रांची: अब एसटी-एससी केस का अनुसंधान राज्य के दारोगा और इंस्पेक्टर कर सकेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आज 22 नवंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में अनुसूचित जनजाति-अनुसूचित जाति अधिनियम 1989 के तहत दर्ज केस के अनुसंधान का अधिकार इंस्पेक्टर और दारोगा को देने सहित कुल 32 प्रस्तावों की मंजूरी प्रदान की गई.
कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने जानकारी देते हुए कहा कि एससी-एसटी केस का अनुसंधान वर्तमान समय में डीएसपी स्तर के 106 अधिकारी को करने का अधिकार था. मगर इस प्रस्ताव की मंजूरी मिलने के बाद दारोगा और इंस्पेक्टर को भी अनुसंधान का अधिकार प्राप्त होगा. इसके अलावा कैबिनेट ने 1984 सिख विरोधी दंगा में बोकारो के कुल 24 पीड़ितों और आश्रितों के मुआवजा देने की स्वीकृति प्रदान की गई.
कैबिनेट के प्रमुख प्रस्ताव जिन्हें मिली मंजूरी
- परगनैत को अब एक हजार के बदले तीन हजार मासिक भत्ता मिलेगा.
- हरिहरगंज पलामू पीएचसी की चिकित्सक डॉक्टर लवली पांडे को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति. इन पर लंबे समय से ड्यूटी से गायब रहने का आरोप है.
- जैन विश्वविद्यालय विधेयक में अंग्रेजी भाषा रूपांतरण में आवश्यक संशोधन की मंजूरी.
- लोहरदगा में किस्को पुलिस अनुमंडल की स्वीकृति प्रदान की गई. इस पुलिस अनुमंडल के अंतर्गत पांच थाना होंगे.
- सदर अस्पताल पाकुड़ के डॉक्टर तरुण कुमार को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई. इन पर लंबे समय से बिना कोई सूचना के अनुपस्थित रहने का आरोप है.
- एमएसएमई प्रोत्साहन नीति की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई.
- सरकारी भूमि के हस्तांतरण में नीति बनाकर उसमें संशोधन की स्वीकृति प्रदान की गई. इसके माध्यम से लीज की अवधि और तौर तरीकों में बदलाव करने की तैयारी है.
- झारखंड अवर सेवा शिक्षा नियमावली 2023 के गठन की स्वीकृति.
- हटिया लोधमा कर्रा पथ के चौरीकरण की स्वीकृति.
- पंचम विधानसभा के मानसून सत्र का सत्रावसान की स्वीकृति.
- विश्वविद्यालय में डिजिटल लैब स्थापित करने के लिए 26 पदों की स्वीकृति.
- राजकीय पॉलिटेक्निक और महिला पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शिक्षकों के समायोजन की स्वीकृति.
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