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Ranchi News: रांची में सिर्फ 32 रुपये लीटर दूध, ग्राहक बनने के लिए वीआईपी होना जरूरी!

रांची के तीन गौशाला 32 रुपये लीटर दूध बेच रहे हैं. लेकिन यह दूध आम लोगों को नहीं बल्कि कई ऊंचे और रसूखदार अधिकारियों को बेचे जा रहे हैं. आम जनता 50-60 रुपये प्रति लीटर दूध खरीद रही है.

Officials get milk at low cost in Ranchi
32 rupees litre milk in ranchi
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Published : Apr 29, 2023, 9:48 AM IST

Updated : Apr 29, 2023, 10:12 AM IST

जानकारी देते संवाददाता उपेंद्र कुमार

रांची: राजधानी में मात्र 32 रुपये लीटर में दूध मिल रहा है. लेकिन ये दूध आम जनता को नहीं मिल पा रहा. आम जनता 50-60 रुपये प्रति लीटर दूध लेने को मजबूर हैं. एक ओर आम इंसान दूध की बढ़ती कीमत से परेशान है. इस साल सभी नामी गिरामी ब्रांडों के दूध के दाम 12-14% तक बढ़ गए हैं. वहीं छोटे बड़े डेयरी संचालकों ने भी दूध की कीमत बढ़ा दिए हैं. राजधानी रांची में जहां आम लोग 50-60 रुपये लीटर दूध लेने को मजबूर हैं. वहीं आप यह जानकर आश्चर्य में पड़ जाएंगे कि एक सरकारी महकमा ऐसा है जो आज भी महज 32 रुपए लीटर दूध उपलब्ध करा रहा है. गव्य विकास निदेशालय के प्रशिक्षण और प्रसार संस्थान के तीन गौशाला रांची में मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और धुर्वा में निदेशालय मुख्यालय में स्थित है. इन तीन गौशाला से हर दिन 120-135 लीटर दूध का उत्पादन होता है, जिसे निदेशालय महज 32 रुपये लीटर की दर से चार्ज करता है.

यह भी पढ़ें: ईडी के रडार पर कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद, प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी गयी चार कांड से जुड़ी जानकारी

राजभवन में गाय और भैंस मिलाकर कुल 09 जानवर हैं, जिसमें से 04 गाय और 01 भैंस अभी दूध देती है. इसी तरह मुख्यमंत्री आवास में 13 पशु हैं, जिसमें से 04 दूध देते हैं. धुर्वा स्थिति गव्य निदेशालय के गौशाला में 27 गाय है, जिसमें से 14 गाय दूध दे रही है. अगर तीनों गौशाला को मिलाकर दूध उत्पादन की बात करें तो करीब 120 से 135 लीटर दूध का हर दिन उत्पादन होता है, जिसे महज 32 रुपये लीटर के हिसाब से बेच दिया जाता है.

चार साल से भी अधिक समय से दूध के दर का नहीं हुआ है पुनर्निर्धारण: दरअसल, मामला हाई प्रोफाइल लोगों को सस्ती दर पर दूध उपलब्ध कराने का है. इसलिए कोई खुलकर इस मुद्दे पर बोल कर मुसीबत मोल नहीं लेना चाहता. गव्य विकास निदेशालय, धुर्वा में सेवा दे रहे गव्य तकनीक अधिकारी विजय कुमार श्रीवास्तव और सुरेश कुमार कहते हैं कि 32 रुपये लीटर दूध की बिक्री होती है. लंबे दिनों से निर्धारित दर का पुनर्निर्धारण नहीं हुआ है. नए पशुपालन और गव्य निदेशालय निदेशक जल्द दर का पुनर्निर्धारण कराने वाले हैं. पूरे मामले को लेकर प्रशिक्षण और प्रसार संस्थान के मुख्य अनुदेशक डॉ मनोज कुमार तिवारी कैमरे पर कुछ भी कहने से बचते दिखे. वहीं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने महज 32 रुपये लीटर दूध बेचे जाने के ईटीवी भारत के सवाल पर कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. मामले की जानकारी लेकर ही वह कुछ कह पायेंगे.

