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Paddy Procurement in Jharkhand: झारखंड में सरकारी आदेश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, कैसे पूरा होगा धान खरीद का लक्ष्य - रांची न्यूज

15 दिसंबर से झारखंड में धान खरीद शुरू है. लेकिन धान खरीद की रफ्तार काफी धीमी है. इसकी वजह है कि सरकार के नियमानुसार एक किसान एकमुश्त 100 क्विंटल धान ही बेच सकता है. इससे किसानों को धान बेचने में काफी परेशानी हो रही है.

झारखंड में धान खरीद की रफ्तार धीमी
Paddy Procurement in Jharkhand
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Published : Jan 25, 2022, 11:17 AM IST

रांचीः झारखंड में धान खरीद सेंटर पर किसानों से 15 दिसंबर से धान खरीद की जा रही है, ताकि समय से किसान धान बेच सके. इसके साथ ही सरकार ने यह भी व्यवस्था सुनिश्चित की है कि धान प्राप्त होते ही किसान को 50 प्रतिशत राशि भुगतान किया जाए और शेष राशि का भुगतान 3 महीने के भीतर किया जाएगा. इसके बावजूद धान खरीद में तेजी नहीं आ रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 24 जनवरी तक राज्यभर के 644 एमएसपी केंद्र पर 26 हजार 360 किसानों ने 1309898.17 क्विंटल धान बेचा है. हालांकि, निबंधित किसानों की संख्या 2 लाख 32 हजार 41 है.

यह भी पढ़ेंःPaddy Procurement in Latehar: उठाव न होने से लैम्पस के गोदाम हुए फुल, धान बेचने के लिए भटक रहे किसान

कृषि विभाग की ओर से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक किसान धान लेकर खरीद केंद्र पर पहुंचे. लेकिन सरकार की पॉलिसी से परेशान किसान धान बेच ही नहीं पा रहे हैं. इससे धान खरीद की रफ्तार काफी धीमी है. दरअसल, किसानों की परेशानी की वजह है एक बार में अधिकतम 100 क्विंटल धान ही बेच सकते हैं. अगर किसान को 200 क्विंटल धान एक साथ बेचना है तो चाहकर भी वह नहीं बेच सकते हैं. स्थिति यह है कि 100 क्विंटल धान बेचने के बाद शेष धान बेचने के लिए 15 दिनों तक इंजतार करना पड़ रहा है.

किसान संतोष जायसवाल ने बताया कि किसानों की परेशानी को सरकार शीघ्र दूर करें, तभी धान खरीदी की रफ्तार बढ़ेगी. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि धान खरीद की व्यवस्था जेएसएलपीएस के माध्यम से कराएं, ताकि किसानों को शीघ्र भुगतान भी होगा और स्थानीय किसानों की पहचान होने में सरकार को सुविधा होगी. वहीं, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि पिछले वर्ष धान अधिप्राप्ति के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी. बाहर के राज्यों से धान मंगवाकर यहां बेचा गया था. उन्होंने कहा कि इस गड़बड़ी पर अंकुश लगाने को लेकर पाबंदी लगाई गई है. उन्होंने कहा कि आवश्यकता हुई तो निर्धारित सीमा को समाप्त किया जायेगा और जमीन की कागजात की जांच-पड़ताल के बाद 200 क्विंटल से अधिक धान एक साथ खरीदी जाएगी.

देखें पूरी खबर

राज्य सरकार ने साधारण धान का मूल्य 2050 और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपये निर्धारित किया है. विभागीय अधिकारी बताते हैं कि राज्य में निबंधित किसानों की संख्या 2 लाख 32 हजार 41 है. लेकिन धान बेचने में किसानों पर लगाई गई पाबंदी के साथ साथ बेमौसम हो रही बारिश भी चिता की वजह है. बारिश की वजह से धान गीला होने से क्रय केंद्र पर खरीद नहीं हो रही है. बता दें कि इस वर्ष राज्य में धान की बंपर पैदावार हुई है. इसको देखते हुए राज्य सरकार ने 31 मार्च तक 80 लाख टन धान खरीदारी का लक्ष्य निर्धारित किया है.

रांचीः झारखंड में धान खरीद सेंटर पर किसानों से 15 दिसंबर से धान खरीद की जा रही है, ताकि समय से किसान धान बेच सके. इसके साथ ही सरकार ने यह भी व्यवस्था सुनिश्चित की है कि धान प्राप्त होते ही किसान को 50 प्रतिशत राशि भुगतान किया जाए और शेष राशि का भुगतान 3 महीने के भीतर किया जाएगा. इसके बावजूद धान खरीद में तेजी नहीं आ रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 24 जनवरी तक राज्यभर के 644 एमएसपी केंद्र पर 26 हजार 360 किसानों ने 1309898.17 क्विंटल धान बेचा है. हालांकि, निबंधित किसानों की संख्या 2 लाख 32 हजार 41 है.

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कृषि विभाग की ओर से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक किसान धान लेकर खरीद केंद्र पर पहुंचे. लेकिन सरकार की पॉलिसी से परेशान किसान धान बेच ही नहीं पा रहे हैं. इससे धान खरीद की रफ्तार काफी धीमी है. दरअसल, किसानों की परेशानी की वजह है एक बार में अधिकतम 100 क्विंटल धान ही बेच सकते हैं. अगर किसान को 200 क्विंटल धान एक साथ बेचना है तो चाहकर भी वह नहीं बेच सकते हैं. स्थिति यह है कि 100 क्विंटल धान बेचने के बाद शेष धान बेचने के लिए 15 दिनों तक इंजतार करना पड़ रहा है.

किसान संतोष जायसवाल ने बताया कि किसानों की परेशानी को सरकार शीघ्र दूर करें, तभी धान खरीदी की रफ्तार बढ़ेगी. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि धान खरीद की व्यवस्था जेएसएलपीएस के माध्यम से कराएं, ताकि किसानों को शीघ्र भुगतान भी होगा और स्थानीय किसानों की पहचान होने में सरकार को सुविधा होगी. वहीं, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि पिछले वर्ष धान अधिप्राप्ति के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी. बाहर के राज्यों से धान मंगवाकर यहां बेचा गया था. उन्होंने कहा कि इस गड़बड़ी पर अंकुश लगाने को लेकर पाबंदी लगाई गई है. उन्होंने कहा कि आवश्यकता हुई तो निर्धारित सीमा को समाप्त किया जायेगा और जमीन की कागजात की जांच-पड़ताल के बाद 200 क्विंटल से अधिक धान एक साथ खरीदी जाएगी.

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राज्य सरकार ने साधारण धान का मूल्य 2050 और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपये निर्धारित किया है. विभागीय अधिकारी बताते हैं कि राज्य में निबंधित किसानों की संख्या 2 लाख 32 हजार 41 है. लेकिन धान बेचने में किसानों पर लगाई गई पाबंदी के साथ साथ बेमौसम हो रही बारिश भी चिता की वजह है. बारिश की वजह से धान गीला होने से क्रय केंद्र पर खरीद नहीं हो रही है. बता दें कि इस वर्ष राज्य में धान की बंपर पैदावार हुई है. इसको देखते हुए राज्य सरकार ने 31 मार्च तक 80 लाख टन धान खरीदारी का लक्ष्य निर्धारित किया है.

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