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बजट पर रायशुमारी: आगामी बजट में दिखेगी हेमंत सरकार के विजन 2030 की झलक

राज्य के आगामी बजट को लेकर दो दिनों तक रांची के प्रोजेक्ट भवन में रायशुमारी हुई. इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए कई सुझाव रखे गए. इस रायशुमारी में उठे मुद्दों की झलक आगामी बजट में देखने को मिलेगी.

Opinion polling took place in Ranchi for two days regarding budget 2024
Opinion polling took place in Ranchi for two days regarding budget 2024
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 12, 2024, 7:03 AM IST

रांचीः आर्थिक क्षेत्र में समृद्ध झारखंड बनाने के संकल्प के साथ हेमंत सरकार इन दिनों मिशन 2030 की रुपरेखा तय करने में जुटी है. प्रोजेक्ट भवन में चल रहे दो दिवसीय रायशुमारी के दूसरे और अंतिम दिन इस पर गहन मंथन होता रहा. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव की मौजूदगी में दूसरे दिन शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, महिला एवं जनजातीय कल्याण, खाद्य एवं आपूर्ति सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के द्वारा सुझाव दिए गए.

साल 2030 में राज्य को 10 लाख करोड़ की जीएसडीपी पहुंचाने के लक्ष्य के साथ इस पर सरकार काम कर रही है. दूसरे दिन प्रमुख अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल के द्वारा विजन 2030 को कैसे पूरा करें इस पर प्रजेंटेशन कार्यक्रम के दौरान दिया गया. विभिन्न विभागों के द्वारा दिए गए सुझाव के आधार पर सरकार एक विस्तृत रिपोर्ट बनाएगी, जिसकी झलक आगामी 2024-25 के वार्षिक बजट के दौरान वित्त मंत्री के संबोधन भाषण में देखने को मिलेगी.

रायशुमारी के दौरान उच्च शिक्षा में किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए विभागीय सचिव राहुल पुरवार ने दस बिंदुओं के जरिए भविष्य की योजना और वर्तमान स्थिति पर चर्चा की. इसी तरह खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने विभागीय योजना और भविष्य की जरुरतों पर विचार रखे. एम्स देवघर के निदेशक ने स्वास्थ्य सुविधा को और बेहतर बनाने के सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ जल्द और प्रभावी ढंग से मिले इसके लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है. दूसरे और अंतिम दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी बैठक में शामिल होने की संभावना व्यक्त की जा रही थी, मगर कार्यव्यस्तता की वजह से वो नहीं आ सके.

लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए आगामी वित्तीय वर्ष का वार्षिक बजट फरवरी के मध्य में ही आने की संभावना जताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक 16 फरवरी से बजट सत्र की शुरुआत होने की संभावना है. 2024-25 के वार्षिक बजट में कृषि, किसान और रोजगार पर सरकार का फोकस होगा. बजट आकार पिछले बजट की तुलना में अधिक होगा. चुनावी वर्ष होने के कारण सरकार कई लोकलुभावन योजना लाने की तैयारी में है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ साथ चिकित्सा, शिक्षा को बढावा देकर रोजगार सृजन की झलक आगामी बजट में देखने को मिल सकती है.

रांचीः आर्थिक क्षेत्र में समृद्ध झारखंड बनाने के संकल्प के साथ हेमंत सरकार इन दिनों मिशन 2030 की रुपरेखा तय करने में जुटी है. प्रोजेक्ट भवन में चल रहे दो दिवसीय रायशुमारी के दूसरे और अंतिम दिन इस पर गहन मंथन होता रहा. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव की मौजूदगी में दूसरे दिन शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, महिला एवं जनजातीय कल्याण, खाद्य एवं आपूर्ति सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के द्वारा सुझाव दिए गए.

साल 2030 में राज्य को 10 लाख करोड़ की जीएसडीपी पहुंचाने के लक्ष्य के साथ इस पर सरकार काम कर रही है. दूसरे दिन प्रमुख अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल के द्वारा विजन 2030 को कैसे पूरा करें इस पर प्रजेंटेशन कार्यक्रम के दौरान दिया गया. विभिन्न विभागों के द्वारा दिए गए सुझाव के आधार पर सरकार एक विस्तृत रिपोर्ट बनाएगी, जिसकी झलक आगामी 2024-25 के वार्षिक बजट के दौरान वित्त मंत्री के संबोधन भाषण में देखने को मिलेगी.

रायशुमारी के दौरान उच्च शिक्षा में किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए विभागीय सचिव राहुल पुरवार ने दस बिंदुओं के जरिए भविष्य की योजना और वर्तमान स्थिति पर चर्चा की. इसी तरह खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने विभागीय योजना और भविष्य की जरुरतों पर विचार रखे. एम्स देवघर के निदेशक ने स्वास्थ्य सुविधा को और बेहतर बनाने के सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ जल्द और प्रभावी ढंग से मिले इसके लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है. दूसरे और अंतिम दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी बैठक में शामिल होने की संभावना व्यक्त की जा रही थी, मगर कार्यव्यस्तता की वजह से वो नहीं आ सके.

लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए आगामी वित्तीय वर्ष का वार्षिक बजट फरवरी के मध्य में ही आने की संभावना जताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक 16 फरवरी से बजट सत्र की शुरुआत होने की संभावना है. 2024-25 के वार्षिक बजट में कृषि, किसान और रोजगार पर सरकार का फोकस होगा. बजट आकार पिछले बजट की तुलना में अधिक होगा. चुनावी वर्ष होने के कारण सरकार कई लोकलुभावन योजना लाने की तैयारी में है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ साथ चिकित्सा, शिक्षा को बढावा देकर रोजगार सृजन की झलक आगामी बजट में देखने को मिल सकती है.

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