रांची: झारखंड में कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट के खतरे के मद्देनजर प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाने तेज कर दिए हैं. अभी हाल ही में कोडरमा और रांची जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इससे झारखंड स्वास्थ्य प्रशासन चौंकन्ना हो गया है. प्रशासन को डर है कि कहीं covid19 संक्रमण में अचानक आई तेजी ओमीक्रोन की आहट तो नहीं है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और IDSP Jharkhand ने बड़ा फैसला किया है. इसके तहत फिलहाल कोडरमा और रांची में RTPCR टेस्ट में मिले पॉजीटिव सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा जाएगा.
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बुधवार को कोडरमा से आरटीपीसीआर में पॉजिटिव पाए गए 10 मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए जांच करने वाली निजी एजेंसी JITM ने आईएलएस भुवनेश्वर भेजा है. इसके साथ ही IDSP Jharkhand ने दिल्ली की तर्ज पर राज्य में कोरोना के सभी RTPCR पॉजीटिव सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराने का फैसला किया है. फिलहाल रांची में बुधवार को मिले 25 पॉजीटिव मरीजों में से 19 मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए आईएलएस भुवनेश्वर भेजे जा रहे हैं.
टेस्टिंग बढ़ाने के लिए एक और एजेंसी संग MOU
इसके अलावा कोरोना संदिग्धों की जांच की रफ्तार बढ़ाने के लिए एनएचएम ने बायोजेन लैब्स इंडिया प्रालि सिकंदराबाद से करार (MOU) किया है. इसका मकसद जांच के लिए गए सैंपल की रिपोर्ट जीरो पेंडिंग तक करना है. सबसे बड़ी और अच्छी बात यह है कि वर्तमान में राज्य सरकार जिस निजी एजेंसी JITM के साथ MOU के तहत जहां आरटीपीसीआर जांच कराती है. इसके लिए एजेंसी को लगभग 250 रुपये का भुगतान करना पड़ता है.
वहीं बायोजेन लैब आरटीपीसीआर जांच महज 178 रुपये में करेगी. वहीं 48 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट भी दे देगी. जांच के लिए स्टेट आईडीएसपी के दिशानिर्देश पर यह लैब संबंधित स्थल से आईसीएमआर द्वारा तय मानकों के अनुरूप सैंपल कलेक्ट कर जांच करेगी.
ओमीक्रोन वैरिएंट के कुछ लक्षण
चिकित्सकों का कहना है कि ओमीक्रोन वैरिएंट के शिकार शख्स में सामान्यतः थकान और कमजोरी की समस्या रहती है. इसके अलावा गले में खराश की समस्या भी नजर आ रही है. इसके अलावा कुछ संक्रमितों को शरीर में दर्द और रात में पसीने की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है.