रांची: झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, पहचान, पेंशन और राजकीय सुविधाओं की मांग को लेकर राज्य के स्थापना दिवस और बिरसा मुंडा की जयंती पर रविवार को झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की ओर से एक दिवसीय उपवास किया गया. झारखंड आंदोलनकारियों ने यह कार्यक्रम राज्य के प्रत्येक जिले में आयोजित किया.
गुमनाम जीवन से मुक्ती की मांग
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने बताया कि रांची में कोकर स्थित भगवान बिरसा मुंडा की समाधि स्थल के पास उपवास किया जा रहा है. झारखंड आंदोलनकारियों के त्याग, बलिदान और लंबे संघर्ष के परिणाम स्वरूप झारखंड अलग राज्य का गठन हुआ है. झारखंड आंदोलनकारियों ने अपने संघर्ष काल में अनेक तरह की अपेक्षाएं और यातनाएं झेली हैं. कई आंदोलनकारियों का पलायन हुआ तो कई आंदोलनकारी गुमनामी का जीवन जीने को मजबूर हैं. झारखंड आंदोलनकारियों की मांग है कि जिन लोगों ने झारखंड राज्य अलग करने को लेकर अपने योगदान दिए हैं, राज्य सरकार उन्हें चिन्हित कर एक पहचान दें, ताकि उन्हें गुमनाम जीवन नहीं जीना पड़े.
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झारखंड के आंदोलनकारियों को मिले विशेष पहचान
आदोलनकारियों की मांग है कि उत्तराखंड में जिस तरीके से राज्य आंदोलनकारियों को पेंशन दी जा रही है. उसी के तहत में झारखंड के आंदोलनकारियों को भी पेंशन दिया जाए. झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रा सेनानी का दर्जा दिया जाए. राज्य स्तरीय समारोह आयोजन कर विशेष पहचान देकर आंदोलनकारियों को सम्मानित किया जाए, साथ ही झारखंड आंदोलनकारियों को 50 हजार सम्मान पेंशन दिया जाए. इस तरह से झारखंड आंदोलनकारियों के कई मांगें हैं, जिन पर सरकार का ध्यान आकर्षित झारखंड आंदोलनकारी कराना चाहते हैं.