कई बड़े पदाधिकारी हैं सस्ते दूध के ग्राहक: जब गाय का शुद्ध दूध सिर्फ 32 रुपये लीटर में उपलब्ध हो तो उसके ग्राहक भी खास ही होंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व गव्य निदेशक सहित कई ऊंचे और रसूखदार अधिकारी 32 रुपये लीटर दूध का मजा ले रहे हैं. वहीं आम जनता को अपने बच्चों के लिए दूध उपलब्ध कराना भारी पड़ रहा है, क्योंकि इस साल कई दफा दूध के दाम बढ़ाए जा चुके हैं.

जानकारी देते संवाददाता उपेंद्र कुमार

रांची: राजधानी में मात्र 32 रुपये लीटर में दूध मिल रहा है. लेकिन ये दूध आम जनता को नहीं मिल पा रहा. आम जनता 50-60 रुपये प्रति लीटर दूध लेने को मजबूर हैं. एक ओर आम इंसान दूध की बढ़ती कीमत से परेशान है. इस साल सभी नामी गिरामी ब्रांडों के दूध के दाम 12-14% तक बढ़ गए हैं. वहीं छोटे बड़े डेयरी संचालकों ने भी दूध की कीमत बढ़ा दिए हैं. राजधानी रांची में जहां आम लोग 50-60 रुपये लीटर दूध लेने को मजबूर हैं. वहीं आप यह जानकर आश्चर्य में पड़ जाएंगे कि एक सरकारी महकमा ऐसा है जो आज भी महज 32 रुपए लीटर दूध उपलब्ध करा रहा है. गव्य विकास निदेशालय के प्रशिक्षण और प्रसार संस्थान के तीन गौशाला रांची में मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और धुर्वा में निदेशालय मुख्यालय में स्थित है. इन तीन गौशाला से हर दिन 120-135 लीटर दूध का उत्पादन होता है, जिसे निदेशालय महज 32 रुपये लीटर की दर से चार्ज करता है.

यह भी पढ़ें: ईडी के रडार पर कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद, प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी गयी चार कांड से जुड़ी जानकारी

राजभवन में गाय और भैंस मिलाकर कुल 09 जानवर हैं, जिसमें से 04 गाय और 01 भैंस अभी दूध देती है. इसी तरह मुख्यमंत्री आवास में 13 पशु हैं, जिसमें से 04 दूध देते हैं. धुर्वा स्थिति गव्य निदेशालय के गौशाला में 27 गाय है, जिसमें से 14 गाय दूध दे रही है. अगर तीनों गौशाला को मिलाकर दूध उत्पादन की बात करें तो करीब 120 से 135 लीटर दूध का हर दिन उत्पादन होता है, जिसे महज 32 रुपये लीटर के हिसाब से बेच दिया जाता है.

चार साल से भी अधिक समय से दूध के दर का नहीं हुआ है पुनर्निर्धारण: दरअसल, मामला हाई प्रोफाइल लोगों को सस्ती दर पर दूध उपलब्ध कराने का है. इसलिए कोई खुलकर इस मुद्दे पर बोल कर मुसीबत मोल नहीं लेना चाहता. गव्य विकास निदेशालय, धुर्वा में सेवा दे रहे गव्य तकनीक अधिकारी विजय कुमार श्रीवास्तव और सुरेश कुमार कहते हैं कि 32 रुपये लीटर दूध की बिक्री होती है. लंबे दिनों से निर्धारित दर का पुनर्निर्धारण नहीं हुआ है. नए पशुपालन और गव्य निदेशालय निदेशक जल्द दर का पुनर्निर्धारण कराने वाले हैं. पूरे मामले को लेकर प्रशिक्षण और प्रसार संस्थान के मुख्य अनुदेशक डॉ मनोज कुमार तिवारी कैमरे पर कुछ भी कहने से बचते दिखे. वहीं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने महज 32 रुपये लीटर दूध बेचे जाने के ईटीवी भारत के सवाल पर कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. मामले की जानकारी लेकर ही वह कुछ कह पायेंगे.

कई बड़े पदाधिकारी हैं सस्ते दूध के ग्राहक: जब गाय का शुद्ध दूध सिर्फ 32 रुपये लीटर में उपलब्ध हो तो उसके ग्राहक भी खास ही होंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व गव्य निदेशक सहित कई ऊंचे और रसूखदार अधिकारी 32 रुपये लीटर दूध का मजा ले रहे हैं. वहीं आम जनता को अपने बच्चों के लिए दूध उपलब्ध कराना भारी पड़ रहा है, क्योंकि इस साल कई दफा दूध के दाम बढ़ाए जा चुके हैं.

Last Updated : Apr 29, 2023, 10:12 AM IST
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