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H3N2 Virus in Jharkhand: झारखंड में एच3 एन2 वायरस की जांच की नहीं है व्यवस्था, दूसरे राज्यों पर हैं निर्भर, पढ़े रिपोर्ट - झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था

झारखंड के अस्पतालों में भी इन दिनों खांसी और बुखार के मरीज देखे जा रहे हैं. कई मरीज में एच3 एन2 के लक्षण भी दिख रहे हैं, लेकिन फिलहाल झारखंड में इसकी जांच की व्यवस्था नहीं है.

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Published : Mar 12, 2023, 9:29 PM IST

Updated : Mar 12, 2023, 9:46 PM IST

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रांची: देश में कोरोना के बाद एक बार फिर नए वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है. एच3 एन2 वायरस के खतरे को लेकर पूरे देशवासी डरे हुए हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से तैयारी में जुटा हुआ है. झारखंड की बात करें तो राज्य में फिलहाल इस वायरस के गंभीर मरीज नहीं मिले हैं, लेकिन अस्पतालों में इस वायरस के लक्षण वाले कई मरीज देखने को मिल रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः Ranchi News: टॉर्च की रोशनी में इलाज! रांची सदर अस्पताल का हाल

झारखंड के सभी अस्पतालों में खांसी कई दिनों से बुखार से ग्रसित मरीज मिल जाएंगे. रिम्स में कार्यरत वरिष्ठ चिकित्सक डॉ संजय सिंह बताते हैं कि एच3 एन2 वायरस भी मरीजों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने बताया कि इस वायरस से बचने के लिए मरीजों को मास्क का उपयोग करना चाहिए. साथ ही वायरस से ग्रसित मरीज से दूरी बनाकर रखनी चाहिए.

डॉक्टरों की मानें तो झारखंड में भी कई ऐसे मरीज पाए गए हैं. जिन के लक्षण एच3 एन2 की तरह देखे जा रहे हैं. कई अस्पतालों में जांच के दौरान ऐसे मरीज मिल रहे हैं जो लंबे समय से खांसी से ग्रसित हैं और शरीर में दर्द बुखार से भी पीड़ित हैं. लेकिन जांच कराने की व्यवस्था फिलहाल झारखंड में नहीं है. जिस वजह से उन्हें डॉक्टर अपने स्तर से इलाज कर रहे हैं.

वहीं कई बार इस लक्षण से ग्रसित मरीज अपने आप एंटीबायोटिक और अन्य दवा का सेवन कर लेते हैं, जो शरीर को सीधा हानि पहुंचा सकता है. वहीं यदि झारखंड में इस वायरस के जांच की व्यवस्था होती तो लोगों का जांच के आधार पर इलाज किया जा सकता था.

माइक्रोबायोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मनोज कुमार बताते हैं कि एच3 एन2 वायरस के सैंपल चेक करने का किट पूरे इंडिया में काफी कम है. देशभर में जो महत्वपूर्ण टेस्टिंग सेंटर है, वहीं पर इस वायरस को चेक करने की व्यवस्था है. हालांकि रिम्स में भी इसको लेकर इंतजाम किए जा रहे हैं. मशीन में लगने वाले प्राइमर की कमी की वजह से जांच संभव नहीं हो पा रहा है. यदि प्राइमर उपलब्ध हो जाता है तो रांची में भी जांच शुरू की जा सकती है.

डॉ मनोज कुमार ने बताया कि फिलहाल जांच के लिए सैंपल को कोलकाता भेजा जाएगा और दो से तीन दिन में रिपोर्ट ऑनलाइन तरीके से लोगों तक पहुंच जाएगी. वहीं एच3 एन2 वायरस की जांच किट नहीं होने को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से पूरे मामले पर बात की है. राज्य में एच3 एन2 वायरस जांच किट उपलब्ध कराने के लिए जो भी आवश्यक कार्रवाई है करने की बात कही.

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रांची: देश में कोरोना के बाद एक बार फिर नए वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है. एच3 एन2 वायरस के खतरे को लेकर पूरे देशवासी डरे हुए हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से तैयारी में जुटा हुआ है. झारखंड की बात करें तो राज्य में फिलहाल इस वायरस के गंभीर मरीज नहीं मिले हैं, लेकिन अस्पतालों में इस वायरस के लक्षण वाले कई मरीज देखने को मिल रहे हैं.

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झारखंड के सभी अस्पतालों में खांसी कई दिनों से बुखार से ग्रसित मरीज मिल जाएंगे. रिम्स में कार्यरत वरिष्ठ चिकित्सक डॉ संजय सिंह बताते हैं कि एच3 एन2 वायरस भी मरीजों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने बताया कि इस वायरस से बचने के लिए मरीजों को मास्क का उपयोग करना चाहिए. साथ ही वायरस से ग्रसित मरीज से दूरी बनाकर रखनी चाहिए.

डॉक्टरों की मानें तो झारखंड में भी कई ऐसे मरीज पाए गए हैं. जिन के लक्षण एच3 एन2 की तरह देखे जा रहे हैं. कई अस्पतालों में जांच के दौरान ऐसे मरीज मिल रहे हैं जो लंबे समय से खांसी से ग्रसित हैं और शरीर में दर्द बुखार से भी पीड़ित हैं. लेकिन जांच कराने की व्यवस्था फिलहाल झारखंड में नहीं है. जिस वजह से उन्हें डॉक्टर अपने स्तर से इलाज कर रहे हैं.

वहीं कई बार इस लक्षण से ग्रसित मरीज अपने आप एंटीबायोटिक और अन्य दवा का सेवन कर लेते हैं, जो शरीर को सीधा हानि पहुंचा सकता है. वहीं यदि झारखंड में इस वायरस के जांच की व्यवस्था होती तो लोगों का जांच के आधार पर इलाज किया जा सकता था.

माइक्रोबायोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मनोज कुमार बताते हैं कि एच3 एन2 वायरस के सैंपल चेक करने का किट पूरे इंडिया में काफी कम है. देशभर में जो महत्वपूर्ण टेस्टिंग सेंटर है, वहीं पर इस वायरस को चेक करने की व्यवस्था है. हालांकि रिम्स में भी इसको लेकर इंतजाम किए जा रहे हैं. मशीन में लगने वाले प्राइमर की कमी की वजह से जांच संभव नहीं हो पा रहा है. यदि प्राइमर उपलब्ध हो जाता है तो रांची में भी जांच शुरू की जा सकती है.

डॉ मनोज कुमार ने बताया कि फिलहाल जांच के लिए सैंपल को कोलकाता भेजा जाएगा और दो से तीन दिन में रिपोर्ट ऑनलाइन तरीके से लोगों तक पहुंच जाएगी. वहीं एच3 एन2 वायरस की जांच किट नहीं होने को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से पूरे मामले पर बात की है. राज्य में एच3 एन2 वायरस जांच किट उपलब्ध कराने के लिए जो भी आवश्यक कार्रवाई है करने की बात कही.

Last Updated : Mar 12, 2023, 9:46 PM IST
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