रांचीः नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑफ वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कोविड19 (NEGVAC) के रिकमेंडेशन को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है. कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्यों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है, जिसके अनुसार अब दूध पिलाने वाली माताएं( लैक्टेटिव मदर्स) भी कोरोना का वैक्सीन ले सकेंगी.
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वहीं कोरोना को परास्त करने वाले लोग कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के 03 महीने बाद वैक्सीन का पहला डोज लेंगे, पहले यह समयांतराल 01 महीने का था
और क्या-क्या है नई एडवाइजरी में
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिव को लिखे विभागीय पत्र में बिंदुवार कई नए निर्देश हैं. आइये ! नजर डालें नई एडवाइजरी पर
- अगर किसी व्यक्ति को नॉवेल कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ है तो उस व्यक्ति की कोरोना संक्रमण रिपोर्ट नेगेटिव आने के 03 महीने बाद ही टीका लगेगा. पहले यह 01 महीना था.
- कोविड का कोई मरीज जिसे अस्पताल में मोनोक्लोटल एंटीबाडी या प्लाज्मा दिया गया हो तो ऐसे मरीज के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 03 महीने बाद ही वैक्सीन लग सकेगा.
- कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज ले लिया है और इसके बाद वह covid19 संक्रमण का शिकार हो गया है तो वह वैक्सीन का दूसरा डोज ठीक होने के 3 महीने बाद ले सकेगा.
- कोई भी व्यक्ति किसी भी गंभीर बीमारी के चलते हॉस्पिटल में या ICU में भर्ती रहा है तो वह ठीक होने के 04-08 सप्ताह के बाद कोरोना वैक्सीन ले सकता है.
- कोई भी व्यक्ति जो कोरोना संक्रमित हुआ हो वह कोरोना मुक्त होने के 14 दिन बाद रक्तदान कर सकता है.
- कोई व्यक्ति जिसने कोरोना वैक्सीन ली है वह वैक्सीन लेने के 14 दिन बाद रक्तदान कर सकता हैं .
- कोरोना वैक्सीन लेने से पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने की कोई अनिवार्यता या बाध्यता नहीं है.
- दूध पिलाने वाली माताएं भी अब कोरोना का वैक्सीन ले सकेंगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को कहा है कि NEGVAC की अनुशंसा को लागू करने के लिए अपने अपने राज्यों में विभागीय अधिकारियों को इससे अवगत कराएं और लोकल लैंग्वेज में भी इसे जारी कराएं.