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सरकारी अनुमति के बिना RU में नहीं होंगे ऑफलाइन क्लासेस, एडमिशन को लेकर हो रही है देरी

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Published : Jan 24, 2021, 1:47 PM IST

सरकारी अनुमति के बिना रांची विश्वविद्यालय में ऑफलाइन क्लासेस का संचालन नहीं किया जाएगा. आरयू एडमिशन भी काफी कम संख्या में हो रहे हैं. इसकी मुख्य वजह ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की कमी होना है.

no offline classes will state in ru without government permission
रांची विश्वविद्यालय में नहीं चलेगा ऑफलाइन क्लासेस

रांची: आरयू ऑफलाइन तरीके से क्लासेस नहीं शुरू करवाएगी. राज्य सरकार के निर्देश मिलने के बाद ही रांची विश्वविद्यालय में ऑफलाइन क्लासेस संचालित की जाएगी. विश्वविद्यालय की ओर से ऑनलाइन तरीके से क्लास संचालित किया जा रहा है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को इसका शत प्रतिशत लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं नामांकन में भी रांची विश्वविद्यालय अन्य विश्वविद्यालयों से पीछे है.

देखें पूरी खबर
सीनियर बच्चों को बुलाया जा रहा कॉलेज रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के बाद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में ऑफलाइन क्लासेस लिया जा रहा है. कोरोना के मद्देनजर जारी गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए इन दोनों विश्वविद्यालयों में पीजी और यूजी के विद्यार्थियों को बुलाया जा रहा है और शिक्षकों की ओर से परामर्श भी दिये जा रहे हैं. हालांकि रांची विश्वविद्यालय ने अब तक इस दिशा में पहल नहीं की है. विश्वविद्यालय अभी भी राज्य सरकार के निर्देश के इंतजार में है. जबकि यूजीसी की ओर से भी एक गाइडलाइन है कि विद्यार्थियों के पठन-पाठन को देखते हुए और सुचारू करने के लिए सीनियर बच्चों को कॉलेज बुलाया जा सकता है. बशर्ते कोविड-19 गाइडलाइन का पूरी तरह पालन हो सके, लेकिन रांची विश्वविद्यालय राज्य का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय होने के नाते इसके अंगीभूत और संबद्धता प्राप्त भी कई कॉलेज हैं और इसी को देखते हुए फिलहाल विश्वविद्यालय में ऑफलाइन तरीके से क्लास शुरू नहीं करवाए गए हैं. क्योंकि विद्यार्थियों की संख्या इस विश्वविद्यालय में ज्यादा है, कहीं तमाम विद्यार्थियों को एकसाथ कॉलेज बुलाने से कोई अनहोनी न हो. इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन सरकार के निर्देश का इंतजार में है.

इसे भी पढ़ें- देवघरः साइबर जागरूकता को लेकर पुलिस-पब्लिक संवाद, लोगों से सहयोग की अपील

ऑनलाइन क्लासेज से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा है फायदा
विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे की मानें तो विश्वविद्यालय की ओर से फिलहाल ऑनलाइन क्लासेस संचालित किए जा रहे हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसलिए विश्वविद्यालय ने भी अपने स्तर पर कुछ पहल की है. लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहा है. ऐसे में विद्यार्थियों को पठन-पाठन में काफी परेशानी हो रही है. यहां तक कि इस सेशन में वह नामांकन भी सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं. नए सत्र में नामांकन को लेकर विद्यार्थियों को चांसलर पोर्टल के जरिए आवेदन देना है. लेकिन विद्यार्थी आवेदन करने में समर्थ नहीं हो पा रहे हैं. क्योंकि उन्हें सही तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं मिल पा रहा है और रांची विश्वविद्यालय में नामांकन प्रतिशत में कमी की सबसे बड़ी वजह यही है. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के अधिकतर विद्यार्थी इस सत्र में नामांकन अब तक नहीं करवा पाए हैं. इस मामले को लेकर भी रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने चिंता व्यक्त की है.

रांची: आरयू ऑफलाइन तरीके से क्लासेस नहीं शुरू करवाएगी. राज्य सरकार के निर्देश मिलने के बाद ही रांची विश्वविद्यालय में ऑफलाइन क्लासेस संचालित की जाएगी. विश्वविद्यालय की ओर से ऑनलाइन तरीके से क्लास संचालित किया जा रहा है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को इसका शत प्रतिशत लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं नामांकन में भी रांची विश्वविद्यालय अन्य विश्वविद्यालयों से पीछे है.

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सीनियर बच्चों को बुलाया जा रहा कॉलेज रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के बाद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में ऑफलाइन क्लासेस लिया जा रहा है. कोरोना के मद्देनजर जारी गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए इन दोनों विश्वविद्यालयों में पीजी और यूजी के विद्यार्थियों को बुलाया जा रहा है और शिक्षकों की ओर से परामर्श भी दिये जा रहे हैं. हालांकि रांची विश्वविद्यालय ने अब तक इस दिशा में पहल नहीं की है. विश्वविद्यालय अभी भी राज्य सरकार के निर्देश के इंतजार में है. जबकि यूजीसी की ओर से भी एक गाइडलाइन है कि विद्यार्थियों के पठन-पाठन को देखते हुए और सुचारू करने के लिए सीनियर बच्चों को कॉलेज बुलाया जा सकता है. बशर्ते कोविड-19 गाइडलाइन का पूरी तरह पालन हो सके, लेकिन रांची विश्वविद्यालय राज्य का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय होने के नाते इसके अंगीभूत और संबद्धता प्राप्त भी कई कॉलेज हैं और इसी को देखते हुए फिलहाल विश्वविद्यालय में ऑफलाइन तरीके से क्लास शुरू नहीं करवाए गए हैं. क्योंकि विद्यार्थियों की संख्या इस विश्वविद्यालय में ज्यादा है, कहीं तमाम विद्यार्थियों को एकसाथ कॉलेज बुलाने से कोई अनहोनी न हो. इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन सरकार के निर्देश का इंतजार में है.

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ऑनलाइन क्लासेज से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा है फायदा
विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे की मानें तो विश्वविद्यालय की ओर से फिलहाल ऑनलाइन क्लासेस संचालित किए जा रहे हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसलिए विश्वविद्यालय ने भी अपने स्तर पर कुछ पहल की है. लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहा है. ऐसे में विद्यार्थियों को पठन-पाठन में काफी परेशानी हो रही है. यहां तक कि इस सेशन में वह नामांकन भी सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं. नए सत्र में नामांकन को लेकर विद्यार्थियों को चांसलर पोर्टल के जरिए आवेदन देना है. लेकिन विद्यार्थी आवेदन करने में समर्थ नहीं हो पा रहे हैं. क्योंकि उन्हें सही तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं मिल पा रहा है और रांची विश्वविद्यालय में नामांकन प्रतिशत में कमी की सबसे बड़ी वजह यही है. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के अधिकतर विद्यार्थी इस सत्र में नामांकन अब तक नहीं करवा पाए हैं. इस मामले को लेकर भी रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने चिंता व्यक्त की है.

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