल 20 हजार क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य है, जिसमें अब तक 6000 क्विंटल ही खरीद हो सकी है. खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि अब तक लक्ष्य के अनुरूप करीब 64 प्रतिशत धान खरीद हुआ है. अभी 15 दिन का समय बचा है. उन्होंने कहा कि लक्ष्य पूरा नहीं हुआ तो समय सीमा अप्रैल अंत तक बढ़ा सकते हैं.

इस वर्ष धान की बंपर पैदावार हुई है जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने 31 मार्च तक 80 लाख क्विंटल धान की खरीदारी का लक्ष्य तय कर रखा है. राज्य में करीब 2.61 निबंधित किसान हैं. पिछले वर्ष धान खरीद में आई शिकायत के बाद इस वर्ष सरकार ने प्रत्येक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लिया है. इन सबके बीच धान खरीद की धीमी रफ्तार ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है.

रांचीः झारखंड सरकार ने 31 मार्च तक धान खरीदने का समय सीमा निर्धारित किया गया है. इस समय सीमा के भीतर 8 लाख टन यानी 80 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य है. राज्य में 15 दिसंबर 2021 से धान खरीद शुरू की गई और 14 मार्च यानी तीन माह बीतने के बाद सिर्फ 51 लाख 34 हजार क्विंटल ही धान की खरीदारी हो सकी है. अब 16 दिनों में 30 लाख क्विंटल धान खरीदना मुश्किल लग रहा है. इस स्थिति में सरकार की चिंता बढ़ हुई है.

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आंकड़ों के मुताबिक अभी तक राज्य में किसानों को एमएसपी पर धान बेचने के लिए 402422 मैसेज किए गए है. 2.61 निबंधित किसानों में से 99,046 किसानों ने धान बेचा है. राज्य सरकार ने इस वर्ष हर प्रखंडों में स्थित लैम्प्स में 677 धान क्रय केंद्र बनाया है. इन केंद्रों पर साधारण धान का मूल्य 2050 रुपये और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपये निर्धारित किया है.

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इस साल धान प्राप्त करते समय ही किसान को धान की कीमत का 50 प्रतिशत भुगतान करने का निर्णय लिया है. शेष राशि 3 महीने के भीतर भुगतान किया जाएगा. इसके बाबजूद धान खरीद अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रहा है. धीमी रफ्तार की वजह निबंधित किसानों से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीद ही करना है. इसके साथ ही नये किसानों को निबंधन में भी विलंब हो रहा है. इसके साथ ही लाल कार्डधारी किसानों से अधिकतम 80 क्विंटल ही धान खरीदने का आदेश है. इस निर्णय के कारण किसान के पास धान रहने के बावजूद लैम्प्स तक नहीं पहुंच रहा है.

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विभाग की ओर से किसानों को भेजे जा रहे मैसेज भी देरी से पहुंच रही है. बताया जा रहा है कि पहले से निबंधित किसानों के मोबाइल नंबर बदल गए हैं. इस स्थिति में लैम्प्स की ओर से भेजे जा रहे मैसेज कहीं और चला जा रहा है. यही वजह है कि नामकुम प्रखंड के रामपुर, हजाम जैसे गांव के किसानों के घरों में धान पड़ा हुआ है. नामकुम लैम्प्स के मैनेजर नीरज कुमार कहते हैं कि इस साल 20 हजार क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य है, जिसमें अब तक 6000 क्विंटल ही खरीद हो सकी है. खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि अब तक लक्ष्य के अनुरूप करीब 64 प्रतिशत धान खरीद हुआ है. अभी 15 दिन का समय बचा है. उन्होंने कहा कि लक्ष्य पूरा नहीं हुआ तो समय सीमा अप्रैल अंत तक बढ़ा सकते हैं.

इस वर्ष धान की बंपर पैदावार हुई है जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने 31 मार्च तक 80 लाख क्विंटल धान की खरीदारी का लक्ष्य तय कर रखा है. राज्य में करीब 2.61 निबंधित किसान हैं. पिछले वर्ष धान खरीद में आई शिकायत के बाद इस वर्ष सरकार ने प्रत्येक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लिया है. इन सबके बीच धान खरीद की धीमी रफ्तार ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है.

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