रांचीः राजधानी में थाना स्तर पर पुलिसकर्मियों के कार्यों की समीक्षा क्राइम मीटिंग के दौरान होगी. इसको लेकर मॉनिटरिंग फॉर्मेट तैयार किया गया है. इस फॉर्मेट को ऑनलाइन भरना करना होगा, ताकि जब भी क्राइम मीटिंग हो तब कंप्यूटर के जरिए ही थाना में पदस्थापित सभी कर्मियों के कामकाज का ब्यौरा एक साथ मिल सके.
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राजधानी रांची में सप्ताह में एक दिन क्राइम मीटिंग होती है. इसमें जिले के सभी थानों में दर्ज कांडों की समीक्षा की जाती है. क्राइम मीटिंग के दौरान थाना प्रभारियों को कई निर्देश दिए जाते हैं. वरीय अधिकारियों के दिशा निर्देश को थाना प्रभारी अपने थाने में पदस्थापित अपने कनीय अधिकारियों के साथ मिलकर पालन करते हैं. लेकिन कई बार वरीय पदाधिकारियों के आदेश का पालन नहीं किया जाता है. यही वजह है कि अब एक फॉर्मेट बनाया गया है. इस फॉर्मेट को क्राइम मीटिंग से पहले ही थाना प्रभारियों को सिटी एसपी कार्यालय में रिपोर्ट जमा करना होगा.
रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि एक फॉर्मेट बनाकर सभी थानों में सर्कुलेट किया गया है. फॉर्मेट में डाटा भरकर लाने का टास्क दिया गया है. थानों में पदस्थापित पुलिसकर्मी फॉर्मेट में अपने कार्यों का ब्योरा देंगे तो वे अपने काम को लेकर कितने संवेदनशील है. इसका आकलन आसानी से किया जा सकेगा. सिटी एसपी ने कहा कि वर्तमान समय में पुलिसकर्मियो के ऑब्जेक्टिव मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए यह प्रयास किया जा रहा है.
रांची के सभी थानों में पदस्थापित पुलिसकर्मियों के कामकाज की समीक्षा के लिए लिए रेटिंग सिस्टम भी लागू किया गया है. पुलिसकर्मियों की रेटिंग फील्ड वर्क, विधि व्यवस्था का संभालना, अनुसंधान और प्रबंधन के आधार पर तय की जाती है. इस रेटिंग में केस के निष्पादन और पेंडिंग कार्य भी आधार माना जाता है. इससे संबंधित आदेश रांची के सिटी एसपी की ओर से सभी डीएसपी, एएसपी, थानेदारों और ओपी प्रभारियों को पहले दी जा चुकी है. इस रेटिंग के लिए एक कॉलम भी बनाकर सभी थानों को भेजा गया है. इसके तहत पुलिसकर्मियों की रेटिंग थानेदार स्तर पर देने के बाद संबंधित डीएसपी को भेजा जाएगा. थानेदार के दिए नंबर के अलावा डीएसपी अपने मंतव्य के आधार पर नंबर देते हैं. यह नंबर शून्य से लेकर दस तक है. पुलिसकर्मियों के कार्यों के आधार पर डीएसपी और थानेदार अपने स्वविवेक से आकलन करते हैं और एसपी कार्यालय को रिपोर्ट सौंपते हैं.