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विश्व जनसंख्या दिवस: राजधानी में फैमिली प्लानिंग अभियान खस्ताहाल, रांची में हुआ सिर्फ 2 फीसदी बंध्याकरण

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Published : Jul 11, 2021, 4:47 PM IST

Updated : Jul 11, 2021, 5:38 PM IST

राजधानी में भी महिला बंध्याकरण(sterilization) और नसबंदी(Vasectomy) की स्थिति ठीक नहीं है. अभी तक रांची के 14 प्रखंडों में से 12 प्रखंडों के CHC में एक भी नसबंदी नहीं हुई है. वहीं, 10 CHC में एक भी महिला बंध्याकरण नहीं हुई है.

operational target of family planning in ranchi is not accomplished
राजधानी रांची में फैमिली प्लानिंग अभियान खस्ताहाल, जानिए क्या कहते हैं सिविल सर्जन

रांची: बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से 11 जुलाई को पूरे विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. रांची में भी इस दिन तो क्या इससे एक पखवाड़े पहले से ही कई कार्यक्रम कराए जाते हैं, तो परिवार स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जाता है. बावजूद इसके जब हम आपको कहें कि राजधानी में ही लक्ष्य का 15 फीसदी नसबंदी और मात्र 2 फीसदी बंध्याकरण हुआ है, तो आप क्या कहेंगे. नामकुम CHC में 20 पुरुषों की नसबंदी हुई है. इसके अलावा रातू CHC में एक ही नसबंदी हुई है. महिला बंध्याकरण की बात करें तो CHC में अनगढा में 13, कांके में 20, नामकुम में 18 और रातू में 24 ऑपरेशन हुए हैं.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- बिना बताए सदर अस्पताल में डॉक्टर ने कर दी महिला की नसबंदी, सिविल सर्जन बोले-जांच होगी

परिवार को नियोजित करने का भार भी महिलाओं पर डाल देते हैं पुरुष

पुरुषवादी समाज में एक और विडंबना ये है कि बेहद आसान पुरुष नसबंदी(NSV) होने के बावजूद परिवार को नियंत्रित करने का भार भी महिलाओं पर डाल दिया जाता है, जबकि महिला बंध्याकरण ऑपरेशन पुरुष नसबंदी से ज्यादा जटिल होता है. प्रख्यात सर्जन डॉ. आर के सिंह का कहना है कि करीब 95 % ऑपेरशन बंध्याकरण का होता है, क्योंकि पुरुष कई तरह की बेबुनियाद भ्रांतियों में पड़कर ऑपरेशन के लिए महिलाओं को आगे कर देता है. इस प्रवृत्ति को कम करना जरूरी है और लोगों को बताना पड़ेगा कि पुरुष नसबंदी से किसी तरह की शारीरिक कमजोरी नहीं होती. राज्य में जनसंख्या स्थिरीकरण तक पहुंचने से हमारी जनसंख्या वृद्धि दर थोड़ी ज्यादा 2.3% है. इसे कम करना है, लेकिन ऐसा कैसे होगा जब राज्य में जहां ओवरऑल फैमिली प्लानिंग अभियान(Overall Family Planning Campaign) फेल है. पुरुष नसबंदी की हालत और ज्यादा खराब है. एक तो लक्ष्य भी पुरुष नसबंदी का कम रखा जाता है. उसमें भी रांची जिले को छोड़ सभी 23 जिलों में इस वित्तीय वर्ष के तीन महीने मार्च, अप्रैल और मई में एक भी नसबंदी ऑपरेशन नहीं हुआ है, महिला बंध्याकरण का हाल भी कमोबेश ऐसा ही है.

operational target of family planning in ranchi is not accomplished
राजधानी में महिला बंध्याकरण और नसबंदी की स्थिति ठीक नहीं

फैमिली प्लानिंग अभियान के खस्ताहाल पर क्या कहते हैं सिविल सर्जन

रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार मानते हैं कि अभी तक परिवार नियोजन के आपरेशन लक्ष्य से कम हुए पर इसकी वजह वह कोरोना को कमांड में करने में पूरी व्यवस्था के लग जाने को बताते हैं. उन्होंने कहा कि अब तेजी से अभियान चलाकर लक्ष्य पूरा किया जाएगा.

operational target of family planning in ranchi is not accomplished
रांची में परिवार नियोजन के ऑपरेशन लक्ष्य से हुए कम

रांची में भी स्थिति खराब

महिला बंध्याकरण वाले CHC में अनगढा में 13, कांके में 20, नामकुम में 18 एयर रातू में 24 ऑपरेशन हुए. प्रख्यात सर्जन डॉ. आर के सिंह कहते हैं कि करीब 95 % ऑपेरशन बंध्याकरण का होता है, क्योंकि पुरुष कई तरह की बेबुनियाद भ्रांतियों में पड़कर ऑपरेशन के लिए महिलाओं को आगे कर देता है । इस प्रवृत्ति को कम करना जरूरी है और लोगों को बताना पड़ेगा कि पुरुष नसबंदी से किसी तरह की शारीरिक कमजोरी नहीं होती.

