रांची: आज युवा दिवस है. युवा दिवस के उपलक्ष्य में ईटीवी भारत की टीम अपने दर्शकों को ऐसे ही कुछ युवाओं से रूबरू करा रही है. ये युवा समाज और देश के लिए प्रेरणा स्रोत है. अपने-अपने क्षेत्र में इन युवाओं ने बेहतरीन काम किया है और जरूरतमंदों को सहायता भी पहुंचाई है. आप भी जानिए इन युवाओं के बारे में.....
कुछ हद तक इसमें सफलता भी अतुल ने हासिल भी की है. इनके प्रयास से लोगों की जिंदगी बचाने और नई सोच विकसित करने में कारगर साबित हुए है. रांची की लाइफ सेवर्स टीम में से एक है. किसी को अगर खून की जरूरत हो कहीं खून की खरीद बिक्री की शिकायत हो या किसी को रक्तदान करना हो ऐसे में अतुल गेरा एक ऐसा नाम है, जो इन तमाम जरूरतों को पूरा करते हैं.
पिछले 15 सालों से अपने सदस्यों के साथ यह बड़े ही बेहतरीन तरीके से अपने काम को कर रहे हैं. राज्य के विभिन्न वर्गों के साथ जुड़कर रांची में इन्होंने रक्तदान का एक नया रिकॉर्ड भी कायम किया है. राज्य के सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान के ब्लड बैंक को भी इनके जरिए बड़ा सपोर्ट मिलता है. इनकी कोशिश रहती है कि किसी परेशानी के जरूरतमंद को खून और खून के साथ ही खून का अवैध कारोबार और खून के नाम पर लूट बंद हो. सरकारी अस्पतालों में हालत अब काफी बदली है, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में अभी खून के बदले मरीजों से मनमाने पैसे वसूले जाते हैं और अतुल गेरा ऐसे ही लोगों की मदद करते आ रहे हैं. ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान अतुल ने अपना अनुभव साझा किया है.
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उत्तराखंड की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा
वहीं ईटीवी भारत की टीम ने उत्तराखंड के सरस्वती रेंज की सबसे ऊंची चोटी काला नाग पर फतेह करने वाले रांची पिस्का मोड़ के रहने वाले पंकज कुमार से भी खास बातचीत की है. दरअसल इस ऊंची चोटी पर पहुंचने का साहस हर कोई नहीं रख पाता है, लेकिन बिना किसी सरकारी मदद के पंकज कुमार ने काला नाग पर्वत शिखर को फतह किया है.
हालांकि इसके आरोहण में पहले भी कुछ लोग गए थे, लेकिन खतरनाक और मौत के मुहाने पर धकेलने वाले डेंजर रास्तों के कारण कोई चोटी तक पहुंचने की हिम्मत नहीं कर पाया था, लेकिन कम उम्र में रांची के पंकज ने वह मुकाम हासिल करके दिखाया. पंकज के मन में एक सवाल यह है कि अगर उन्हें सरकारी मदद मिलती तो आज और भी कई बड़े खतरनाक पर्वतों का वह आरोहण करने में सफल हो जाते. हालांकि पंकज का अगला टारगेट है यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करना. फिर शिवलिंग एवरेस्ट की चढ़ाई करना. उन्होंने झारखंड सरकार से मदद की गुहार लगाई है. साथ ही झारखंड के युवाओं को इस फील्ड में आगे आने को लेकर प्रेरित भी किया है.
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लॉकडाउन के दौरान हर भूखे को खिलाया खाना
वहीं झारखंड में हर जरूरतमंदों को खाना खिलाने वाले रोटी बैंक संस्था चलाने वाले विजय पाठक ने भी एक बेहतरीन काम किया है. इस युवा ने कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन के बीच लाखों जरूरतमंदों तक खाना मुहैया कराया है. रोटी बैंक के जरिए इस युवा ने युवाओं की टोली बनाकर हर जरूरतमंदों को निवाला पहुंचाया है.
इनके साथ भी हमारी टीम ने बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोई भूखा न रहे और कोई भूखा न सोए. इसी मकसद को लेकर उन्होंने रोटी बैंक संस्था की शुरुआत की थी और इस संस्था को राजधानी रांची के युवाओं ने मिलकर चलाया. संस्था की ओर से रांची में ऐसे 50 से अधिक रोटी बैंक संचालित करने में सफलता हासिल की है, जिससे गरीब तबके के लोगों को 2 जून की रोटी मिल पाता है. युवा दिवस के दिन ईटीवी भारत की टीम ऐसे ही युवाओं को सलाम करती है.