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झारखंड में बैंकों के निजीकरण का विरोध जारी, दूसरे दिन भी लटके रहे ताले, करोड़ों का लेन-देन हुआ प्रभावित

बैंकों के निजीकरण के खिलाफ देश भर में बैंक कर्मी तीन दिवसीय हड़ताल पर हैं. हड़ताल के दूसरे दिन भी झारखंड के अनेक शहरों में बैंक कर्मियों ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया.

बैंक हड़ताल
बैंक हड़ताल
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Published : Mar 16, 2021, 6:31 PM IST

रांचीः देश भर में बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैककर्मी हड़ताल पर हैं. सरकार की नीतियों के खिलाफ बैंककर्मी 3 दिन हड़ताल पर रहेंगे. आज हड़ताल का दूसरा दिन है. झारखंड में भी बैंककर्मी हड़ताल पर हैं. राज्य के अनेक शहरों में बैकों में ताले लटके रहे हैं. इसके कारण लोगों को काफी परेशानी हुई. बैंक कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए निजीकरण को रद्द करने की मांग की. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की अपील पर बैंक कर्मी व पदाधिकारी हड़ताल पर रहे. इस दौरान बैंकों में ताले लटके रहे. बैंकों के बंद रहने के कारण बैंकिग कार्य पूरी तरह ठप रहा.

बोकारो में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

बोकारो में सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मी हड़ताल दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे. सेक्टर 4 स्थित बैंक ऑफ इंडिया और एसबीआई मेन ब्रांच के पास सभी बैंक कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

इस दौरान बैंक कर्मी निजीकरण के विरोध में हाथ में तख्ती और टी-शर्ट पहन कर इसका विरोध करते दिखाई दिए. बैंक यूनियन के नेताओं का कहना है कि सरकार अगर दो दिवसीय हड़ताल पर बैंकों के निजीकरण पर अपना फैसला वापस नहीं लेती है, तो इससे बड़ा आंदोलन करने को हम लोग बाध्य हो जाएंगे.

बैंक यूनियन के नेताओं का कहना है कि सरकारी योजनाओं को सबसे अधिक जमीनी स्तर पर उतारने के लिए हम सभी सरकारी बैंक कर्मी सरकार के साथ खड़े रहते हैं, लेकिन इसके विपरीत केंद्र सरकार सरकारी बैंकों को ही निजीकरण करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हम उस सभी निजीकरण का विरोध करते हैं जो सरकार कर रही है.

जामताड़ा में निकली रैली

जामताड़ा में हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने रैली निकाली और विरोध प्रदर्शन कर निजीकरण का विरोध किया . हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने रैली निकालकर विरोध जताया.

सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों का निजीकरण किए जाने के विरोध में पूरे देश भर में बैंक यूनियन द्वारा बुलाई गई राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल को लेकर जामताड़ा में व्यापक असर रहा.

दूसरे दिन बैंक में कामकाज ठप रहा. बैंक कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में शहर में रैली निकाली और बैंकों के सामने विरोध प्रदर्शन किया और निजीकरण का पुरजोर विरोध किया.

दूसरे दिन भी बैंक में ताला लटके रहे. बैंक में कोई कामकाज नहीं हुआ. बैंक के कर्मचारियों ने कोई काम नहीं किया. नतीजा आम लोगों को जरूरी कामकाज नहीं हो पाया.आम लोगों की काफी परेशानी उठानी पड़ी.

2 दिन के राष्ट्रव्यापी बैंक के हड़ताल को लेकर जामताड़ा में व्यापक असर देखा गया है. इन 2 दिन के बैंक के हड़ताल के कारण करीब 200 करोड़ के नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है .

क्या कहते हैं हड़ताली बैंक कर्मचारी

हड़ताली बैंक कर्मचारी का कहना था कि उनका 2 दिन का राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल सफल रहा है. उन्होंने बताया की बैंक का निजीकरण होने से खासकर आम लोगों को काफी परेशानी होगी . 2 दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में जामताड़ा में बैंक कर्मचारियों ने 200 करोड़ का नुकसान होने की जानकारी दी .

