ETV Bharat / state

झारखंड में बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए दिए जाएंगे ओआरएस, अस्पतालों को किया गया अलर्ट - बच्चों का निमोनिया टीकाकरण

पूरे देश समेत झारखंड में इंटेंसीफाइड डायरिया कंट्रोल (IDCF) पखवाड़ा की जगह डायरिया प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट एक्टिविटीज चलाया जाएगा. पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से बचाव के लिए ओआरएस के और जिंक के टेबलेट्स दिए जाएंगे. वहीं एपीचसी, पीएचसी से लेकर सीएचसी और सभी जिला अस्पतालों को डायरिया को लेकर अलर्ट किया गया है.

ors-will-be-given-to-children-to-save-them-from-diarrhea-in-jharkhand
बच्चों को दिए जाएंगे ओआरएस
author img

By

Published : Jun 10, 2021, 3:37 PM IST

रांची: कोरोना काल में देश समेत झारखंड में इस बार भी इंटेंसीफाइड डायरिया कंट्रोल पखवाड़ा (IDCF) की जगह डायरिया प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट एक्टिविटीज चलाया जाएगा. इसके तहत राज्य के 05 साल तक के बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए 40 लाख पैकेट ओआरएस के और जिंक के टेबलेट्स का वितरण किया जाएगा. इसके साथ-साथ बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए लोगों में जागरूकता लाया जाएगा और IEC के कार्यक्रम आयोजित होंगे.

इसे भी पढे़ं: रांची: दूल्हे की बहन के साथ छेड़खानी के बाद डोरंडा में बवाल, पत्थरबाजी और मारपीट में कई घायल



छोटे बच्चों में मृत्यु की बड़ी वजह है डायरिया
आज भी राज्य में बच्चों की असमय होनेवाली मृत्यु की बड़ी वजह डायरिया है. राज्य में लगभग 20-22% बच्चों की मौत दस्त यानि डायरिया से होती है.

क्या कहते हैं डॉक्टर
रांची के प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार कहते हैं कि डायरिया से बच्चों की जान जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे रोका जा सकता है. डॉ राजेश कहते हैं, कि डायरिया इस मायने में भी खतरनाक है, क्योंकि इससे बच्चे कुपोषण के चक्र में फंस जाते हैं और फिर उसके शारीरिक विकास पर भी असर पड़ता है.

इसे भी पढे़ं: झारखंड में लॉकडाउन 16 जून तक बढ़ा, जानिए क्या खुलेंगे और क्या रहेंगे बंद




सभी सीएचसी, पीएचसी और एडिशनल पीएचसी अलर्ट
एपीचसी, पीएचसी से लेकर सीएचसी और सभी जिला अस्पतालों को डायरिया को लेकर अलर्ट किया गया है. इसके तहत राज्य में करीब साढ़े आठ लाख बच्चों के लिए 40 लाख ओआरएस के पैकेट बांटे जाएंगे. इसे लेकर NHM, झारखंड के नोडल पदाधिकारी आईईसी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि विभाग के ओर से सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि मॉनसून से पहले एक पखवाड़े तक चलने वाले इस अभियान में सभी पांच वर्ष से छोटे बच्चों को ओआरएस के पर्याप्त पैकेट और जिंक की सुविधा प्रदान करने के भी निर्देश दिए गए हैं, इसके अलावा सीएसची, पीएचसी, हेल्थ सब सेंटर पर भी ओआरएस पर्याप्त मात्रा में रखने और बच्चों के केयर संबंधी विशेष आदेश दिए गए हैं.


बच्चों का निमोनिया टीकाकरण भी शुरू
सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि डेढ़ महीने तक के शिशुओं के लिए छह जून से निमोनिया (PCV) टीकाकरण भी आरंभ हो गया है, यह पहली बार है, कि राज्य में निमोनिया से बचाव का टीका किसी बच्चे को दिए जा रहे हैं, भारत सरकार ने इसे प्राथमिकता में रखकर सभी बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिए हैं और 72 हजार वैक्सीन झारखंड को दिया गया है.

रांची: कोरोना काल में देश समेत झारखंड में इस बार भी इंटेंसीफाइड डायरिया कंट्रोल पखवाड़ा (IDCF) की जगह डायरिया प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट एक्टिविटीज चलाया जाएगा. इसके तहत राज्य के 05 साल तक के बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए 40 लाख पैकेट ओआरएस के और जिंक के टेबलेट्स का वितरण किया जाएगा. इसके साथ-साथ बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए लोगों में जागरूकता लाया जाएगा और IEC के कार्यक्रम आयोजित होंगे.

इसे भी पढे़ं: रांची: दूल्हे की बहन के साथ छेड़खानी के बाद डोरंडा में बवाल, पत्थरबाजी और मारपीट में कई घायल



छोटे बच्चों में मृत्यु की बड़ी वजह है डायरिया
आज भी राज्य में बच्चों की असमय होनेवाली मृत्यु की बड़ी वजह डायरिया है. राज्य में लगभग 20-22% बच्चों की मौत दस्त यानि डायरिया से होती है.

क्या कहते हैं डॉक्टर
रांची के प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार कहते हैं कि डायरिया से बच्चों की जान जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे रोका जा सकता है. डॉ राजेश कहते हैं, कि डायरिया इस मायने में भी खतरनाक है, क्योंकि इससे बच्चे कुपोषण के चक्र में फंस जाते हैं और फिर उसके शारीरिक विकास पर भी असर पड़ता है.

इसे भी पढे़ं: झारखंड में लॉकडाउन 16 जून तक बढ़ा, जानिए क्या खुलेंगे और क्या रहेंगे बंद




सभी सीएचसी, पीएचसी और एडिशनल पीएचसी अलर्ट
एपीचसी, पीएचसी से लेकर सीएचसी और सभी जिला अस्पतालों को डायरिया को लेकर अलर्ट किया गया है. इसके तहत राज्य में करीब साढ़े आठ लाख बच्चों के लिए 40 लाख ओआरएस के पैकेट बांटे जाएंगे. इसे लेकर NHM, झारखंड के नोडल पदाधिकारी आईईसी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि विभाग के ओर से सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि मॉनसून से पहले एक पखवाड़े तक चलने वाले इस अभियान में सभी पांच वर्ष से छोटे बच्चों को ओआरएस के पर्याप्त पैकेट और जिंक की सुविधा प्रदान करने के भी निर्देश दिए गए हैं, इसके अलावा सीएसची, पीएचसी, हेल्थ सब सेंटर पर भी ओआरएस पर्याप्त मात्रा में रखने और बच्चों के केयर संबंधी विशेष आदेश दिए गए हैं.


बच्चों का निमोनिया टीकाकरण भी शुरू
सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि डेढ़ महीने तक के शिशुओं के लिए छह जून से निमोनिया (PCV) टीकाकरण भी आरंभ हो गया है, यह पहली बार है, कि राज्य में निमोनिया से बचाव का टीका किसी बच्चे को दिए जा रहे हैं, भारत सरकार ने इसे प्राथमिकता में रखकर सभी बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिए हैं और 72 हजार वैक्सीन झारखंड को दिया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.