रांचीः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में बीजेपी के विधायक दल के नेता और नेता प्रतिपक्ष को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और राजधनवार से विधायक बाबूलाल मरांडी गुरुवार को पहली बार सदन में खड़े हुए. मरांडी ने विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो से इस बाबत जल्द ही निर्णय लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें विपक्षी सदस्यों में से किसी को नेता प्रतिपक्ष बनाने में दिक्कत आ रही हो तो वह सत्ता पक्ष के किसी व्यक्ति को ही नेता प्रतिपक्ष बना दें. इससे उन्हें कोई परेशानी नहीं है.
सदन की कार्यवाही के दौरान उठा मामला
गुरुवार को सदन की कार्यवाही के दौरान जैसे ही बीजेपी के अमित मंडल ने कहा कि उनका दल चाहता है कि सदन की कार्यवाही चलते रहे, लेकिन बिना कैप्टन के टीम कैसे खेलेगी. मंडल ने कहा कि जब इलेक्शन कमीशन ने झारखंड विकास मोर्चा के बीजेपी में विलय को स्वीकार कर लिया है. इस बाबत पत्र भी भेजा है. ऐसे में गेंद स्पीकर के पाले में है. वह जैसे चाहे इसे खेलें. उसके बाद बीजेपी के सदस्य वेल में चले आए.
मरांडी ने कहा बना दे सत्तापक्ष के विधायक को नेता प्रतिपक्ष
इस दौरान मरांडी ने अपने स्थान पर खड़े होकर कहा कि झारखंड विकास मोर्चा के बीजेपी में औपचारिक विलय की सूचना इलेक्शन कमीशन को दी गई. इलेक्शन कमीशन ने भी इस विलय को स्वीकृति दी है. मरांडी ने कहा कि बीजेपी ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना है और इसकी सूचना भी स्पीकर को औपचारिक रूप से दी गई है. अब स्पीकर को तय करना है. मरांडी ने साफ तौर पर कहा कि वह इसलिए सदन में खड़े हैं कि सत्ता पक्ष और विपक्ष में कई नए सदस्य चुनकर आए हैं. वह अपने क्षेत्र की समस्याएं असेंबली में उठाना चाहते हैं, लेकिन बीजेपी विधायक दल के नेता और नेता प्रतिपक्ष को लेकर बने गतिरोध के बीच सदन की कार्यवाही चलाने में परेशानी हो रही है.
नहीं आएगा विपक्ष का कोई सदस्य वेल में
मरांडी ने साफ कहा कि अब नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के विधायक दल के नेता विषय पर सब विपक्षी भाजपा का कोई सदस्य वेल में नहीं आएगा. उसको लेकर सदन की कार्यवाही डिस्टर्ब नहीं होगी. उन्होंने कहा कि स्पीकर से बस यही मांग है कि इस विषय पर जल्दी अपना फैसला दें. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश को उम्मीद है कि स्पीकर ज्यादा दिन नहीं लगाएंगे और कानूनविदों से राय लेकर जल्द ही फैसला लेंगे.
स्पीकर ने कहा- जल्द होगा दूध का दूध और पानी का पानी
वहीं स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि इस विषय पर विपक्षी सदस्यों के मन में जो भी किंतु-परंतु से जुड़े सवाल उठ रहे हैं. वह वास्तविकता से परे हैं. उन्होंने कहा कि आसन के ऊपर भी आक्षेप लग रहा है कि जो अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि विधि के जानकारों से राय लेकर इस मामले में फैसला लिया जाएगा, थोड़ा वक्त लगेगा. उन्होंने कहा इसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी सामने आएगा.