रांची: पिछले साल 10 जून 2022 को रांची के मेनरोड में हुई हिंसा मामले की एनआईए से जांच की मांग वाली याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र और न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में सुनवाई हुई. सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने कोर्ट को बताया कि हिंसा कांड की जांच सीआईडी कर रही है. निष्पक्ष रूप से जांच चल रही है. इसमें किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं है. जांच को बहुत जल्द पूरा भी कर लिया जाएगा. उन्होंने याचिकाकर्ता द्वारा मामले की एनआई से जांच की मांग का विरोध किया. उन्होंने कहा कि इस मामले में एनआईए से जांच लायक कोई इश्यू है ही नहीं.
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सरकार के जवाब के बाद कोर्ट ने एनआईए के अधिवक्ता से भी पक्ष जानना चाहा. एनआईए की ओर से कहा गया कि रांची हिंसा मामले में ऐसा कोई इश्यू सामने नहीं आया है जिससे पता चले कि इस मामले की जांच एजेंसी को करनी चाहिए. दरअसल, किसी भी आपराधिक कांड में आतंकी गतिविधि शामिल होने पर ही एनआईए जांच करती है.
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से पूछा कि किस आधार पर मामले की एनआईए से जांच की जरूरत दिख रही है. कोर्ट ने कहा कि अगर इससे जुड़े दस्तावेज हैं तो उसे पेश करें. हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 2 अगस्त मुकर्र की है. आपको बता दें कि 10 जून को रांची के मेनरोड में हिंसा हुई थी. पथराव के बाद गोलियां भी चली थी. उपद्रवियों की पत्थरबाजी में रांची के तत्कालीन एसएसपी समेत कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. हालात बिगड़ने पर पुलिस ने फायरिंग की थी जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी और कई जख्मी हुए थे.
इस कांड के पीछे एक बड़ी साजिश का हवाला देते हुए पंकज यादव नामक शख्स ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका देकर एनआईए से जांच की मांग की थी. पूर्व में इसी मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों को अदालत में हाजिर होना पड़ा था. उसी दौरान कोर्ट ने पूरे मामले पर डिटेल रिपोर्ट पेश करने को कहा था. उसी आदेश के आलोक में सरकार की ओर से सीआईडी द्वारा हो रही जांच की पूरी जानकारी दी गई.