रांची: ऑनलाइन ट्रेडिशनल राष्ट्रीय वुशु चैंपियनशिप रविवार से शुरू हो गई है. उद्घाटन समारोह में वुशु एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि वुशु एसोसिएशन ऑफ इंडिया अपने खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के लिए हमेशा तैयार रहती है.
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इसके लिए उसे अपने इकाइयों का निरंतर सहयोग मिलता रहता है. इसी के परिणामस्वरूप खिलाड़ियों के ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम और प्रतियोगिताओं का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है. उन्होंने कहा इससे खिलाड़ी घर पर रहकर ही अपने आप को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं. उन्होंने जल्द ही कोरोना का कहर समाप्त होने की भविष्यवाणी की और कहा हम जल्द मैदान में होंगे.
वुशु चैंपियनशिप में सीयू की अहम भूमिका
वुशु चैंपियनशिप के उदघाटन के दौरान चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर आरएस बावा ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और खेलो के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी. उन्होंने कहा कि उनकी यूनिवर्सिटी वुशु के विकास के लिए वुशु एसोसिएशन ऑफ इंडिया की हमेशा सहयोग करती रहेगी और प्रतियोगिता के इस तरह के वर्चुअल रूप में आयोजन से खिलाड़ियों में ऊर्जा का संचार होगा.
इस दौरान वर्चुअल रूप से मौजूद विशिष्ट अतिथि लातूर के एसपी निखिल पिंगले और सेवानिवृत IAS पदाधिकारी एनके त्रिपाठी और निवर्तमान वाइस चांसलर मालवांचल यूनिवर्सिटी ने भी अपने विचार व्यक्त किए. इस दौरान मनदीप कौर ने मंच का संचालन किया, मनोज गुप्ता जो कि इस चैंपियनशिप के चीफ रेफरी है ने इसके तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी और अपने नेतृत्व में ट्रेडिशनल वुशु का एक अत्यंत ही शानदार प्रदर्शन आयोजित करवाया.
400 खिलाड़ी ले रहे हैं हिस्सा
वुशू चैंपियनशिप में भारत की विभिन्न इकाइयों के तकरीबन 400 खिलाड़ी भाग ले रहे है. इंटरनेशनल वुशु फेडरेशन के द्वारा पहले से प्रचलित ऑप्शनल ताऊलू इवेंट के साथ साथ वुशु एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने पारंपरिक वुशु के भारत में प्रचार-प्रसार के लिए 2017 से ही इसे अपने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्थान दिया था. चैंपियनशिप के सभी मैच 3 जून तक चलेंगे और उसी दिन इसका समापन समारोह भी आयोजित किया जाएगा.
असम को पहला गोल्ड
चैंपियनशिप के पहले दिन हुए ताईजीकवान टाइप इवेंट के महिला वर्ग में नबोनिता बोरो, (असम प्रथम) श्रावणी काटके (महाराष्ट्र, द्वितीय) और जेनी (मणिपुर, तीसरा) पदक पाने में सफल रहीं.