रांचीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्तीय वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया. इस बजट पर झारखंड के लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है. झारखंड के लोगों का कहना है कि कोविड से उत्पन्न समस्याओं से उबरने को लेकर कई प्रावधान किए गए हैं. शिक्षा और रोजगार पर ध्यान दिया गया है. लेकिन महंगाई घटाने में कोई ध्यान नहीं दिया गया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट
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आम बजट पर रांची की कई महिलाओं का कहना है कि किचन में राहत के लिए यह बजट नहीं है. क्योंकि इस बजट में महंगाई को कम करने के लिए कोई पहल नहीं की गई है. वहीं, शिक्षा से जुड़े लोगों का कहना है कि यह बजट शिक्षा और रोजगार पर फोकस करता है. वहीं, कई लोगों ने यह भी कहा कि यह बजट पूरी तरह आईवाश है. इस बजट में महंगाई कम करने को लेकर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है.
रांची के कुछ लोगों ने कहा कि मोदी सरकार का यह बजट मास्टर प्लान के तहत है. इस बजट में पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत कई बदलाव किए गए हैं. आईटी और प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा दिए जाने को लेकर इस बजट में प्रावधान किए गए है. बजट के माध्यम से चार मुख्य प्राथमिकताएं पेश की गईं हैं. कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में संशोधन की बात कही गई है ताकि किसानी को बढ़ावा दिया जा सके.
झारखंड की राजधानी रांची में कई प्रबुद्ध लोगों ने कहा कि बजट 2022 से कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, ताकि रोजगार सृजित हो सके. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया गया है. 200 टीवी चैनलों के माध्यम से पठन-पाठन सुनिश्चित करने की योजना बदलाव की नई पहल है. क्षेत्रीय भाषाओं में एक से लेकर 12वीं तक के बच्चों को इसका लाभ पहुंचाया जाएगा. डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना होगी जो भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी और विभिन्न विश्वविद्यालयों के नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. यह भी अच्छी बात है.
कुछ लोगों ने बताया कि बजट में डिजिटल शिक्षा को हर किशोर-बच्चे तक पहुंचाने की पहल अच्छी है. आईटीआई से ड्रोन की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके साथ ही 2 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. हर घर नल से जल योजना के ताहत सभी घरों को जोड़ा जाएगा. महिलाओं को सशक्त करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. छात्रों के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी और कौशल विकास के लिए पोर्टल भी तैयार होगा. यह सब भविष्य के भारत के निर्माण में मददगार होंगे.