रांची: ओरमांझी में युवती की सिरकटी लाश मिलने के बाद सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर रांची निर्भया हैशटैग चलाने वालों को पुलिस नोटिस भेजेगी. शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए डीजीपी एमवी राव ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए समाज में जहर फैलाने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा.
सोशल मीडिया पर जहर फैलाने के लिए दी जा रही ट्रेनिंग
डीजीपी के कहा कि ओरमांझी में सिर कटी लाश मिलने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर अफवाह फैलाया गया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जहर फैलाने के लिए ट्रेनिंग दिया जा रहा है. पैसे लेकर लोग माहौल खराब कर रहे हैं. जस्टिस फॉर रांची निर्भया हैशटैग चलाने वालों से यह पूछा जाएगा कि वह पूरी घटना के बारे में क्या जानते हैं. युवती के साथ दुष्कर्म हुआ है, उन्हें इस बात की सूचना कैसे मिली. नोटिस भेजने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि हैशटैग चलाने वालों को नोटिस भेजना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कंट्रोल नहीं करता. डीजीपी ने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि कुछ प्रबुद्ध लोग किसी वारदात के बाद सीधे नतीजे पर पहुंच कर इसे दुष्कर्म की घटना बता रहे थे.
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सीएम के काफिले के हमलावरों को नहीं छोड़ेंगे
डीजीपी ने कहा कि ओरमांझी कांड के बहाने सीएम के काफिले पर हमला करने वालों को नहीं छोड़ेंगे. इस मामले में 76 नामजद में 30 गिरफ्तार हो चुके हैं. इस कांड में अगर कोई खुद को निर्दोष बताता है तो वह हमसे मिले, घटना में संलिप्तता के पूरे सबूत देंगे. डीजीपी ने बताया कि कुछ परिजनों ने उनसे मुलाकात कर यह कहा है कि उनके बच्चों को गुमराह किया गया था.
माफिया की मदद करने वाले सफेदपोशों की हो रही पहचान
डीजीपी ने कहा कि जेल में बंद माफिया और माफिया के पैसे का निवेश करने वालों को चिन्हित किया जा रहा है. पुलिस अपराधियों पर नकेल कस रही है. ऐसे तमाम सफेदपोशों को चिन्हित किया जा रहा है जो माफिया की मदद कर रहे हैं.