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आवास बोर्ड के नोटिस का मामलाः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष फफक-फफककर रोने लगी महिला, सीएम बोले- कराएंगे समाधान

कडरु आनंद विहार की जमीन को लेकर आवास बोर्ड नोटिस ( housing board notice in kadaru) से हड़कंप मचा है. इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने पहुंची एक बुजुर्ग फफक-फफककर रोने लगी (Old lady crying in front of cm). इस पर सीएम ने उसे फिर मिलने के लिए प्रोजेक्ट भवन बुलाया है.

housing board notice in kadaru
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष फफक फफककर रोने लगी महिला
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Published : Sep 12, 2022, 10:51 PM IST

रांची: आवास बोर्ड द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद एक तरफ लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है, दूसरी तरफ यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच गया है. आवास बोर्ड में गुहार लगाने के बाद सोमवार को कडरु के आनंद विहार के लोग गुहार लगाने प्रोजेक्ट भवन पहुंच गए. यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष आवास बोर्ड द्वारा घर तोड़े जाने के नोटिस में मदद करने की गुहार लगाने लगे. इस दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष एक महिला फफक-फफककर रोने लगी (Old lady crying in front of cm).

ये भी पढ़ें-आवास बोर्ड के नोटिस से अतिक्रमणकारियों में हड़कंप, क्या अतिक्रमणमुक्त हो पाएगी जमीन और फ्लैट

इसके बाद मुख्यमंत्री ने आनन फानन में नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे को तलब किया. यह वाकया तब हुआ जब मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट भवन से निकल रहे थे. इस बीच सीएम ने प्रोजेक्ट भवन के आगंतुक गैलरी में बैठी बुजुर्ग महिला को बुलाकर उनकी समस्या सुनी. आवास बोर्ड के इस नोटिस से अनभिज्ञ मुख्यमंत्री ने विनय चौबे से पूछा तब पता चला कि जिस जमीन को इस महिला ने रैयत से खरीदा है, उस पर आवास बोर्ड की अब दावेदारी है और यह लड़ाई लंबे समय से आवास बोर्ड और कडरु आनंद विहार के लोगों के बीच चल रही है.

देखें पूरी खबर

इस मामले में विनय चौबे बतौर एमडी आवास बोर्ड कई बार हस्तक्षेप भी कर चुके थे मगर समस्या का समाधान 1985 से अभी तक नहीं निकल पाया. इन सबके बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुहार लगाने पहुंचे लोगों को समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया और मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन फिर से बुलाया. गौरतलब है कि ईटीवी भारत ने आज ही इस संबंध में खबर चलाई थी, जिसके बाद खलबली मची हुई है.


नोटिस पर नोटिस मगर समाधान नहींः कडरु आनंद विहार की करीब 22 एकड़ 67 डिसमिल जमीन को लेकर आवास बोर्ड और यहां रह रहे लोगों के बीच लंबे समय से कानूनी लड़ाई चल रही है. इस दौरान आवास बोर्ड अब तक एक दर्जन से अधिक बार नोटिस भेज चुका है मगर समाधान ढाक के तीन पात हुए. ऐसे में एक बार फिर भेजी गई नोटिस से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है. लोगों का कहना है कि यदि आवास बोर्ड की यह जमीन थी तो हमलोगों की रजिस्ट्री और म्यूटेशन कैसे हो गया. सरकार हम लोगों की जमीन को रेगुलराइज करके समस्या का समाधान करे नहीं तो हमलोग बेघर हो जाएंगे.

रांची: आवास बोर्ड द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद एक तरफ लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है, दूसरी तरफ यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच गया है. आवास बोर्ड में गुहार लगाने के बाद सोमवार को कडरु के आनंद विहार के लोग गुहार लगाने प्रोजेक्ट भवन पहुंच गए. यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष आवास बोर्ड द्वारा घर तोड़े जाने के नोटिस में मदद करने की गुहार लगाने लगे. इस दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष एक महिला फफक-फफककर रोने लगी (Old lady crying in front of cm).

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इसके बाद मुख्यमंत्री ने आनन फानन में नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे को तलब किया. यह वाकया तब हुआ जब मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट भवन से निकल रहे थे. इस बीच सीएम ने प्रोजेक्ट भवन के आगंतुक गैलरी में बैठी बुजुर्ग महिला को बुलाकर उनकी समस्या सुनी. आवास बोर्ड के इस नोटिस से अनभिज्ञ मुख्यमंत्री ने विनय चौबे से पूछा तब पता चला कि जिस जमीन को इस महिला ने रैयत से खरीदा है, उस पर आवास बोर्ड की अब दावेदारी है और यह लड़ाई लंबे समय से आवास बोर्ड और कडरु आनंद विहार के लोगों के बीच चल रही है.

देखें पूरी खबर

इस मामले में विनय चौबे बतौर एमडी आवास बोर्ड कई बार हस्तक्षेप भी कर चुके थे मगर समस्या का समाधान 1985 से अभी तक नहीं निकल पाया. इन सबके बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुहार लगाने पहुंचे लोगों को समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया और मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन फिर से बुलाया. गौरतलब है कि ईटीवी भारत ने आज ही इस संबंध में खबर चलाई थी, जिसके बाद खलबली मची हुई है.


नोटिस पर नोटिस मगर समाधान नहींः कडरु आनंद विहार की करीब 22 एकड़ 67 डिसमिल जमीन को लेकर आवास बोर्ड और यहां रह रहे लोगों के बीच लंबे समय से कानूनी लड़ाई चल रही है. इस दौरान आवास बोर्ड अब तक एक दर्जन से अधिक बार नोटिस भेज चुका है मगर समाधान ढाक के तीन पात हुए. ऐसे में एक बार फिर भेजी गई नोटिस से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है. लोगों का कहना है कि यदि आवास बोर्ड की यह जमीन थी तो हमलोगों की रजिस्ट्री और म्यूटेशन कैसे हो गया. सरकार हम लोगों की जमीन को रेगुलराइज करके समस्या का समाधान करे नहीं तो हमलोग बेघर हो जाएंगे.

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