सिमडेगा में बैंक शाखाओं में लटके रहे ताले

सिमडेगा में बैंक हड़ताल का असर देखा गया. बैंक यूनियंस केंद्र सरकार की निजीकरण नीति के विरुद्ध 2 दिनों की हड़ताल कर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

बैंक कर्मियों का कहना है कि प्राइवेट हाथों में चले जाने से उनका भविष्य घोर अंधकार में चला जाएगा. सरकारी बैंक जनता की आस है इसे प्राइवेट हाथों में सौंपकर केंद्र सरकार गरीबों के साथ धोखा ना करें. बैंक हड़ताल के कारण अधिकांश बैंक एटीएम भी बंद रहे. शनिवार और रविवार छुट्टी तथा सोमवार और मंगलवार हड़ताल के कारण बैंक बंद रहे. बैंक हड़ताल की जानकारी नहीं होने के कारण दूरदराज से आने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

खासकर वृद्ध लोग जो अपने पेंशन के लिए कई किलोमीटर दूर से बैंक आए थे. उन्हें खाली हाथ ही वापस अपने गांव अपने घर लौटना पड़ा.

विदित हो कि लंबे समय से ये बैंक कर्मी समय-समय पर हड़ताल कर निजीकरण के विरोध में अपना प्रदर्शन करते रहे हैं. इधर बैंक बंद रहने से सिमडेगा का व्यापार भी बीते 4 दिनों तक काफी प्रभावित रहा हैं.

गिरिडीह में किया गया प्रदर्शन

बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन गिरिडीह जिले के सरिया में बैंक कर्मियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया.

हड़ताली बैंक कर्मियों ने धरना- प्रदर्शन कर निजीकरण के विरोध में अपनी आवाज को बुलंद किया. सबसे पहले बैंक कर्मी सरिया स्थित बैंक ऑफ इंडिया के गेट पर धरना प्रदर्शन किया. उसके बाद वे सभी एक्सिस बैंक के पास पहुंचे और एक्सिस बैंक को बंद करवाया.

इस क्रम में कर्मियों ने बैंकों का निजीकरण बंद करो, जनता के पैसे को पूंजीपतियों के हाथों लुटवाने की साजिश नहीं चलेगी, इंकलाब जिंदाबाद, वित मंत्री मुर्दाबाद, केंद्र सरकार हाय-हाय नारेबाजी की गई.

बैंक कर्मियों ने बताया कि देशभर के 10 लाख कर्मचारी एवं अधिकारी 15-16 मार्च को हड़ताल पर हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रतिवर्ष ऑपरेटिंग लाभ अर्जित कर देश के सृजन में अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं.

धरना प्रदर्शन में बैंक ऑफ इंडिया बगोदर के शाखा प्रबंधक संतोष कांत, सरिया शाखा के अधिकारी सुदीप कुमार, राहुल कुमार सिंह, मनोज कुमार तथा बीसी राजेश पांडेय समेत अन्य लोग शामिल थे.

रांचीः देश भर में बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैककर्मी हड़ताल पर हैं. सरकार की नीतियों के खिलाफ बैंककर्मी 3 दिन हड़ताल पर रहेंगे. आज हड़ताल का दूसरा दिन है. झारखंड में भी बैंककर्मी हड़ताल पर हैं. राज्य के अनेक शहरों में बैकों में ताले लटके रहे हैं. इसके कारण लोगों को काफी परेशानी हुई. बैंक कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए निजीकरण को रद्द करने की मांग की. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की अपील पर बैंक कर्मी व पदाधिकारी हड़ताल पर रहे. इस दौरान बैंकों में ताले लटके रहे. बैंकों के बंद रहने के कारण बैंकिग कार्य पूरी तरह ठप रहा.

बोकारो में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

बोकारो में सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मी हड़ताल दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे. सेक्टर 4 स्थित बैंक ऑफ इंडिया और एसबीआई मेन ब्रांच के पास सभी बैंक कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

इस दौरान बैंक कर्मी निजीकरण के विरोध में हाथ में तख्ती और टी-शर्ट पहन कर इसका विरोध करते दिखाई दिए. बैंक यूनियन के नेताओं का कहना है कि सरकार अगर दो दिवसीय हड़ताल पर बैंकों के निजीकरण पर अपना फैसला वापस नहीं लेती है, तो इससे बड़ा आंदोलन करने को हम लोग बाध्य हो जाएंगे.

बैंक यूनियन के नेताओं का कहना है कि सरकारी योजनाओं को सबसे अधिक जमीनी स्तर पर उतारने के लिए हम सभी सरकारी बैंक कर्मी सरकार के साथ खड़े रहते हैं, लेकिन इसके विपरीत केंद्र सरकार सरकारी बैंकों को ही निजीकरण करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हम उस सभी निजीकरण का विरोध करते हैं जो सरकार कर रही है.

