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जेपीएससी नई नियमावली 2021 को लेकर आदिवासी मूलवासी महासभा को आपत्ति, संशोधन की मांग - जेपीएससी नियमावली 2021 में संशोधन की मांग

जेपीएससी नियमावली 2021 पर आदिवासी मूलवासी महासभा ने कुछ बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कराई है. संघ ने सरकार से नीति संगत फैसला लेने की मांग की है. इस संबंध में संघ 13 फरवरी को परिचर्चा का भी आयोजन करेगा.

आदिवासी मूलवासी महासभा
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Published : Jan 29, 2021, 3:47 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 3:54 PM IST

रांचीः आदिवासी मूलवासी महासभा की ओर से जेपीएससी नियमावली 2021 और स्थानीय-नियोजन नीति के साथ-साथ बैकलॉग नियुक्ति और अन्य मामलों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस दौरान राज्य सरकार से नीति संगत फैसला लेने की मांग की गई.

देखें पूरी खबर

आदिवासी मूलवासी महासभा झारखंड की ओर से जेपीएससी नई नियमावली 2021 को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. इनकी मानें तो राज्य के आदिवासी और मूलवासी अभ्यर्थियों को एक बार फिर छलने का काम राज्य सरकार की इस नियमावली में किया जाएगा. इसलिए इसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा. आदिवासी मूलवासी सभा की ओर से 13 फरवरी को एक परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा.

इस परिचर्चा में तमाम समाजिक संगठनों को भी आमंत्रित किया जाएगा और इसके बाद प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा. आदिवासी मूलवासी का जो इस राज्य में अधिकार है.उन अधिकारों को छीनने की कोशिश हो रही है. इसे महासभा हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगी.

यह भी पढ़ेंः रिम्स की डॉक्टर ने इंजीनियर पति के खिलाफ थाने में की शिकायत, कहा- गलत जाति बता की थी शादी

झारखंड बनने के बाद जिस उद्देश्य के साथ जेपीएससी का गठन हुआ है.उन उद्देश्यों को पूरा नहीं किया जा रहा है और इसका विरोध सड़क से सदन तक होगा. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान धर्मगुरु बंधन तिग्गा, करमा उरांव समेत कई लोग शामिल हुए. इस मौके पर कहा गया कि हेमंत सरकार पर दबाव नहीं बनाया जा रहा है.

बल्कि उन्हें जेपीएससी नई नियमावली की विसंगतियों के संबंध में अवगत कराया जा रहा है. झारखंड में स्पष्ट स्थानीय नियोजन नीति बननी चाहिए जब तक नहीं बनेगी तब तक झारखंड का विकास नहीं होगा, और ना ही राज्य के आदिवासी मूलवासी यों को उनका हक मिल पाएगा.इस नियमावली में भी ऐसी कई विसंगतियां हैं, जिसका विरोध पुरजोर तरीके से लगातार किया जा रहा है.

रांचीः आदिवासी मूलवासी महासभा की ओर से जेपीएससी नियमावली 2021 और स्थानीय-नियोजन नीति के साथ-साथ बैकलॉग नियुक्ति और अन्य मामलों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस दौरान राज्य सरकार से नीति संगत फैसला लेने की मांग की गई.

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आदिवासी मूलवासी महासभा झारखंड की ओर से जेपीएससी नई नियमावली 2021 को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. इनकी मानें तो राज्य के आदिवासी और मूलवासी अभ्यर्थियों को एक बार फिर छलने का काम राज्य सरकार की इस नियमावली में किया जाएगा. इसलिए इसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा. आदिवासी मूलवासी सभा की ओर से 13 फरवरी को एक परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा.

इस परिचर्चा में तमाम समाजिक संगठनों को भी आमंत्रित किया जाएगा और इसके बाद प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा. आदिवासी मूलवासी का जो इस राज्य में अधिकार है.उन अधिकारों को छीनने की कोशिश हो रही है. इसे महासभा हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगी.

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झारखंड बनने के बाद जिस उद्देश्य के साथ जेपीएससी का गठन हुआ है.उन उद्देश्यों को पूरा नहीं किया जा रहा है और इसका विरोध सड़क से सदन तक होगा. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान धर्मगुरु बंधन तिग्गा, करमा उरांव समेत कई लोग शामिल हुए. इस मौके पर कहा गया कि हेमंत सरकार पर दबाव नहीं बनाया जा रहा है.

बल्कि उन्हें जेपीएससी नई नियमावली की विसंगतियों के संबंध में अवगत कराया जा रहा है. झारखंड में स्पष्ट स्थानीय नियोजन नीति बननी चाहिए जब तक नहीं बनेगी तब तक झारखंड का विकास नहीं होगा, और ना ही राज्य के आदिवासी मूलवासी यों को उनका हक मिल पाएगा.इस नियमावली में भी ऐसी कई विसंगतियां हैं, जिसका विरोध पुरजोर तरीके से लगातार किया जा रहा है.

Last Updated : Jan 29, 2021, 3:54 PM IST
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