रांची: गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकात दुबे ने ट्वीट कर न सिर्फ राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है बल्कि मंत्री मिथिलेश ठाकुर की सदस्यता जाने की भी बात कही है. उन्होंने लिखा है कि हेमंत सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने ठेकेदारी की बात चुनाव आयोग को नहीं बताई है. अब उनकी सदस्यता समाप्ति का नोटिस चुनाव आयोग भेज रहा है. उन्होंने आगे लिखा है कि इस मामले में पूर्व में गलत रिपोर्ट देने वाले झारखंड प्रशासनिक अधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है. हालाकि उनके इस कथन पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. एक शख्स ने उन्हें टैग करते हुए लिखा है कि क्या निशिकांत दुबे जी को ईडी और चुनाव आयोग ने अपना प्रवक्ता बना लिया है. क्या भाजपा सरकार में संवैधानिक संस्थाएं स्वतंत्र निष्पक्ष कार्य करना तक भूल गई हैं.
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निशिकांत दुबे ने एक के बाद एक तीन और ट्वीट कर सीएम हेमंत सोरेन पर भी गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा है कि साल 2018 में उन्हें और भाजपा विधायक अनंत ओझा को जान से मारने की धमकी और पैसे की मांग फोन पर की गई थी. इसको लेकर उन्होंने दिल्ली में और अनंत ओझा ने साहिबगंज में प्राथमिकी दर्ज करवायी थी. निशिकांत दुबे ने आगे लिखा है कि वह अपराधी पकड़ा गया है. उसके अनुसार निशिकांत दुबे को मारने की सुपारी देवघर निवासी विष्णुकांत झा ने दी थी, जिनपर हत्या के भी केस दर्ज हैं. निशिकांत दुबे का आरोप है कि उस विष्णुकांत झा के जरिए सीएम हेमंत सोरेन और अन्य पदाधिकारी उनपर केस करवाते रहे और उसे बचाते रहे. उनका आरोप है कि विष्णुकांत झा को रिवाल्वर का लाइसेंस भी दिया गया. ऐसे में लगता है कि मुख्यमंत्री इन अपराधियों को संरक्षण देकर मेरी और मेरे परिवार की हत्या कराना चाहते हैं. धमकाने वाले को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
निशिकांत दुबे के इस ट्वीट पर झामुमो ने कड़ी टिप्पणी की है. पार्टी नेता विनोद पांडेय ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने कहा कि सीएम पर लगाए गये आरोप पर पार्टी उनको जवाब देगी. मंत्री मिथिलेश ठाकुर की सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग की नोटिस के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सभी जानते हैं कि सरकार को अस्थिर करने की साजिश कौन कर रहा है. उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे किसके इशारे पर संवैधानिक एजेंसियों को डायरेक्शन दे रहे हैं. इसकी वजह से संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. केंद्र सरकार को इसपर जवाब देना चाहिए.