जामताड़ा में निकली रैली

जामताड़ा में हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने रैली निकाली और विरोध प्रदर्शन कर निजीकरण का विरोध किया . हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने रैली निकालकर विरोध जताया.

सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों का निजीकरण किए जाने के विरोध में पूरे देश भर में बैंक यूनियन द्वारा बुलाई गई राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल को लेकर जामताड़ा में व्यापक असर रहा.

दूसरे दिन बैंक में कामकाज ठप रहा. बैंक कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में शहर में रैली निकाली और बैंकों के सामने विरोध प्रदर्शन किया और निजीकरण का पुरजोर विरोध किया.

दूसरे दिन भी बैंक में ताला लटके रहे. बैंक में कोई कामकाज नहीं हुआ. बैंक के कर्मचारियों ने कोई काम नहीं किया. नतीजा आम लोगों को जरूरी कामकाज नहीं हो पाया.आम लोगों की काफी परेशानी उठानी पड़ी.

2 दिन के राष्ट्रव्यापी बैंक के हड़ताल को लेकर जामताड़ा में व्यापक असर देखा गया है. इन 2 दिन के बैंक के हड़ताल के कारण करीब 200 करोड़ के नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है .

क्या कहते हैं हड़ताली बैंक कर्मचारी

हड़ताली बैंक कर्मचारी का कहना था कि उनका 2 दिन का राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल सफल रहा है. उन्होंने बताया की बैंक का निजीकरण होने से खासकर आम लोगों को काफी परेशानी होगी . 2 दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में जामताड़ा में बैंक कर्मचारियों ने 200 करोड़ का नुकसान होने की जानकारी दी .

सिमडेगा में बैंक शाखाओं में लटके रहे ताले

सिमडेगा में बैंक हड़ताल का असर देखा गया. बैंक यूनियंस केंद्र सरकार की निजीकरण नीति के विरुद्ध 2 दिनों की हड़ताल कर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

बैंक कर्मियों का कहना है कि प्राइवेट हाथों में चले जाने से उनका भविष्य घोर अंधकार में चला जाएगा. सरकारी बैंक जनता की आस है इसे प्राइवेट हाथों में सौंपकर केंद्र सरकार गरीबों के साथ धोखा ना करें. बैंक हड़ताल के कारण अधिकांश बैंक एटीएम भी बंद रहे. शनिवार और रविवार छुट्टी तथा सोमवार और मंगलवार हड़ताल के कारण बैंक बंद रहे. बैंक हड़ताल की जानकारी नहीं होने के कारण दूरदराज से आने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

खासकर वृद्ध लोग जो अपने पेंशन के लिए कई किलोमीटर दूर से बैंक आए थे. उन्हें खाली हाथ ही वापस अपने गांव अपने घर लौटना पड़ा.

विदित हो कि लंबे समय से ये बैंक कर्मी समय-समय पर हड़ताल कर निजीकरण के विरोध में अपना प्रदर्शन करते रहे हैं. इधर बैंक बंद रहने से सिमडेगा का व्यापार भी बीते 4 दिनों तक काफी प्रभावित रहा हैं.

गिरिडीह में किया गया प्रदर्शन

बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन गिरिडीह जिले के सरिया में बैंक कर्मियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया.

हड़ताली बैंक कर्मियों ने धरना- प्रदर्शन कर निजीकरण के विरोध में अपनी आवाज को बुलंद किया. सबसे पहले बैंक कर्मी सरिया स्थित बैंक ऑफ इंडिया के गेट पर धरना प्रदर्शन किया. उसके बाद वे सभी एक्सिस बैंक के पास पहुंचे और एक्सिस बैंक को बंद करवाया.

इस क्रम में कर्मियों ने बैंकों का निजीकरण बंद करो, जनता के पैसे को पूंजीपतियों के हाथों लुटवाने की साजिश नहीं चलेगी, इंकलाब जिंदाबाद, वित मंत्री मुर्दाबाद, केंद्र सरकार हाय-हाय नारेबाजी की गई.

बैंक कर्मियों ने बताया कि देशभर के 10 लाख कर्मचारी एवं अधिकारी 15-16 मार्च को हड़ताल पर हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रतिवर्ष ऑपरेटिंग लाभ अर्जित कर देश के सृजन में अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं.

धरना प्रदर्शन में बैंक ऑफ इंडिया बगोदर के शाखा प्रबंधक संतोष कांत, सरिया शाखा के अधिकारी सुदीप कुमार, राहुल कुमार सिंह, मनोज कुमार तथा बीसी राजेश पांडेय समेत अन्य लोग शामिल थे.

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