रांचीः रिम्स में हर तीसरे-चौथे दिन सर्वर फेल होने की वजह से घंटों मरीजों का रजिस्ट्रेशन(registration of patients) नहीं होता. कई तो बिना डॉक्टर से दिखाए बैरंग लौट जाते हैं तो कई मरीज निजी नर्सिंग होम या अस्पताल के ओपीडी में जाकर इलाज कराने को मजबूर होते हैं तो जो पैसे से कमजोर हैं वह रजिस्ट्रेशन काउंटर के बाहर घंटों इस उम्मीद में बैठे रहते हैं कि सर्वर ठीक होगा तो पर्ची कट जाएगी और डॉक्टर साहब उनके मरीज को भी देख लेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री को है मामले की पूरी जानकारीः ओरमांझी से आए हामिद कुरैशी और रिंग रोड से आई आशा देवी जैसी कई मरीजों के परिजन सर्वर डाउन होने की वजह से रजिस्ट्रेशन काउंटर के आगे इस उम्मीद में बैठे मिले कि सर्वर ठीक होते ही उनकी पर्ची कट जाएगी. रिम्स में स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी बिनोद कुमार ने कहा कि एक व्यवस्था पर आश्रित रहना ठीक नहीं है और रिम्स प्रबंधन को वैकल्पिक व्यवस्था भी दुरुस्त रखना चाहिये. उन्होंने कहा कि इसके लिए रिम्स के पास पैसे की कोई कमी नहीं है.
वहीं रिम्स के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. राजीव रंजन(RIMS Public Relations Officer ) ने फोन पर बताया कि इंटरनेट के लिए सर्वर NIC से रिम्स लेता है. वहां से दिक्कत होने पर रिम्स में भी परेशानी हो जाती है. रिम्स की ओर से कोई कमी नहीं है. रिम्स जैसे मेडिकल संस्थान में जरूरी है कि सर्वर डाउन होने की स्थिति में मरीजों का इलाज से लेकर जांच तक बाधित न हो इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए ताकि हर तीसरे दिन डाउन होने वाले सर्वर की वजह से मरीजों का इलाज बाधित न हो. जब लगातार दिक्कत हो रही है तो ऑफलाइन पर्चा कटने की भी व्यवस्था करने की ओर रिम्स प्रबंधन को ध्यान देने की जरूरत है.