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कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को वापस भेजा गया जेल, एके-47 की बरामदगी में पुलिस फेल

रांची के धुर्वा इलाके से पकड़े गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को पुलिस ने वापस जेल भेज दिया है. पुलिस ने 48 घंटे की रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की थी. हालांकि उसने कोई नई बात की जानकारी नहीं दी है.

कुख्यात गैंगस्टर अमन साव वापस भेजा गया जेल
Notorious gangster Aman Saw sent back to jail after remand
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Published : Aug 12, 2020, 3:44 AM IST

रांची: राजधानी के धुर्वा इलाके से पकड़े गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को पुलिस ने वापस जेल भेज दिया है. पुलिस ने 48 घंटे की रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की थी. हालांकि उसने कोई नई बात की जानकारी नहीं दी है. उसके पास से एके-47 राइफल बरामद करने में पुलिस फेल रही.

गिरफ्तार नहीं होता तो हो जाती कई हत्याएं

अमन को धुर्वा थाने के एक मामले में रिमांड पर लिया गया था. इस दौरान रांची के सिटी एसपी, हटिया एएसपी सहित कई पुलिस अधिकारियों ने अमन से पूछताछ की. अब तक की पूछताछ में अमन ने बताया की रंगदारी के लिए अमन के निशाने पर रांची के कई व्यवसायी और बिल्डर थे. इनसे रंगदारी के लिए कॉल किया जा चुका था, जिन लोगों ने रंगदारी देने से इनकार किया था, उनकी हत्या की जानी थी. शुरुआती दौर में रांची के चार कोयला व्यवसायियों की हत्या करना था. इससे पहले वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. अमन साव ने यह भी खुलासा किया है कि वह अपनी पहचान छुपाकर रांची या राज्य से बाहर रहता था. उसने राहुल कुमार नाम से एक पहचान पत्र बना रखी थी. उसी आईकार्ड का इस्तेमाल कर वह होटलों में रूका करता था.

ये भी पढ़ें-दुमका: जंगल से 9 स्वचालित राइफल समेत भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद, उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा मामला

विकास दुबे के इनकाउंटर के बाद से था दहशत में

अमन ने यह भी बताया है कि उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी विकास दुबे का एनकाउंटर किए जाने से वह दहशत में था. उसे डर था कि पुलिस उसे पकड़ेगी तो उसका भी एनकाउंटर कर देगी. जब पुलिस ने अमन को धुर्वा से दबोच लिया तब वह काफी डर गया था. उसे लगा था कि पुलिस अब उसका एनकाउंटर कर देगी. पकड़े जाने के बाद से ही पुलिस को बार-बार कह रहा था कि वह सरेंडर कर चुका है. वह भागने वाला नहीं है. अमन ने पुलिस को यह भी बताया कि वह सरेंडर की तैयारी में भी था.

रांची, हजारीबाग और रामगढ़ में खरीद चुका है जमीन

इधर, पुलिस ने अमन साव को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में इस बार पूरी सतर्कता बरती, क्योंकि वह साल 2019 के सितंबर महीने में बड़का गांव थाने से फरार हो चुका था. फरार होने के बाद अमन साव अलग-अलग जगहों पर शरण लेता था. कभी बिहार चला जाता था तो कभी रांची में छुपकर रहता था. पुलिस ने जब अमन से रंगदारी वसूलने की जानकारी ली तो उसने 5 करोड़ से ज्यादा की वसूली की बात बताई है. पुलिस को जानकारी मिली है कि उन पैसों से रांची, रामगढ़ और हजारीबाग में कई जगहों पर उसने जमीन खरीदा है. उसने महंगी गाड़ियां भी खरीदा था. वह बड़े-बड़े हथियार और गोलियां खरीदकर स्टॉक रखता था. रंगदारी के पैसों से 5 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बना चुका है.

ये भी पढ़ें-पैतृक संपत्ति पर बेटी का भी होगा समान अधिकार : सुप्रीम कोर्ट

राज्य भर में दर्ज हैं 49 मामले

अमन के खिलाफ राज्यभर के अलग-अलग थानों में 49 मामले दर्ज है. अमन साव धनबाद, रांची, रामगढ़, पलामू, हजारीबाग, चतरा और लातेहार पुलिस के लिए चुनौती बन गया था. हजारीबाग के उरीमारी, बड़कागांव, डाड़ीकला, गिद्दी, केरेडारी, चतरा के पिपरवार और लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र में कार्यरत कोयला कंपनियों, ट्रांसपोर्टर्स और उद्यमियों से लेवी की मांग करता था. लेवी नहीं देने पर जान से मारने और वाहनों को जलाने की धमकी देता था.

