रांची: कांग्रेस छात्र संगठन झारखंड एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह के नेतृत्व में फार्मेसी कॉलेजों के विभिन्न मुद्दों को लेकर झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान छात्र संगठन एनएसयूआई ने अपने विभिन्न मांगों से स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया है.
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मौके पर छात्र संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया है कि निजी फार्मेसी कॉलेजों की जांच कराई जाए. क्योंकि बिन पढ़ाये डिग्रियां बांटी जा रही है. 3-4 कमरों के घर और अपार्टमेंट में चल रहे कॉलेजों तो तुरंत बंद करवाया जाए. डिप्लोमा इन फार्मेसी सत्र 2018-20 और 2019-21 की द्वितीय वर्ष की परीक्षा अविलंब करवाई जाए. झारखंड की दवा दुकान वालों के लाइसेंस को झारखंड फॉर्मेसी काउंसिल से निबंधन अनिवार्य किया जाए.
फार्मेसी कोर्स के संचालन और एफिलिएशन देने का अधिकार सिर्फ झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी को है, तो फिर झारखंड फार्मेसी काउंसिल किस अधिकार के संरक्षण में ये कार्य कर रहा है. ये गंभीर जांच का विषय है, इसकी जांच की जाए. निजी फार्मेसी कॉलेजों में फार्मेसी की सीट से अधिक विद्यार्थियों का एडमिशन लिया जा रहा है, इसकी भी जांच होनी चाहिए. फार्मेसी कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की डिग्रियां जांच कराई जाये. जानकारी के मुताबिक ऐसे कई शिक्षक हैं जो फर्जी डिग्री के साथ ऐसे कॉलेजों में पठन-पाठन करवा रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री से मिला आश्वासन: सभी बातों को सुनने के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सभी मांगों पर जल्द विचार कर निर्णय लिया जाएगा. मौके पर इंदरजीत सिंह, आरुषि वंदना, अमन यादव, आकाश रजवार, प्रणव सिंह, आकाश बाबा, पंकज, चंदन एव छात्र-छात्राएं मौजूद थे.