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आकांक्षी जिलों में झारखंड का प्रदर्शन बेहतर और बेहतरी की जरूरतः नीति आयोग

नीति आयोग के सीइओ अमिताभ कांत दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से झारखंड के आला अधिकारियों और जिलों के उपायुक्तों के साथ आकांक्षी जिलों में किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की. आयोग ने झारखंड के 19 आकांक्षी जिलों में किये जा रहे विकास कार्यों को बेहतर बताते हुए और बेहतरी की जरूरत पर बल दिया है.

आकांक्षी जिलों में झारखंड का प्रदर्शन बेहतर और बेहतरी की जरूरतः नीति आयोग
बैठक करते हुए मुख्य सचिव
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Published : Mar 21, 2020, 4:22 AM IST

रांचीः नीति आयोग ने झारखंड के 19 आकांक्षी जिलों में किये जा रहे विकास कार्यों को बेहतर बताते हुए और बेहतरी की जरूरत पर बल दिया है. खासकर पाकुड़, चतरा और गुमला जिले पर विशेष फोकस करने की जरूरत बताई है. आयोग ने और बेहतर प्रदर्शन के लिए झारखंड में प्रखंड और फील्ड स्तर पर खाली पदों को भरने को तव्वजो देने को कहा. मुख्य सचिव के स्तर से आकांक्षी जिलों में चल रही योजनाओं की सतत निगरानी करने का आग्रह करते हुए कहा कि आकांक्षी जिलों में योजनाओं के सफल संचालन के लिए वहां के उपायुक्तों को पूरे कार्यकाल तक बनाए रखना चाहिए.

और पढ़ें- रांची: सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा, 50 हजार का जुर्माना भी लगाया

वहीं हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, गुमला, रांची और पलामू में उपायुक्तों की ओर से की गई सकारात्मक पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस मॉडल को आयोग ने आकांक्षी जिलों वाले अन्य राज्यों से भी साझा किया है. नीति आयोग के सीइओ अमिताभ कांत दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से झारखंड के आला अधिकारियों और जिलों के उपायुक्तों के साथ आकांक्षी जिलों में किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.

स्वास्थ्य और शिक्षा पर फोकस कर रही राज्य सरकार

मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने नीति आयोग से कहा कि आकांक्षी जिलों में राज्य सरकार नीति आयोग की गाइडलाइन के अनुसार कार्य कर रही है. उसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष फोकस कर रही है. इसे लेकर ही सरकार ने पिछड़े और दुर्गम इलाकों में स्वास्थ्य सेवा देने वाले चिकित्सकों को विशेष प्रोत्साहन राशि देने जा रही है. मुख्य सचिव ने नीति आयोग को भरोसा दिलाया कि राज्य के अधिकारी आकांक्षी जिलों में नीति आयोग के मानकों के अनुरूप कार्य करने में कोई कसर नहीं उठा रखेंगे. मुख्य सचिव ने कहा कि एलडब्ल्यूई जिलों में मिलने वाली एससीए की राशि का वर्ष 2017-18 तथा 2018-19 का शत प्रतिशत तथा 2019-20 की राशि का 60 प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को भेज दिया गया है. राज्य सरकार अपनी ओर से भी 6 जिलों को अतिरिक्त राशि उपलब्ध करा रही है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग ऐसे जिलों को पुरस्कार राशि (क्रमशः 10,5 तथा 3 करोड़) नहीं दे रही है, जो पारस्परिक रैंकिंग में प्रथम, दूसरे अथवा तीसरे स्थान पर आते हैं, यदि उन्हें डीएमएफटी की राशि मिलती है. यह अवरोध हटना चाहिए, जिससे उन्हें भी अच्छा करने की प्रेरणा मिलती रहे.

बैठक में ये थे मौजूद

वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान झारखंड मंत्रालय में मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी के साथ विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव केएल ख्यांगते, प्रधान सचिव एपी सिंह, अविनाश कुमार, नीतिन मदन कुलकर्णी, सचिव प्रवीण टोप्पो, अमिताभ कौशल, सुनील कुमार समेत अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे.

रांचीः नीति आयोग ने झारखंड के 19 आकांक्षी जिलों में किये जा रहे विकास कार्यों को बेहतर बताते हुए और बेहतरी की जरूरत पर बल दिया है. खासकर पाकुड़, चतरा और गुमला जिले पर विशेष फोकस करने की जरूरत बताई है. आयोग ने और बेहतर प्रदर्शन के लिए झारखंड में प्रखंड और फील्ड स्तर पर खाली पदों को भरने को तव्वजो देने को कहा. मुख्य सचिव के स्तर से आकांक्षी जिलों में चल रही योजनाओं की सतत निगरानी करने का आग्रह करते हुए कहा कि आकांक्षी जिलों में योजनाओं के सफल संचालन के लिए वहां के उपायुक्तों को पूरे कार्यकाल तक बनाए रखना चाहिए.

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वहीं हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, गुमला, रांची और पलामू में उपायुक्तों की ओर से की गई सकारात्मक पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस मॉडल को आयोग ने आकांक्षी जिलों वाले अन्य राज्यों से भी साझा किया है. नीति आयोग के सीइओ अमिताभ कांत दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से झारखंड के आला अधिकारियों और जिलों के उपायुक्तों के साथ आकांक्षी जिलों में किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.

स्वास्थ्य और शिक्षा पर फोकस कर रही राज्य सरकार

मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने नीति आयोग से कहा कि आकांक्षी जिलों में राज्य सरकार नीति आयोग की गाइडलाइन के अनुसार कार्य कर रही है. उसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष फोकस कर रही है. इसे लेकर ही सरकार ने पिछड़े और दुर्गम इलाकों में स्वास्थ्य सेवा देने वाले चिकित्सकों को विशेष प्रोत्साहन राशि देने जा रही है. मुख्य सचिव ने नीति आयोग को भरोसा दिलाया कि राज्य के अधिकारी आकांक्षी जिलों में नीति आयोग के मानकों के अनुरूप कार्य करने में कोई कसर नहीं उठा रखेंगे. मुख्य सचिव ने कहा कि एलडब्ल्यूई जिलों में मिलने वाली एससीए की राशि का वर्ष 2017-18 तथा 2018-19 का शत प्रतिशत तथा 2019-20 की राशि का 60 प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को भेज दिया गया है. राज्य सरकार अपनी ओर से भी 6 जिलों को अतिरिक्त राशि उपलब्ध करा रही है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग ऐसे जिलों को पुरस्कार राशि (क्रमशः 10,5 तथा 3 करोड़) नहीं दे रही है, जो पारस्परिक रैंकिंग में प्रथम, दूसरे अथवा तीसरे स्थान पर आते हैं, यदि उन्हें डीएमएफटी की राशि मिलती है. यह अवरोध हटना चाहिए, जिससे उन्हें भी अच्छा करने की प्रेरणा मिलती रहे.

बैठक में ये थे मौजूद

वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान झारखंड मंत्रालय में मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी के साथ विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव केएल ख्यांगते, प्रधान सचिव एपी सिंह, अविनाश कुमार, नीतिन मदन कुलकर्णी, सचिव प्रवीण टोप्पो, अमिताभ कौशल, सुनील कुमार समेत अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे.

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