पटना: 1988 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी अरविंद पांडेय पर 23 साल बाद नीतीश सरकार ने कार्रवाई की है. बिहार सरकार ने अरविंद पांडेय के सैलरी और प्रमोशन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. गृह विभाग से जारी आदेश में दो बार सैलरी इंक्रीमेंट का लाभ अब इन्हें नहीं मिलने का जिक्र किया गया है. सरकारी आदेश के मुताबिक इनकी दो बार की वेतन वृद्धि पर राज्य सरकार ने रोक लगाई है. अरविंद पांडेय को मिल रही वर्तमान सैलरी पर भी सरकार ने आदेश दिया है. मंगलवार की शाम गृह विभाग की तरफ से आदेश जारी किया गया.
लापरवाही के आरोप में गिरी गाज
बात 23 साल पुरानी है. 1997 में पलामू के मनातू के बीडीओ भवनाथ झा की नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उस वक्त अरविंद पांडे जिला के एसपी थे. आरोप है कि उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरती थी. तभी से उनके खिलाफ डिपार्टमेंटल जांच चल रही थी. अब 23 साल बाद अधिकारी पर कार्रवाई हुई है. कार्रवाई के लिए संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC की सहमति भी सरकार ने ली है.
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पहले थे एसपी, अब हैं डीजी
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी अरविंद पांडे उस वक्त पलामू के पुलिस अधीक्षक थे. फिलहाल वो बिहार में सिविल डिफेंस के डायरेक्टर जनरल यानी DG हैं.