रांची: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी संगठन की ओर से राजभवन के पास एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया.
आदिवासी संगठनों का कहना है कि आजादी से पहले आदिवासियों को जनगणना प्रपत्र में अलग धर्म का कॉलम रखा गया था, लेकिन आजादी के बाद 1951 में सरकार ने जनगणना के बाद धर्म का कॉलम को हटा दिया. उसके बाद से आदिवासी समाज अपनी अलग धर्म कोड के लिए लगातार आंदोलन करते रहे हैं.
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इसी क्रम में बुधवार को राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया. आदिवासी संगठन छात्र नेता अजय टोप्पो का कहना है कि 2021 की जनगणना में राष्ट्रीय स्तर पर सरना धर्म कोड को संवैधानिक मान्यता जनगणना प्रपत्र में मिलना चाहिए.