रांची: सावन का सोमवार आज (second Monday of Sawan)है पर इस साल भी भक्त और भगवान के बीच दूरी है. झारखंड में अनलॉक धीरे-धीरे हो रहा है. अब प्रदेश में अधिकांश गतिविधियां कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत शुरू हो गई हैं. एक अगस्त से अंतर राज्यीय बस सेवा और 2 अगस्त से स्कूल खोलने पर लगी रोक भी हटा ली गई है. हालांकि श्रद्धालुओं के लिए पूजा स्थल नहीं खोले गए हैं. लेकिन सावन के पावन महीने में श्रद्धालुओं की आस्था के सामने कोरोना का खतरा बौना साबित हो गया है. राजधानी रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में बाहर से ही दर्शन करने श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. हालांकि पहले यह संख्या पहले से काफी कम है. आम तौर पर बीते वर्षों में हर सोमवार को यहां एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु आते थे. इधर कोरोना की वजह से पहाड़ी मंदिर के नीचे पूजा सामग्री की दुकान लगाने वाले दुकानदार भी खासा प्रभावित हो रहे हैं.
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सावन के पावन महीने के दूसरे सोमवार को भी कोरोना संक्रमण का असर दिखा. बीते वर्षों में पहले पहाड़ी मंदिर में हर सोमवार को लगभग एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करने के लिए आते थे. इधर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद राज्य सरकार ने संक्रमण से बचाव को ध्यान में रखते हुए पूजा स्थलों को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला है.
दूर से पूजा का श्रद्धालुओं को अफसोस
पूजा स्थल श्रद्धालुओं के लिए न खोले जाने पर भी ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर के बाहर ही श्रद्धालु पूजा करने पहुंच रहे हैं, जिसका श्रद्धालुओं को खासा अफसोस है और भगवान से कोरोना संक्रमण खत्म होने की मनोकामना मांग रहे हैं. पहाड़ी मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज मिश्रा का भी कहना है कि संक्रमण की वजह से भीड़ कम है.ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था की गई है. लेकिन लोग सही तरीके से पूजा नहीं कर पा रहे हैं.
दुकानदार प्रभावित
कोरोना संक्रमण काल से जहां सभी व्यवसाय पर प्रभाव पड़ा है तो पहाड़ी मंदिर के नीचे पूजा सामग्री की दुकान लगाने वाले दुकानदार भी खासा प्रभावित हुए हैं. उनका कहना है कि श्रद्धालुओं में पहले की तरह उमंग नहीं है. फिर भी सावन के पावन महीने में लोग बाहर से पूजा पाठ कर रहे हैं. बहरहाल कोरोना संक्रमण ने श्रद्धालुओं को भगवान के मंदिर से भी दूर कर दिया है, जिसको लेकर लोग निराश हैं. हालांकि भगवान भोले शंकर से यही कामना कर रहे हैं कि जल्द कोरोना संक्रमण काल खत्म हो और लोग पूरी श्रद्धा के साथ फिर से भगवान की आराधना कर सकें.