रांची: बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से 11 जुलाई को पूरे विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. रांची में भी इस दिन तो क्या इससे एक पखवाड़े पहले से ही कई कार्यक्रम कराए जाते हैं, तो परिवार स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जाता है. बावजूद इसके जब हम आपको कहें कि राजधानी में ही लक्ष्य का 15 फीसदी नसबंदी और मात्र 2 फीसदी बंध्याकरण हुआ है, तो आप क्या कहेंगे. नामकुम CHC में 20 पुरुषों की नसबंदी हुई है. इसके अलावा रातू CHC में एक ही नसबंदी हुई है. महिला बंध्याकरण की बात करें तो CHC में अनगढा में 13, कांके में 20, नामकुम में 18 और रातू में 24 ऑपरेशन हुए हैं.

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परिवार को नियोजित करने का भार भी महिलाओं पर डाल देते हैं पुरुष

पुरुषवादी समाज में एक और विडंबना ये है कि बेहद आसान पुरुष नसबंदी(NSV) होने के बावजूद परिवार को नियंत्रित करने का भार भी महिलाओं पर डाल दिया जाता है, जबकि महिला बंध्याकरण ऑपरेशन पुरुष नसबंदी से ज्यादा जटिल होता है. प्रख्यात सर्जन डॉ. आर के सिंह का कहना है कि करीब 95 % ऑपेरशन बंध्याकरण का होता है, क्योंकि पुरुष कई तरह की बेबुनियाद भ्रांतियों में पड़कर ऑपरेशन के लिए महिलाओं को आगे कर देता है. इस प्रवृत्ति को कम करना जरूरी है और लोगों को बताना पड़ेगा कि पुरुष नसबंदी से किसी तरह की शारीरिक कमजोरी नहीं होती. राज्य में जनसंख्या स्थिरीकरण तक पहुंचने से हमारी जनसंख्या वृद्धि दर थोड़ी ज्यादा 2.3% है. इसे कम करना है, लेकिन ऐसा कैसे होगा जब राज्य में जहां ओवरऑल फैमिली प्लानिंग अभियान(Overall Family Planning Campaign) फेल है. पुरुष नसबंदी की हालत और ज्यादा खराब है. एक तो लक्ष्य भी पुरुष नसबंदी का कम रखा जाता है. उसमें भी रांची जिले को छोड़ सभी 23 जिलों में इस वित्तीय वर्ष के तीन महीने मार्च, अप्रैल और मई में एक भी नसबंदी ऑपरेशन नहीं हुआ है, महिला बंध्याकरण का हाल भी कमोबेश ऐसा ही है.

operational target of family planning in ranchi is not accomplished
राजधानी में महिला बंध्याकरण और नसबंदी की स्थिति ठीक नहीं

फैमिली प्लानिंग अभियान के खस्ताहाल पर क्या कहते हैं सिविल सर्जन

रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार मानते हैं कि अभी तक परिवार नियोजन के आपरेशन लक्ष्य से कम हुए पर इसकी वजह वह कोरोना को कमांड में करने में पूरी व्यवस्था के लग जाने को बताते हैं. उन्होंने कहा कि अब तेजी से अभियान चलाकर लक्ष्य पूरा किया जाएगा.

operational target of family planning in ranchi is not accomplished
रांची में परिवार नियोजन के ऑपरेशन लक्ष्य से हुए कम

रांची में भी स्थिति खराब

महिला बंध्याकरण वाले CHC में अनगढा में 13, कांके में 20, नामकुम में 18 एयर रातू में 24 ऑपरेशन हुए. प्रख्यात सर्जन डॉ. आर के सिंह कहते हैं कि करीब 95 % ऑपेरशन बंध्याकरण का होता है, क्योंकि पुरुष कई तरह की बेबुनियाद भ्रांतियों में पड़कर ऑपरेशन के लिए महिलाओं को आगे कर देता है । इस प्रवृत्ति को कम करना जरूरी है और लोगों को बताना पड़ेगा कि पुरुष नसबंदी से किसी तरह की शारीरिक कमजोरी नहीं होती.

Last Updated : Jul 11, 2021, 5:38 PM IST
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