रांची: राजधानी में प्याज की बढ़ी कीमतों ने आम लोगों के आंखों में आंसू ला दिए है. प्याज की कमी को पूरा करने के लिए रांची के बाजार में तुर्की के प्याज भी उपलब्ध है, लेकिन प्याज की कीमत में कमी नहीं आई है. आम लोगों की थाली से प्याज गायब हो गए है. तुर्की के प्याज उपलब्ध होने के बावजूद थाली से प्याज गायब होने की वजह भी दिलचस्प है.
दरअसल रांची बाजार में उपलब्ध तुर्की के प्याज भी लोगों की थाली तक नहीं पहुंच पा रही है. सबसे बड़ी वजह यह है कि तुर्की के एक प्याज का वजन 500 से 700 ग्राम का है और थोक बाजार में कीमत 90 से 92 रुपये प्रति किलो है, जो खुदरा बाजार आते-आते 120 रुपये तक पहुंच जा रहा है. ऐसे में जिन उपभोक्ताओं को थोड़े से प्याज की जरूरत है. वह तुर्की के प्याज लेने से कतरा रहे है क्योंकि प्याज के ज्यादा बड़ा साइज होने की वजह से वजन ज्यादा है और लोग उसे खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है. वहीं, नासिक और अरवल के प्याज की कीमत थोक बाजार में 90 से 95 रुपये प्रति किलो है जबकि खुदरा बाजार में 120 से 130 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है.
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रांची के पंडरा स्थित कृषि बाजार में तुर्की के प्याज उपलब्ध है लेकिन उसको लेने में आम लोग की दिलचस्पी नहीं होनी की वजह बताते हुए कृषि बाजार के सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि प्याज का साइज बड़ा होने की वजह से प्याज का वजन भी ज्यादा है. जिसकी वजह से लोग उसे ज्यादा पसंद नहीं कर रहे है. वहीं, उन्होंने बताया कि रांची में प्याज की आयात सही मात्रा में हो रही है और प्याज की कालाबाजारी ना हो, इसके लिए लगातार छापेमारी अभियान भी चलाया जा रहा है और निगरानी रखी जा रही है.
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वहीं, पंडरा बाजार समिति स्थित थोक विक्रेता ने बताया कि होटलों और मेस के लिए तुर्की का प्याज इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन आम लोग तुर्की के प्याज को पसंद नहीं कर रहे है. यही वजह है कि तुर्की से ज्यादा नासिक और अरवल के प्याज की डिमांड है.