फेक आईडी का इस्तेमाल

पूछताछ में गैगस्टर ने पुलिस के समक्ष फेक आईडी बनाने की बात स्वीकार की है. उसने बताया कि पहचान छुपाने के लिए राहुल कुमार के नाम से अपनी फेक आईडी बनायी थी. होटल और अन्य जगहों में ठहरने के लिए वह उसी आईडी का उपयोग किया करता था. पूछताछ में उसने यह भी बताया कि धुर्वा में भी वह फेक आईडी के जरिए ही रह रहा था.

रांची: राजधानी के धुर्वा इलाके से पकड़े गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को पुलिस ने वापस जेल भेज दिया है. पुलिस ने 48 घंटे की रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की थी. हालांकि उसने कोई नई बात की जानकारी नहीं दी है. उसके पास से एके-47 राइफल बरामद करने में पुलिस फेल रही.

गिरफ्तार नहीं होता तो हो जाती कई हत्याएं

अमन को धुर्वा थाने के एक मामले में रिमांड पर लिया गया था. इस दौरान रांची के सिटी एसपी, हटिया एएसपी सहित कई पुलिस अधिकारियों ने अमन से पूछताछ की. अब तक की पूछताछ में अमन ने बताया की रंगदारी के लिए अमन के निशाने पर रांची के कई व्यवसायी और बिल्डर थे. इनसे रंगदारी के लिए कॉल किया जा चुका था, जिन लोगों ने रंगदारी देने से इनकार किया था, उनकी हत्या की जानी थी. शुरुआती दौर में रांची के चार कोयला व्यवसायियों की हत्या करना था. इससे पहले वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. अमन साव ने यह भी खुलासा किया है कि वह अपनी पहचान छुपाकर रांची या राज्य से बाहर रहता था. उसने राहुल कुमार नाम से एक पहचान पत्र बना रखी थी. उसी आईकार्ड का इस्तेमाल कर वह होटलों में रूका करता था.

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विकास दुबे के इनकाउंटर के बाद से था दहशत में

अमन ने यह भी बताया है कि उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी विकास दुबे का एनकाउंटर किए जाने से वह दहशत में था. उसे डर था कि पुलिस उसे पकड़ेगी तो उसका भी एनकाउंटर कर देगी. जब पुलिस ने अमन को धुर्वा से दबोच लिया तब वह काफी डर गया था. उसे लगा था कि पुलिस अब उसका एनकाउंटर कर देगी. पकड़े जाने के बाद से ही पुलिस को बार-बार कह रहा था कि वह सरेंडर कर चुका है. वह भागने वाला नहीं है. अमन ने पुलिस को यह भी बताया कि वह सरेंडर की तैयारी में भी था.

रांची, हजारीबाग और रामगढ़ में खरीद चुका है जमीन

इधर, पुलिस ने अमन साव को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में इस बार पूरी सतर्कता बरती, क्योंकि वह साल 2019 के सितंबर महीने में बड़का गांव थाने से फरार हो चुका था. फरार होने के बाद अमन साव अलग-अलग जगहों पर शरण लेता था. कभी बिहार चला जाता था तो कभी रांची में छुपकर रहता था. पुलिस ने जब अमन से रंगदारी वसूलने की जानकारी ली तो उसने 5 करोड़ से ज्यादा की वसूली की बात बताई है. पुलिस को जानकारी मिली है कि उन पैसों से रांची, रामगढ़ और हजारीबाग में कई जगहों पर उसने जमीन खरीदा है. उसने महंगी गाड़ियां भी खरीदा था. वह बड़े-बड़े हथियार और गोलियां खरीदकर स्टॉक रखता था. रंगदारी के पैसों से 5 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बना चुका है.

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राज्य भर में दर्ज हैं 49 मामले

अमन के खिलाफ राज्यभर के अलग-अलग थानों में 49 मामले दर्ज है. अमन साव धनबाद, रांची, रामगढ़, पलामू, हजारीबाग, चतरा और लातेहार पुलिस के लिए चुनौती बन गया था. हजारीबाग के उरीमारी, बड़कागांव, डाड़ीकला, गिद्दी, केरेडारी, चतरा के पिपरवार और लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र में कार्यरत कोयला कंपनियों, ट्रांसपोर्टर्स और उद्यमियों से लेवी की मांग करता था. लेवी नहीं देने पर जान से मारने और वाहनों को जलाने की धमकी देता था.

फेक आईडी का इस्तेमाल

पूछताछ में गैगस्टर ने पुलिस के समक्ष फेक आईडी बनाने की बात स्वीकार की है. उसने बताया कि पहचान छुपाने के लिए राहुल कुमार के नाम से अपनी फेक आईडी बनायी थी. होटल और अन्य जगहों में ठहरने के लिए वह उसी आईडी का उपयोग किया करता था. पूछताछ में उसने यह भी बताया कि धुर्वा में भी वह फेक आईडी के जरिए ही रह रहा था.

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