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पूजा सिंघल केस: ईडी की जांच में कई अनियमितताओं का खुलासा, राडार पर कई अफसर और नेता

मनरेगा घोटाला में आईएस पूजा सिंघल की भूमिका की जांच के दौरान अनियमितताओं की परतें खुलती जा रही है. ईडी ने पूजा सिंघल के करीबियों के ठिकानों से 19 करोड़ 31 लाख नगद राशि बरामद किया. इस राशि के जांच के दौरान ईडी अन्य कई मामलों का खुलासा कर रही है, जिसके बाद कई सरकारी अधिकारी, बिल्डर, कारोबारी और राजनेता भी ईडी के रडार पर है.

ED investigation in IAS Pooja Singhal case
ED investigation in IAS Pooja Singhal case
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Published : May 14, 2022, 9:18 AM IST

रांची: ईडी (Directorate of Enforcement) ने मनरेगा घोटाला में पूजा सिंघल की भूमिका की जांच शुरू की थी लेकिन, जांच का दायरा अब काफी बढ़ चुका है, जहां एक के बाद एक अनियमितताओं का खुलासा हा रहा है. मामले में पूजा सिंघल के करीबियों के ठिकानों से जमा की गई 19 करोड़ 31 लाख नगद राशि की जांच में जब ईडी जुटी तो मामला अवैध खनन से लेकर शेल कंपनियों तक पहुंच गया. जिसके बाद सरकारी पदाधिकारियों के साथ साथ बिल्डर, कई कारोबारी और बड़े राजनेता भी जांच के दायरे में आ चुके हैं.

इसे भी पढ़ें: पल्स हॉस्पिटल के सवालों में उलझी पूजा सिंघल, साहिबगंज, दुमका और पलामू के डीएमओ को समन


नेता अफसर राडार पर: आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के करीबी खनन विभाग के अफसर भी ईडी के रडार पर आ गए हैं. ईडी ने जिन तीन जिला खनन पदाधिकारियों को समन किया है, वह लंबे समय से एक ही जिला में पदस्थापित थे. जानकारी के मुताबिक, ईडी को यह साक्ष्य मिला है कि जिला खनन पदाधिकारियों ने भारी भरकम रमक तत्कालीन खान सचिव को दी थी. वहीं खनन लीज के जरिए भी की गई काली कमायी का हिस्सा उन तक पहुंचाया गया था.


साहिबगंज के डीएमओ विभूति से पट्टा देने पर होगी पूछताछ: साहिबगंज के डीएमओ विभूति कुमार ने सीएम के मीडिया सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू को पाकुड़िया में खनन पट्टा दिया था. इस पट्टा आवंटन को लेकर भी ईडी विभूति कुमार से पूछताछ की तैयारी की है. ईडी सूत्रों के मुताबिक, साहिबगंज में अवैध खनन और तस्करी के जरिए भी काली कमायी की गई है. जिसका बड़ा हिस्सा राजधानी तक पहुंचता था. ईडी यह पड़ताल कर रही है कि ढ़ाई सालों में इन जिलों से कितनी अवैध कमाई खनन सचिव तक पहुंचायी गई थी.


धनबाद, जमशेदपुर में भी अस्पताल खोलने की योजना: जानकारी के मुताबिक, पूजा सिंघल और अभिषेक झा की योजना धनबाद और जमशेदपुर में भी अस्पताल खोलने की थी. धनबाद और जमशेदपुर में भी अस्पताल खोलने पर दो सौ करोड़ से अधिक राशि खर्च होनी थी. इन अस्पतालों में पूजा सिंघल के अलावा दूसरे आईएएस अधिकारी का भी इंवेस्टमेंट होना था लेकिन, ईडी की कार्रवाई ने सबके मंसूबे पर पानी फेर दिया है.

रांची: ईडी (Directorate of Enforcement) ने मनरेगा घोटाला में पूजा सिंघल की भूमिका की जांच शुरू की थी लेकिन, जांच का दायरा अब काफी बढ़ चुका है, जहां एक के बाद एक अनियमितताओं का खुलासा हा रहा है. मामले में पूजा सिंघल के करीबियों के ठिकानों से जमा की गई 19 करोड़ 31 लाख नगद राशि की जांच में जब ईडी जुटी तो मामला अवैध खनन से लेकर शेल कंपनियों तक पहुंच गया. जिसके बाद सरकारी पदाधिकारियों के साथ साथ बिल्डर, कई कारोबारी और बड़े राजनेता भी जांच के दायरे में आ चुके हैं.

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नेता अफसर राडार पर: आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के करीबी खनन विभाग के अफसर भी ईडी के रडार पर आ गए हैं. ईडी ने जिन तीन जिला खनन पदाधिकारियों को समन किया है, वह लंबे समय से एक ही जिला में पदस्थापित थे. जानकारी के मुताबिक, ईडी को यह साक्ष्य मिला है कि जिला खनन पदाधिकारियों ने भारी भरकम रमक तत्कालीन खान सचिव को दी थी. वहीं खनन लीज के जरिए भी की गई काली कमायी का हिस्सा उन तक पहुंचाया गया था.


साहिबगंज के डीएमओ विभूति से पट्टा देने पर होगी पूछताछ: साहिबगंज के डीएमओ विभूति कुमार ने सीएम के मीडिया सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू को पाकुड़िया में खनन पट्टा दिया था. इस पट्टा आवंटन को लेकर भी ईडी विभूति कुमार से पूछताछ की तैयारी की है. ईडी सूत्रों के मुताबिक, साहिबगंज में अवैध खनन और तस्करी के जरिए भी काली कमायी की गई है. जिसका बड़ा हिस्सा राजधानी तक पहुंचता था. ईडी यह पड़ताल कर रही है कि ढ़ाई सालों में इन जिलों से कितनी अवैध कमाई खनन सचिव तक पहुंचायी गई थी.


धनबाद, जमशेदपुर में भी अस्पताल खोलने की योजना: जानकारी के मुताबिक, पूजा सिंघल और अभिषेक झा की योजना धनबाद और जमशेदपुर में भी अस्पताल खोलने की थी. धनबाद और जमशेदपुर में भी अस्पताल खोलने पर दो सौ करोड़ से अधिक राशि खर्च होनी थी. इन अस्पतालों में पूजा सिंघल के अलावा दूसरे आईएएस अधिकारी का भी इंवेस्टमेंट होना था लेकिन, ईडी की कार्रवाई ने सबके मंसूबे पर पानी फेर दिया है.

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